इंडिया न्यूज, अंबाला।
Ambala Municipal Corporation अंबाला शहर नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट (HDF) के संयोजक निर्मल सिंह की अध्यक्षता में कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने प्रदर्शन किया, लेकिन एचडीएफ उस समय कमजोर नजर आया, जब एचडीएफ के सहयोग से जीत हासिल करने वाले अंबाला शहर नगर निगम के पार्षद धरने में शामिल नहीं हुए। वैसे तो इस संबंध में जब मीडिया ने निर्मल सिंह से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पार्षद उनके साथ हैं, लेकिन मौके पर मौजूद न होने के सवाल पर कहा कि कुछ मजबूरियां भी होती हैं, फिलहाल यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि अंबाला शहर नगर निगम चुनाव में अंबाला शहर की जनता ने 20 वार्डों में से मात्र 2 वार्डों में उनके प्रत्याशियों को जीताकर पहले ही साफ कर दिया था कि अंबाला शहर में निर्मल सिंह का कोई जनाधार नहीं, वहीं अब एचडीएफ द्वारा आयोजित किए गए प्रदर्शन से दोनों पार्षदों ने दूरी बनाकर कहीं न कहीं संदेश दे दिया है कि वह एचडीएफ को बाय-बाय करने की तैयारी में हैं। यहां पर जिक्र करना जरूरी है कि एचडीएफ की एक पार्षद रूबी सौदा तो सीधेतौर पर भाजपा नेताओं के साथ दिखाई दे रही हैं, वहीं अन्य एक पार्षद टोनी चौधरी भी पार्टी से अलग-थलग चल रहा है।
नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार की आवाज को हाउस में बुलंद करने के लिए एचडीएफ के दो पार्षद हैं। एक पार्षद रूबी सौदा अरुण हत्याकांड के आरोपों का सामना कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ लगातार हाउस की बैठक में से गायब रहने पर उसके खिलाफ मंडल आयुक्त ने सदस्यता रद करने के लिए नोटिस दे रखा है, जिसकी सुनवाई के दौरान रूबी सौदा भाजपा के मनोनीत पार्षद संदीप सचदेवा के साथ पहुंची और यह साबित कर दिया कि वह एचडीएफ को अलविदा कर चुकी है और अब वह भाजपा के खेमे में है। भाजपा की नीतियों का विरोध करने और सत्तापक्ष की श्रय पर निगम में भ्रष्टाचार चलने के आरोप लगाने वाले निर्मल सिंह पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं कि आखिर उनके पार्षद भाजपा का समर्थन कर रहे हैं तो अभी तक पार्टी स्तर पर उन पार्षदों पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया। कहीं प्रदर्शन कर भाजपा का विरोध करने वाले निर्मल सिंह पीछे से अपने पार्षदों को भाजपा में शामिल करवाकर हाउस में अंबाला शहर विधायक असीम गोयल को मजबूती देने का काम तो नहीं कर रहे।