होम / Historical Fort Hansi : हांसी के ऐतिहासिक किले पर बनेगा म्यूजियम, किले व हांसी के इतिहास से जुड़ी जानकारियां संग्रहालय में रखी जाएगी सुरक्षित

Historical Fort Hansi : हांसी के ऐतिहासिक किले पर बनेगा म्यूजियम, किले व हांसी के इतिहास से जुड़ी जानकारियां संग्रहालय में रखी जाएगी सुरक्षित

• LAST UPDATED : December 22, 2024
  • चंडीगढ़ की टीम ने ड्रोन उड़ा कर किया किले का सर्वे, पुरातत्व विभाग की जमीन पर बने मकानों की ड्रोन से की वीडियोग्राफी
  • पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग चंडीगढ़ की टीम ने हांसी के ऐतिहासिक पृथ्वीराज चौहान किले का किया निरीक्षण

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Historical Fort Hansi : प्रदेश में ऐतिहासिक रूप से सबसे समृद्ध नगरों में हांसी शहर का नाम शुमार है। राजपूत और मुगल साम्राज्य की अनेक ऐतिहासिक निशानियां आज भी इस शहर में देखी जा सकती हैं।  यहां की सबसे प्रमुख धरोहरों में शुमार है पृथ्वीराज चौहान का सदियों पुराना विशाल किला और शहर के बीचोबीच स्थित बुलंद दरवाजा जिसे बड़सी गेट के नाम से भी जाना जाता है। दोनों ही ऐतिहासिक धरोहर विश्व विख्यात हैं।

Historical Fort Hansi : ड्रोन उड़ाकर पूरे किले की जमीन जमीन का जायजा लिया

पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग चंडीगढ़ निदेशालय की टीम ने रविवार को हांसी के करीब 30 एकड़ से ज्यादा में फैले ऐतिहासिक पृथ्वीराज चौहान किले का निरीक्षण किया। टीम में शामिल सर्वेयर सुपरिटेंडेंट ऑफिसर के.कबुई ने ड्रोन उड़ाकर पूरे किले की जमीन जमीन का जायजा लिया। पूरे किले की हालत को दिखा। इसके साथ ही किले के नजदीक पुरातत्व विभाग की जमीन पर बने अवैध मकानों की ड्रोन से वीडियोग्राफी करवाई। बता दें कि किले के आस-पास काफी अवैध निर्माण है, जिसमें 2012 में पुरातत्व विभाग ने इन्हें पहली बार खाली करने बारे नोटिस भी दिया गया था।

आज के.कुबई किले पर पहुंची थी

इसके बाद हाल ही में नोटिस दिए गए है, जिसको लेकर अवैध कब्जा धारियों को 163 मकान विभाग ने तैयार करके दिए है। इसके बाद भी इन कब्जा धारियों ने इस इंक्रोचमेंट को नहीं हटाया जिसको लेकर आज के.कुबई किले पर पहुंची थी। इसके साथ ही किले के सौंदर्यीकरण को लेकर भी विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण किया। के. कुबई ने कहा कि किले की चारदीवारी बनवाई जाएगी, जिससे कि इसकी मिट्टी झड़ने से बचाया जा सके। कैमरे पर बोलने से के. कुबई ने साफ इंकार कर दिया जबकि ऑनलाइन कैमरा उन्होंने ये सभी जानकारी दी।

इस किले के विशाल गेट को बड़सी गेट के नाम से जाना जाता

पृथ्वीराज चौहान का यह किला पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित इमारतों की फेहरिस्त में है। शहर के बीचोबीच स्थित करीब 30 एकड़ में फैले विशाल किले पर राजपूतों से लेकर मुगल और फिर फिरंगियों ने राज किया. किले के निर्माण की असली तारीख को लेकर इतिहासकारों में भी मतभेद है। ऐसा माना जाता है कि इस ऐतिहासिक किले का निर्माण 1191 में सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने तराइन के पहले युद्ध में फतेह हासिल करने के बाद किया था। यहां सैनिक छावनी बनाई गई थी।

उस दौर में किले के सामरिक महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसे जीतने के लिए ख्वाजा हाशिम उद्दीन, ख्वाजा असमान और रहमान से लेकर कई मुगल शासकों ने हमले किए. एक समय पर इसे हिंदुस्तान की दहलीज भी कहा जाता था। ये कहावत थी कि जो भी हमलावर हांसी की दहलीज को लांघ लेगा वही हिंदुस्तान पर शासन करेगा। इस किले के विशाल गेट को बड़सी गेट के नाम से जाना जाता है। बाजार के बीचोबीच स्थित इस दरवाजे के नीचे से लोग गुजरते हैं।

Kumari Selja का संसद में हुई धक्का मुक्की पर बयान, संसद परिसर में सत्ता पक्ष के सांसद ने की थी धक्का मुक्की, एफआईआर राहुल गांधी पर

Kurukshetra में 26 दिसंबर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित कर मनाया जाएगा वीर बाल दिवस, सीएम सैनी करेंगे शिरकत

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT