डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़ :
70 Lakh Animals will get Treatment : हरियाणा में कुछ समय पहले आम जन को किसी भी तरह की आपात स्थिति के दौरान 10 से 15 मिनट में मदद मुहैया करवाने के लिए डायल 112 आपातकालीन सेवा शुरु की गई है। कुछ इसी ही तर्ज पर बेजुबान करीब 70 लाख पशुओं को एक कॉल में घर पर ही इलाज उपलब्ध कराया जाएगा और इससे उनकी असामयिक मौत नहीं होगी।
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प्रदेश के पशुपालन विभाग द्वारा योजना को करीब करीब अमली जामा पहनाया दिया गया है औऱ कुछ ही दिन पशुओं के लिए मोबाइल वैन संचालित हो जाएंगी। इनको हर जिले में ब्लॉक में तैनात किया जाएगा और यहीं से संबंधित पशुधन मालिक के घर पशु के इलाज के लिए मदद भेजी जाएगी।
या यूं कह सकते हैं कि मोबाइल वैन एक चलता फिरता पशु अस्पताल होगा जो पशु को कहीं भी समय पर इलाज उपलब्ध करवाने में सक्षम होगा। फिलहाल जो जो हेल्पलाइन नंबर स्थापित किया जाना है, उस फाइनल फैसला जल्द ही किया जा रहा है। ये भी संभावना है कि कोई टोल फ्री नंबर जारी किया जाए जिस पर जरूरतमंद पशुधन मालिक इलाज के लिए कॉल कर सके।
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हरियाणा में करीब 140 ब्लॉक हैं। पशुओं को इलाज मुहैया कराने के लिए करीब 70 मोबाइल वैन खरीदी जानी हैं औऱ ऐसे में औसतन दो ब्लॉक पर एक मोबाइल तैनात होगी जो आपातकालीन स्थिति में हर समय पशुओं की मदद के लिए तैनात रहेंगी।
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मिली जानकारी अनुसार ये मोबाइल वैन बेहद ही आधुनिक होंगी। इनमें पशुओं के इलाज में काम आने आधुनिक मशीन होंगी। उनकी बीमारी को डायग्नोस करने के लिए हर लैब फेसिलिटी वैन ही होगी। मोबाइल वैन में एक वेटरनरी सर्जन हर समय रहेगा। इसके अलावा एक एनिमल अटेंडेंट होगा और वैन पर एक ड्राइवर की ड्यूटी रहेगी। ऐसे में साफ है कि अत्याधुनिक पशु ट्रीटमेंट सुविधाओं के साथ बेहतरीन पशु एक्सपर्ट एक कॉल पर कुछ ही मिनट में जरूरत वाली जगह मौजूद होंगे।
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प्रदेश अगर पशु संख्या की बात करें तो आंकड़ा करीब 70 लाख है। इनमें से 43.5 लाख संख्या तो भैंस (बफैलो) की है तो वहीं 19.5 संख्या गाय (मेल-फिमेल) की है। इन दोनों को मिलाकर आंकड़ा 63 लाख बैठता है। इसके अलावा भेड़ बकरियां, सूअर और घोड़ों को भी इलाज मोबाइल वैन के जरिए मुहैया करवाया जाएगा। वहीं 2.88 लाख संख्या भेड़ की है। इसके अलावा बकरियों की संख्या 3.6 लाख है। वहीं सूअरों की संख्या 1.08 लाख है। अगर घोड़ों की बात करें तो आंकड़ा करीब 10 हजार है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सभी कैटेगरी के पशुओं के लिए मोबाइल वैन सुविधा उपलब्ध रहेगी।
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जो लोग पशुपालन के पेशे से जुड़े हैं, उनमें से ज्यादातर किसान हैं। हालांकि बार बार चर्चा उठती रही है कि किसानों की आर्थिक हालत दयनीय है और उनको इस मोर्चे पर मजबूत किए जाने की जरूरत है। खेती के अलावा वो पशुपालन के जरिए भी थोड़ा बहुत खर्च निकाल लेते हैं। लेकिन कई बार गंभीर बीमारी के चलते पशु की मौत होने की स्थिति में किसान या पशुधन मालिक को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब इस तरह के केसिज में कमी आएगी और किसानों को इस नई सुविधा से फायदा मिलना तय है।
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वहीं ये बता दें कि ये स्कीम पड़ोसी को इसी स्कीम के तहत 450 मोबाइल वैन दी जा चुकी हैं। केंद्र सरकार की स्कीम है कि हर एक लाख पशु धन पर 1 मोबाइल वैन होनी चाहिए ताकि समय पर उनको इलाज मुहैया करवाया जा सके। वहां भी इसके काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं औऱ पशुधन रखने वाले लोगों को काफी फायदा मिल रहा है।
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पशुओं को कई तरह की गंभीर बीमारियों होती हैं जिनके चलते कई दफा उनकी मौत भी हो जाती है। अगर ऐसी स्थिति में समय पर इलाज मिल जाए तो उनकी जिंदगी बचाना आसान है। सबसे ज्यादा दिक्कत पशु की डिलीवरी (कालविंग) के दौरान आती है तो कई बार पशु बीमार हो जाता है। इसके अलावा मिल्क फीवर की समस्या भी पेश आती है। उपरोक्त के अलावा कई बार वैक्टर बोन डिजीज भी उनको होती है।
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ये स्कीम जल्दी ही शुरू की जानीइस बारे में जानकारी देते हुए कृषि मंत्री हरियाणा जेपी दलाल ने बताया कि स्कीम के शुरू होने के बाद पशुओं को तुरंत बिना की व्यवधान के घर पर भी इलाज मिलेगा औऱ पशु की असामयिक मौत नहीं होगी। इन मोबाइल वैन को ब्लॉक स्तर पर तैनात किया जाना है। बेहतरीन ट्रीटमेंट सुविधाएं होंगी और ये मोबाइल वैन एक तरह से हॉस्पिटल ऑन व्हील्स होगा। इस नई फैसिलिटी के शुरू होने से पशुधन मालिकों व कृषि वर्ग को भी फायदा होगा।
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