India News (इंडिया न्यूज), Air Quality Index Haryana, चंडीगढ़ : हरियाणा के कई जिलों में आबो हवा अब खराब होने लगी है। हालत ये हैं कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) खतरनाक स्तर तक पहुंच रहा है। प्रदेश के कई जिलों में हवा में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले कई और जिलों में हवा की क्वालिटी बेहद चिंताजनक है। हालांकि प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है, लेकिन बावजूद इसके कई शहरों में हवा सांस लेने लायक नहीं है।
बारिश न होने और अन्य गतिविधियों के चलते प्रदूषण बढ़ रहा है। हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से लिया है और किसानों के सहयोग से पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने में काफी सफलता भी पाई है। पराली न जलाने को लेकर हरियाणा सरकार न केवल जागरुकता अभियान चला रही है, बल्कि हरियाणा सरकार द्वारा पराली न जलाने व पराली के उचित प्रबंधन के लिए 1000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का प्रावधान भी किया गया है। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनें व उपकरण भी मुहैया करवाए जा रहे हैं। मंगलवार को प्रदेश के कई जिले वायु प्रदूषण के मामले में देश के टॉप टेन शहरों में रहे जिसके चलते सबकी चिंता बढ़नी वाजिब है।
प्रदेश के आधा दर्जन से ज्यादा शहर व जिले ऐसे रहे हैं, जहां हवा की क्वालिटी पूअर यानी खराब श्रेणी में हैं। बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले फरीदाबाद में एक्यूआई स्कोर 276 रहा। इसके बाद गुरुग्राम के मानेसर में एक्यूआई स्कोर 263 रहा। वहीं एनसीआर में ही आने वाले बहादुरगढ़ में 252 और बल्लभगढ़ में एक्यूआई 237 रहा। भिवानी में भी हवा की गुणवत्ता पूअर रही और एक्यूआई 221 दर्ज किया गया। वहीं जीटी रोड बेल्ट के जिलों में भी हवा की क्वालिटी खराब रही।
इन जिलों को धान का कटोरा बेल्ट भी कहा जाता है। कुरुक्षेत्र में एयर क्वालिटी 207 और करनाल में एक्यूआई 217 रहा। वहीं साथ लगते कैथल में एक्यूआई 239 रहा। इन जिलों में पराली जलाने की घटनाएं सबसे ज्यादा रिपोर्ट होती हैं। गुरुग्राम में एक्यूआई 193, रोहतक में 209 और फतेहाबाद में 172 रहा। वहीं जींद में 150, नारनौल मेंं 127 और सोनीपत में एक्यूआई 199 रिपोर्ट हुआ। वहीं अंबाला, पंचकूला और पलवल जिलों में शामिल रहे जहां एक्यूआई स्कोर 50 से 100 के बीच दर्ज किया गया। यहां हवा की गुणवत्ता अन्य जिलों की तुलना में बेहतर रही।
तकनीकी तौर हवा की गुणवत्ता को लेकर कैटेगरी बनाई गई हैं। अगर एक्यूआई स्कोर 0 से 50 के बीच है तो इसको गुड श्रेणी में रखा गया है। एक्यूआई स्कोर 51 से 100 के बीच है तो इसको सेटिफेक्टरी यानी संतोषजनक माना जाता है। इसमें सांस लेने में थोड़ी तकलीफ होती है।
वहीं 101 से 200 स्कोर हो तो इसको मोडरेट कैटेगरी में रखा जाता है और इसमें सांस व हार्ट डिजिज के रोगियों को तकलीफ होती है। वहीं 201 से 300 एक्यूआई है तो इसको पूअर कैटेगरी में रखा जाता है और स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान होता है। 301 से 400 के बीच एक्यूआई है तो फिर इसको वैरी पूअर माना जाता है। अगर एक्यूआई 401 से 500 के बीच है तो इसको सीवियर माना जाता है और इसमें स्वस्थ व्यक्ति को बेहद खतरा होता है और बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए तो ये और भी खतरनाक होता है।
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