डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Aarohi School Teachers, चंडीगढ़ : हरियाणा में ग्रामीण परिवेश से संबंध रखने वाले बच्चों को इंग्लिश मीडियम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए आरोही स्कूलों की स्थापना की गई थी। शिक्षा के लिहाज से पिछड़े खंडों में हरियाणा बैकवर्ड ब्लॉक एजुकेशनल सोसाइटी के तहत इन स्कूलों की स्थापना की गई थी। आरोही स्कूलों में करीब 300 टीचर्स को पक्के करने का मामला लगातार 5 साल से लंबित है। चुनाव से ऐन पहले स्कूलों में कार्यरत संबंधित स्टाफ ने मामले को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है और इस मामले को राजनीतिक एंगल से भी देखा जा रहा है।
टीचर्स का कहना है कि सरकार के आश्वासन संदर्भ में करीब 8 महीने से फाइल हरियाणा शिक्षा विभाग के पास अटकी है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दो बार इस बारे शिक्षा विभाग के आला अफसर को फाइल भेजने को लिख चुके हैं, मगर उसके बावजूद फाइल आगे नहीं सरकी। अब फिर से प्रधान सचिव ने इस मामले में आरोही मॉडल स्टाफ एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल के ज्ञापन पत्र को विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजा है। चूंकि अंतिम फैसला सरकार को करना है तो अब इस पर सबकी टकटकी बनी हुई है।
बता दें कि पिछले वर्ष 21 जुलाई को शिक्षा विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में आरोही मॉडल स्कूल सोसायटी की गवर्नमेंट बॉडी की मीटिंग हुई थी, जिसमें आरोही मॉडल सोसायटी के नियमों पर चर्चा करते हुए इनके 5 वर्ष पूरे कर चुके शिक्षक तथा गैर शिक्षक कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन इसके बाद भी मामला लंबित है। गौरतलब है कि इन आरोही स्कूलों को केंद्र सरकार की ग्रांट की मदद से 2011 को खोला गया था। मकसद था शैक्षणिक पिछड़े ब्लॉक के छात्रों को अंग्रेजी माध्यम से स्कूलों की व्यवस्था उपलब्ध करवाना। इन स्कूलों के लिए विभिन्न कैटेगरी के करीब 2232 पदों को स्वीकृत किया गया। इनके लिए सर्विस बाइलाज 2011 तैयार किया गया।
2018 में उप नियमों के तहत ही इन स्कूलों के नियमित करने के लिए योग्य स्टाफ के केस मांगे गए थे। जिन्हें जिला शिक्षा अधिकारियों के मार्फत हरियाणा शिक्षा निदेशालय को भिजवा दिया गया था। मगर उसके बावजूद आज तक ये मामला लटका हुआ है। अब सीएम के प्रधान सचिव ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को ये मामला खुद व्यक्तिगत तौर पर देखकर रिपोर्ट करने को कहा है।
वहीं यह भी बता दे कि नियम अनुसार इन टीचर्स की ट्रांसफर भी नहीं की जा सकती। इसी में ये उपनियम था कि जो स्टाफ अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लेगा और उसका कामकाज संतोषजनक होगा, उसे नियमित कर दिया जाएगा। तब तक ये स्टाफ कांट्रेक्ट पर काम करेगा। मगर 2018 में इस संदर्भ में केस मांगने के बावजूद फाइल लटकी हुई है। ज्ञात हो कि पिछले 5 वर्षों में शिक्षा निदेशालय की तरफ से 5 वर्ष पूर्ण कर चुके आरोही मॉडल विद्यालय के शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों के केस तीन बार मांगे जा चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक नियमितिकरण की फाइल दफ्तरों के चक्कर ही काट रही है।
मामले को लेकर एकदम तो कुछ नहीं कह सकता, लेकिन एक बार टर्म और कंडीशंस देखनी पड़ेंगी, इसके बाद ही कुछ कह सकता हूं। नियमों के आधार पर जो हो सकता है वही किया जाएगा।
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