डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Solid Waste Management, चंडीगढ़ : हरियाणा आबादी के लिहाज से बड़ा राज्य नहीं है, लेकिन गांवों में भी अब शहरों की तरह उचित कचरा प्रबंधन समेत कई तरह के अतिरिक्त इंतजामात की आवश्यकता पड़ने लगी है। पिछले दिनोंं हरियाणा में गांवों में ग्रामीण क्षेत्रों की स्वच्छता को महत्व देते हुए अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को लागू किए जाने की घोषणा की गई है। योजना के तहत हरियाणा के जो गांव महाग्राम योजना में आते हैं, उनमें ठोस कचरा प्रबंधन की पहले ही घोषणा हो जा चुकी है। अब सामने आया है कि जिन गांवों की जनसंख्या 7100 से ज्यादा है, वहां भी ये योजना लागू की जाएगी।
जिन ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं, वह शहरों की तरह साफ दिखाई देंगे। वहीं महाग्राम योजना के तहत कवर किए जाने वाले गांवों में कचरे के निस्तारण व उठान के लिए संबंधित ग्राम पंचायतों को हॉपर टिपर डंपरों को खरीदने की अनुमति दी गई है। इन्हें ड्राइवर-कम-वेस्ट कलेक्टर उपलब्ध करवाया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र में सफाई हो सकेगी तथा कचरे का सही प्रबंधन होगा। इन गांवों में पहले ही सरकार ने ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र लगाने के निर्देश दिए हुए हैं। संग्रहण के बाद ठोस अपशिष्ट के उचित प्रबंधन के लिए 10,000 और उससे अधिक की आबादी वाले सभी महाग्रामों की ग्राम पंचायतों में अपशिष्ट प्रबंधन शेड का निर्माण किया जा रहा है। जिनकी आबादी 7100 से अधिक है। इन गांवों में ग्राम पंचायतों का विस्तार किया जाएगा और अपशिष्ट प्रबंधन की संस्थागत प्रणाली लागू की जाएगी। इससे भी कचरे का उचित निस्तारण हो सकेगा।
जानकारी में ये भी सामने आया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर भी काम शुरु हो गया है। ग्रामीण क्षेत्र में सफाई बढ़ाने के क्षेत्र में एक और बड़ी अहम बात यह होगी कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। फिलहाल ग्रामीण क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों की कमी के कारण सफाई नहीं हो पा रही थी। तीन हजार तक की आबादी वाले गांवों में दो-दो सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति हो सकेगी। पांच हजार की जनसंख्या वाले गांवों में दो से अधिक सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति हो सकेगी। प्रदेश में फिलहाल 11,254 सफाई कर्मचारियों के पद हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर अब 18,580 हो जाएगी। इसके चलते अब 7326 लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
पिछले दिनों राज्य की ग्राम पंचायतों में ठोस कचरा प्रबंधन पर व्यापक समाधान उपलब्ध कराने के सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर जानकारी मांगी गई थी। ग्राम पंचायतों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के व्यापक समाधान हेतु राज्य की ग्राम पंचायतों में 5866 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शेड स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 2121 पूर्ण हो चुके हैं तथा 683 निर्माणाधीन है।
149 ग्राम पंचायतें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पुराने भवनों/स्थानों का उपयोग कर रही हैं। इसके अलावा, हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग निपटान और आपूर्ति विभाग, हरियाणा के माध्यम से 10,000 और उससे अधिक की आबादी वाले महाग्राम और ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर ठोस कचरे के संग्रहण, परिवहन, पृथक्करण और सुरक्षित निपटान के लिए 160 हॉपर टिपर डंपरों की खरीद की प्रक्रिया में हैं।
राज्य में 10000 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों में सरकार द्वारा सीवरेज प्रणाली उपलब्ध करवाई गई है। राज्य में 10000 व्यक्तिओं या अधिक जनसंख्या वाले सभी गांवों में सीवरेज प्रणाली तक जमाए जाने की संभावना है। संबंधित मंत्रालय के अनुसार राज्य में 2011 की जनगणना के अनुसार 121 गांव हैं जिनकी जनसंख्या 10,000 से अधिक थी। जिलेवार गांवों के नाम जहां सीवरेज प्रणाली प्रदान की जा चुकी है।
जिलेवार गांवों के नाम जहां सीवरेज प्रणाली प्रदान की जा चुकी है वे हैं गांव सोतई और तिगांव जिला फरीदाबाद, गांव नाहरपुर जिला गुरुग्राम, गांव क्योड़क और पाई जिला कैथल, गांव काचवा जिला करनाल, गांव सीवाह जिला पानीपत, गांव सरस्वती नगर जिला यमुनानगर, गांव खानपुर कलां जिला सोनीपत तथा गांव सोंधहड़, दीघोट और भिदुकी जिला पलवल हैं। महाग्राम योजना के अन्तर्गत चयनित समय गांवों में सीवरेज प्रणाली साल 2027 तक पूरा होने की संभावना है। ये काम 31 दिसंबर 2027 कर पूरा होने की संभावना है।
गत दिनों सिरसा के बकरियानवाली गान में कचरा प्रबंधन प्लांट में कई तरह की समस्या पेश आई और कई अन्य जिलों में भी ये दिक्कत निरंतर पेश आ रही हैं। आम तौर पर ग्रामीणों की मांग रहती है कि फायर सेफ्टी सिस्टम लगाया जाना चाहिए और चारों ओर की टूटी दीवारों को ठीक करवाया जाए। इसके दीवारों के साथ 15 फुट का फुटपाथ बनाया जाए और सालों पुराने कचरे को खत्म करने की व्यवस्था करना सुचारु रूप से हो। इसके अलावा प्लांट के चारों ओर पौधरोपण और नियमित रूप से दवाओं के छिड़काव और निस्तारण के बाद बचे हुए कचरे का नियमित रूप से उठान की मांग रहती है।
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