इंडिया न्यूज, चंडीगढ़/नई दिल्ली।
Agriculture Laws Repealed लगभग एक वर्ष हो गया किसानों को तीनों कृषि वापस करवाने को। आखिर किसानों की इसमें जीत हो गई। गुरुपूर्व के दिन केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया है। पीएम का शुक्रवार को यह संबोधन सुबह 9 बजे शुरू हुआ और यह कोरोना के दौर में उनका 11वां संदेश था। केंद्र के कृषि कानूनों को वापस लेते ही इस बारे में नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया पेश की।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों की घोषणा का सभी ओर स्वागत किया जा रहा है। वहीं इस मामले में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने रोहतक में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि कृषि कानूनों का फायदा छोटे किसानों को होना था, पर विरोध के कारण पीएम को कानून वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी। लेकिन अब किसानों को घर लौटकर अपने खेतों में काम करना चाहिए। मनोहर लाल ने कहा कि किसान संगठनों का सुझाव एमएसपी का भी है। इस पर कमेटी बनाने की बात भी पीएम नरेंद्र मोदी ने कही है जो किसानों को साथ लेकर इस पर काम करेगी। मनोहर लाल ने कहा कि किसानों पर दर्ज मामलों को लेकर इसको लेकर सार्थक तौर पर निर्णय लिया जाएगा।
पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लेने के फैसले के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी ट्वीट किया। कैप्टन ने कहा कि यह एक अच्छी खबर है। गुरु नानक जी की जयंती के इस शुभ अवसर पर हर पजांबी की मांग को मानने और तीनों काले कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए पीएम का धन्यवाद करता हूं।
किसानों की शहादत और संगठित शक्ति के आगे मजबूर होकर भाजपा की केंद्र सरकार को कृषि कानून वापस लेने का ऐलान करना पड़ा। एक साल लंबे संघर्ष के दौरान अपने ही देश की सरकार को हकीकत से अवगत कराने के लिए लगभग 700 किसान शहीद हुए। यह बात बीसीसीआई के पूर्व ट्रेजरार व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिरूध चौधरी ने कही। चौधरी ने कहा कि अगर यह कदम पहले उठाया जाता तो कई जानें बच सकती थी और कई घरों के चिराग आज भी जल रहे होते। आज किसानों की विजय हुई है और 11 नवंबर का दिन अब हमेशा ‘किसान विजय दिवस’ के रूप में याद रहा रहेगा। शहीद किसानों को मैं भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। जो लोग कल तक किसानों का तिरस्कार कर रहे थे, उन्हें नकली कह रहे थे और यहां तक कि खालिस्तानी भी बता रहे थे और उनकी मांगों को नाजायज बता रहे थे। आज वे लोग भी इस कदम को सही बताने पर मजबूर हो गए हैं। उन सभी को इस चीज को समझना होगा कि जनता बहुत समझदार है।
कृषि मंत्री जेपी दलाल का कहना है कि पीएम मोदी ने जो फैसला लिया है, वो पूरी तरह से किसान हितैषी है। जब से नरेंद्र मोदी पीएम बने हैं, उन्होंने सबसे ज्यादा किसान हितैषी फैसले लिए हैं। चाहे फसल बीमा योजना की बात हो या फिर किसान निधि योजना की, कई ऐसे उदाहरण हैं। इसके अलावा स्वामीनाथन आयोग की रिकमेंडेशन को भी काफी हद तक लागू किया है। वो देश के किसानों की चिंता सबसे पहले करते हैं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि गुरु पर्व पर बड़ा मन दिखाते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया है और किसानों के एक समूह की इस बात को कि फिलहाल हम इसके लिए तैयार नहीं हैं को भी मान लिया है। किसानों से अपील है कि उनके मांग मान ली गई है और ऐसे में उनको घर चले जाना चाहिए। केंद्र सरकार सदा किसान हितैषी रही है और आगे भी किसानों से सलाह मशवरा कर सुधारों की प्रक्रिया को जारी रखेगी।
नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पीएम ने आज ऐलान किया, चलिए देर से आए लेकिन दुरुस्त आए। किसानों की जीत हुई लेकिन अब बातचीत करनी चाहिए और खेती को आगे कैसे लेकर जाएं, इस पर विचार हो। ये किसानों के संघर्ष की जीत है और भी मुद्दे हैं व खेती को लाभदायक बनाने की दिशा में काम होना चाहिए। प्रदेश के जिन किसानों की आंदोलन में मौत हुई, उनको परिवारों को हरियाणा सरकार को उचित मुआवजा और किसी एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए। किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। किसानों की समस्याओं का समाधान निकाला जाना चाहिए, क्योंकि आज किसानों की लागत ज्यादा ह,ै लेकिन आमदनी कम है।
इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अगर ये कृषि कानून नहीं लाए जाते तो लाखों की संख्या में किसानों को लगातार घर और खेती सबकुछ छोड़कर दिल्ली के बॉर्डर पर बैठना नहीं पड़ता। अब जब इनको वापस लेने का फैसला लिया गया है तो इसमें भी किसी से कोई सलाह मशवरा नहीं किया गया। ये प्रजातंत्र प्रणाली है, इसमें इस तरह के फैसले सही नहीं हैं। किसी भी प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री हो या फिर देश का प्रधानमंत्री, हर फैसले से पहले अपनी कैबिनेट से बातचीत कर लेनी चाहिए। चलिए देर आए दुरुस्त आए। कम से कम देश के प्रधानमंत्री को ये समझ तो आया कि जो फैसला लिया था, वो गलत था। किसान ने साबित कर दिया कि कोई उसे छेड़ता है तो वो फिर उसको छोड़ता नहीं है।
अपना भारत मोर्चा के संस्थापक डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी सिर्फ किसानों की जीत नहीं, सम्पूर्ण लोकतंत्र की जीत है। दिल्ली की सरहद पर डटे रहे किसानों भाइयों को इस जीत की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। जय जवान, जय किसान, जय हिंद…।
बीकेयू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि सबसे पहले 700 से ज्यादा किसानों को श्रद्धांजलि देना चाहेंगे जिस वजह से ये आंदोलन चल रहा है और सरकार झुकी है। आंदोलन में सहयोग देने वाले सभी साथियों को तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। बहुत से किसान घायल भी हुए, मुकदमे दर्ज हुए हैं। हरियाणा में 48 हजार लोगों पर मुकदमा दर्ज हुए हैं और अभी एमएसपी पर भी बात नहीं हुई है। आंदोलन पर संयुक्त मोर्चा की बैठक में ही फैसला लिया जाएगा कि आंदोलन को लेकर रणनीति आगे अख्तियार की जाएगी। तीनों कृषि कानून वापस लेने पर संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मुल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह, शिवकुमार शर्मा, युद्धवीर सिंह ने संयुक्त किसान मोर्चा इस निर्णय का स्वागत करता है और उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा नेता व किसान नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने कहा था कि ईमानदारी और मेहनत से कमाकर खाओ। यह बात उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को खत्म करने के ऐलान पर कही। श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर ईमानदारी और संघर्ष की राह पर चले लाखों-करोड़ों किसानों की जीत हुई है। यह जीत किसी एक मोर्चे या नेता से ज्यादा किसानों की है, जिन्होंने इस आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दी। योगेन्द्र यादव ने कहा कि जो सरकार संविधान और कानून की बात नहीं सुनती, आज उसी सरकार को किसान की ताकत व हिम्मत के आगे झुकना पड़ा। इस प्रकार लोकतंत्र की जीत हुई। उन्होंने बताया कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद जरूर कर दिया लेकिन गारंटी नहीं मिली। इसके लिए एमएसपी की गारंटी जरूरी है। जब तक गारंटी नहीं मिलती, संघर्ष जारी रहेगा।
महम के विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी अन्नदाता के सत्याग्रह एवं सैकड़ों किसान भाइयों के बलिदान की जीत है। सच्चाई और इंसाफ की जीत के लिए मैं देश के किसानों को मुबारकबाद देता हूं। धन्यवाद के साथ प्रधानमंत्री से आग्रह भी करता हूं कि वे एमएसपी की गारंटी सहित किसानों की अन्य सभी लंबित मांगों को भी जल्द स्वीकार करें और अन्नदाताओं की सम्मान सहित घर वापसी करवाकर नववर्ष का तोहफा दें।
Also Read : All Three Agricultural Laws Back किसानों की जीत इतिहास के पन्नों में दर्ज
Read Also : All Three Agricultural Laws Back कानून रद करने की क्या ये रहेगी प्रक्रिया
विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उठाया डीएपी की कमी का मुद्दा…
गवाही के दौरान शिकायतकर्ता अपने पूर्व बयान से मुकर गया था, स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Assembly : हरियाणा के परिवहन, ऊर्जा और श्रम मंत्री अनिल…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Kaithal News : सर्दी के दस्तक देते ही कोहरे की चादर…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के एक अस्पताल में डॉक्टर…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Jhajjar Accident News : झज्जर जिला के गांव रूढ़ियावास के पास…