होम / Adampur by Election : यहां न तो महंगाई और बेरोजगारी मुद्दा, न ही राज्य सरकार की लुभावनी योजनाओं का असर

Adampur by Election : यहां न तो महंगाई और बेरोजगारी मुद्दा, न ही राज्य सरकार की लुभावनी योजनाओं का असर

• LAST UPDATED : October 18, 2022
  • स्थानीय समस्या, जातिगत समीकरण तथा विकास ही चुनाव के प्रमुख मुद्दे

पवन शर्मा, आदमपुर से उपचुनाव ग्राऊंड रिपोर्ट (Adampur by Election) : हिसार से लगभग 4 किलोमीटर चलते ही हरियाणा का वीआईपी विधानसभा क्षेत्र आदमपुर (Adampur) शुरू हो जाता है। माना जाता है कि इस हलके में हमेशा परिवार वर्सीस पार्टी का ही मुकाबला होता है। कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उप चुनाव के कारण फिर से आदमपुर सुर्खियों में है।

कांग्रेस उम्मीदवार का कहना है कि वे यहां के लोगों को एक ही परिवार से आजादी दिलवाने आए हैं तो वहीं कुलदीप बिश्नोई लोगों से भजनलाल के गढ़ को कायम रखने के नाम पर वोट मांग रहे हैं। यहां न तो राष्ट्रव्यापी महंगाई और बेरोजगारी कोई मुद्दा है और न ही राज्य सरकार की लुभावनी योजनाओं का कोई खास असर। यहां स्थानीय समस्या, जातिगत समीकरण तथा विकास ही चुनाव के प्रमुख मुद्दे सामने आ रहे हैं।

इबी तो भव्य ही थोड़ो आगे लाग्ये है…

कुलदीप बिश्नोई की चिंता यहां से अपनी परंपरागत सीट बचाने की है तो कांग्रेस सेंधमारी के प्रयास में जुटी हुई है। हिसार से सिरसा नेशनल हाईवे पर कुछ दूर चलते ही आदमपुर हलके का पहला गांव है झीड़ी। गांव के बस स्टैंड पर ही कुछ लोग बैठे हैं और चुनावी चर्चा में मशगूल हैं। जब उनसे पूछा जाता है कि क्या माहौल है तो बागड़ी बोली में बताते हैं भजनीया आला पोता और जेपी के मह कड़ा मुकाबलो है। इबी तो भव्य ही थोड़ो आगे लाग्ये है, पन कांग्रेस जोर लगावगी तो किमे भी हो सके है।

भजनलाल के कारण पहले इलाके की बोलती थी तुती

ग्रामीण फौजी रामफल का कहना है कि हलके में विकास रूका हुआ है। सड़कें टूटी पड़ी हैं। रोजगार नहीं है। एक जमाना था जब भजनलाल के कारण इलाके की तुती बोलती थी। गांव में बिश्नोई समुदाय के लोग अधिक हैं तो साफ है कुछ पलड़ा भाजपा का भारी है, मगर कुलदीप का-बार पलटी मारना भी लोगों को भा नहीं रहा। झीड़ी से अगला गांव ठस्का है। यहां बात की गई तो लोगों का कहना है कि वोट बराबर के हैं। पिछले चुनावों में कुलदीप कुछ वोटों से जीत गए थे, मगर इस बार ऐसा शायद न हो।

गांव कालीरावण में कांग्रेस प्रत्याशी जेपी…

वहीं यहां से जब निकले तो पता चला कि गांव कालीरावण में कांग्रेस प्रत्याशी जेपी (Congress candidate JP) आए हुए हैं। जेपी जनसभाओं में कुलदीप की नाकामी गिनवा रहे हैं। उनका कहना है कि वे हलके में इसलिए नहीं आए, क्योकि कुलदीप और वो कुछ दिन पहले तक एक ही पार्टी में थे लिहाजा उनका आना बनता नहीं था। मगर अब आप लोगों के बीच ही रहुंगा। विकास करवाऊंगा।

गांव कालीरावण के राजेश का कहना है कि मुकाबला एकतरफा नहीं है। इनेलो और आम आदमी पार्टी का हलके में कोई वजूद नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी यहां से पहले भी चुनाव लड़ते रहे हैं। इस बार संपत सिंह भी सही मन से चुनाव में लगे हैं। हुुड्डा पिता-पुत्र ने चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया हुआ है।

लोग सोच-समझकर करेंगे फैसला

लोगों को रह-रहकर भजनलाल का समय याद आता है। मोहब्बतपुर के सतपाल का कहना है कि राजनीति बदल गई है। कुलदीप दिल्ली रहते हैं। भव्य अभी आए हैं। भजनलाल सबको जानते थे। जो गुण चौधरी भजन लाल में थे वो उनके उतराधिकारीयों में नहीं हैं।

राजेश का कहना है कि जेपी भी चुनाव के समय आए हैं। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या किया जाए। अभी चुनाव में समय बाकी है लिहाजा सोच-समझ कर ही फैसला करेंगे। अभी वोट कहां देने हैं फैसला नहीं किया है।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

बहराल चुनाव अभी शुरू हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर है। चुनाव 20 अक्टूबर के बाद जोर पकड़ेगा। मगर इतना तय है कि लोकसभा चुनावों में भव्य का आदमपुर से 26 हजार वोटों से पिछड़ना उनके लिए अब चुनौती बना हुआ है। वह इस चुनौती को किस तरह से निपटाएंगे यह आने वाला समय बताएगा।

ये भी पढ़ें : Haryana Panchayat Election 2022 : चुनावों की घोषणा के बाद प्रदेश की सियासत गर्म

Connect With Us : Twitter, Facebook

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT