India News Haryana (इंडिया न्यूज), Advisory on Heat Wave : हरियाणा में गर्मी लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसी कारण राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने भी लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया कि गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा लगातार बढ़ जाता है। इन दिनों प्रदेश के सिरसा में 48.4 तो नूंह में 48 डिग्री पारा चल रहा है।
ऐसे में धूप में घूमने वालों, खिलाड़ियों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है, हम लू से बचे रहें, यानी इलाज से बचाव बेहतर है। इसलिए आमजन से आह्वान किया गया है कि वे सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी की पूर्णत: पालना करें और लू से बचे रहें।
लू से बचाव के लिए स्थानीय मौसम संबंधी खबरों के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें, गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, अपना सिर ढककर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं-भले ही प्यास न लगी हो, ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का मांड) नींबू-पानी, छाछ आदि का सेवन कर तरोताजा रहें।
बच्चों को वाहनों में छोड़कर न जाएं। इससे उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है। नंगे पांव बाहर न जाएं, गर्मी से राहत के लिए हाथ का पंखा अपने पास रखें, काम के बीच में थोड़ा-थोड़ा विश्राम लें, खेत-खलिहान में काम कर रहे हैं तो समय-समय पर पेड़ या छाया में आसरा लें।
गर्मी के मौसम में जंक फूड का सेवन न करें। ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना खाएं। खासतौर से दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच धूप में सीधे न जाएं। यदि बच्चे को चक्कर आएं, उल्टी, घबराहट अथवा तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो तो चिकित्सक को दिखाएं।
एडवाइजरी में कहा गया है कि जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। उन्हें घर के भीतर रखें, पानी के दो बाउल रखें ताकि एक में पानी खत्म होने पर वे दूसरे से पानी पी सकें। यदि उन्हें घर के भीतर रखा जाना संभव न हो तो किसी छायादार स्थान में रखें, जहां वे आराम कर सकें।
ध्यान रहे कि जहां उन्हें रखा जाए वहां दिनभर छाया रहे। अपने पालतू जानवर का खाना धूप में न रखें, जानवरों को किसी बंद जगह में न रखें, यदि आपके पास कुत्ता है तो उसे गर्मी में न टहलाएं। उन्हें सुबह और शाम को घुमाएं। कुत्ते को गर्म सतह (पटरी, तारकोल की सड़क, गर्म रेत) पर न टहलाएं। किसी भी स्थिति में जानवर को वाहन में न छोड़ें।
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