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Air Quality issue of Panipat Refinery: पानीपत रिफाइनरी से एयर क्वालिटी के मामले में डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश

• LAST UPDATED : December 22, 2021

इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़:
Air Quality issue of Panipat Refinery: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पानीपत जिला में रिफाइनरी के आस-पास वायु गुणवत्ता के मामले में सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार पूरे एनसीआर क्षेत्र को निरंतर मॉनिटर कर रही है। पहले भी इस मामले में सर्वे हो चुका है, अगर क्षेत्र के विधायक कहेंगे तो राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को फिर से वायु गुणवत्ता के मामले में सर्वे करवाने बारे अनुरोध करेंगे। डिप्टी सीएम ने यह जानकारी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के एक सदस्य द्वारा पानीपत में आईओसीएल रिफाइनरी संयंत्र से होने वाले प्रदूषण से संबंधित पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दी।

रेजीडेंस वेलफेयर सोसायटी पार्क मैंनटेन कर सकती Air Quality issue of Panipat Refinery

उपमुख्यमंत्री ने पानीपत शहर के पार्कों के रखरखाव बारे कहा कि अगर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले पार्क हैं तो वहां रेजीडेंस वेलफेयर सोसायटी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के साथ टाईअप करके मैंनटेन कर सकती है। जहां उक्त प्राधिकरण के अंतर्गत पार्क नहीं आते हैं, वहां पर आईओसीएल रिफाइनरी संयंत्र के सीएसआर फंड के तहत कार्य करवाया जा सकता है, इस बारे में संबंधित विधायक व अन्य अधिकारियों से अगली जिला कष्ट निवारण समिति (जिसके चेयरमैन उपमुख्यमंत्री हैं) की बैठक में सहमति से निर्णय लिया जाएगा।

वायु-जल जनित रोग के आंकड़े प्रस्तुत किए Air Quality issue of Panipat Refinery

इससे पूर्व, उपमुख्यमंत्री द्वारा सदन के सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न का लिखित उत्तर सदन-पटल पर रखा जिसमें जानकारी दी गई कि एचएसपीसीबी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार एनजीटी के मामला संख्या नंबर ओ.ए 738/2018 जो कि सिंहपूरा-सिठाना के सरपंच सतपाल सिंह बनाम आईओसीएल एवं अन्य के तहत संयुक्त समिति के द्वारा मामले में अध्ययन किया गया था। पानीपत जिला के ददलाना सीएचसी के चिकित्सा अधिकारी ने वर्ष 2015 से 2019 की अवधि के प्राप्त वायु-जल जनित रोग के आंकड़े भी प्रस्तुत किए।

उन्होंने बताया कि एनजीटी ने केस का निपटान करते हुए अपने आदेश द्वारा हरियाणा सरकार और आईओसीएल को रिस्टोरेशन प्लान के तहत ऑनलाइन सतत अपशिष्ट प्रणाली की स्थापना, लोगों की चिकित्सा जांच, वृक्षारोपण और वन का रख-रखाव व सुरक्षित पेयजल आदि की व्यवस्था का निर्देश दिया है।

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि रिफाइनरी में प्रदूषण के नियंत्रण और कमी को सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली है। सभी पर्यावरण संरक्षण उपाय समय-समय पर निर्धारित दिशा-निर्देशों और कानून के अनुसार हैं। ऑनलाइन विश्लेषक प्रदूषण निगरानी प्राधिकरण से जुड़े हुए हैं।

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