India News (इंडिया न्यूज़), Aap Badlav Yatra, चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी ने प्रदेशस्तरीय बदलाव यात्रा के 7वें दिन आप नेताओं ने हरियाणा में स्वास्थ्य सुविधाओं के मुद्दे पर मनोहर सरकार को घेरा। सातवें दिन प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता बहादुरगढ़ में रहे। प्रदेश प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर हिसार, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा नारनौंद और प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा कैथल के गुहला में रहीं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता का स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। जनता हजारों रुपए फूंककर निजी अस्पतालों में इलाज करवाने को मजबूर है।
डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की हालत बिल्कुल खस्ता हो चुकी है। मनाेहर सरकार ने प्रदेश के अस्पतालों को ही बीमार कर दिया है। मनोहर सरकार लगातार वादे भी करती है, घोषणाएं भी करती है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो पाता। प्रदेश के अस्पतालों की हालत बिल्कुल जर्जर हो चुकी है।
गुरुग्राम सिविल हॉस्पिटल बनाने की घोषणा पांच साल पहले हुई थी। अब तक एक ईंट नहीं रखी गई है। अस्पतालों में रखी लाखों की मशीनें कबाड़ में बदल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे प्रदेश में 500 जन औषधि केंद्र खोलने की घोषणा की। धरातल पर केवल 93 बने और इनमें से भी 58 बंद हो चुके हैं। जनता को पांच गुना दामों पर दवाई खरीदनी पड़ती है।
प्रदेश प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि आज हरियाणा की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है। सरकारी अस्पतालों की हालत जर्जर है, मशीनों को चलाने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की आयुषमान योजना भी फेल निकली, हरियाणा सरकार के प्राइवेट अस्पतालों का हजारों करोड़ रुपए देने बाकी है। अब प्राइवेट अस्पताल इलाज के लिए मना करने लगे हैं। इसके अलावा कभी डॉक्टर तो कभी नर्सें हड़ताल पर रहती हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझ रही है। वहीं सीएम व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज आपस में लड़ने में लगे रहते हैं। स्वास्थ्य विभाग में 850 फाइलें आज भी पेंडिग पड़ी हैं, जिन पर कोई काम नहीं हो रहा। इसका मतलब भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सुविधाएं भी ठप पड़ी हैं।
वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी रेवाड़ी में एम्स बनाने की घोषणा करके गए थे, लेकिन अभी तक नींव की ईंट भी नहीं रखी गई है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की लड़ाई ने प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं का बेड़ा गर्क करने का काम किया है। पीजीआईएमएस जैसे बड़े संस्थानों में भी न चिकित्सक हैं और न ही दवाइयां उपलब्ध हैं। 50 प्रतिशत से ज्यादा चिकित्सकों के पद खाली हैं।
प्रदेश का स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर इमरजेंसी की स्थिति है। जनता प्राइवेट अस्पतालों के भरोसे रहने को मजबूर है। वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने 533 मोहल्ला क्लिनिक खोले हैं, जिनमें सभी तरह के टेस्ट और दवाइयां मुफ्त मिलती हैं। अब तक 2 करोड़ से ज्यादा मरीज इसका फायदा उठा चुके है। वहीं पंजाब में 16000 गांव में इसी तरीके से गांव क्लीनिक और मोहल्ला क्लीनिक खोलने की शुरुआत हो चुकी है।
प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने कहा कि पिछले 10 सालों में हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाएं बहुत पीछे चली गई है। पिछले दिनों चरखी दादरी के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में बिजली नहीं है। आज हरियाणा में मोबाइल फोन टॉर्च की लाइट में महिला की डिलिवरी हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ते डेंगू व मलेरिया के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण लगाने में प्रदेश सरकार असफल रही है। अस्पतालों में आज भी एसडीपी मशीनें नहीं हैं।
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