India News Haryana (इंडिया न्यूज़), Parliament News LIVE : राज्यसभा में गुरुवार को राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने एक महत्वपूर्ण विषय को उठाया। सांसद ने सदन में कहा कि वे आज यहां अंबाला और उसके आसपास के रहने वाले लोगों की काफी समय से लंबित मांग को लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से अंबाला की जनता, युवा और व्यापारियों की मांग रही है कि अंबाला को एक विकसित औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए।
सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि बुनियादी ढांचे की कमी, सीमित आर्थिक अवसरों के कारण अंबाला ने विकास की कोई गति नहीं पकड़ी है। अंबाला का अपना एक अलग इतिहास है। 1857 से लेकर क्विट इंडिया मूवमेंट तक अंबाला का विशेष योगदान रहा है। अंबाला का औद्योगिक विकास हो सके और इसका लाभ अंबाला की जनता को मिल सके।
पिछले कुछ समय में कुछ बुनियादी विकास हुआ है लेकिन रेल, रोड, एयर कनेक्टिविटी ऐसी चीजों पर अधिक ध्यान केंद्रित रहा है। एनएच-1, एनएच-22 अंबाला कालका शिमला हाईवे ये सभी काफी अच्छी स्थिति में हैं। ये सभी ऐसी स्थिति बनाता है जोकि एक एमआरओ (डिफेंस मेंटेंनेंस रिपेयर और ऑपरेशन) के लिए काफी जरूरी है। ऐसी लोकेशन डिफेंस ऑप्रेशन के साथ वेस्टर्न कमांड के लिए फायदेमंद साबित होगी।
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन भी अंबाला से 40 किलोमीटर दूर है। वहीं अब अंबाला में सिविल एविएशन एयरपोर्ट भी शुरू होने जा रहा है। अब समय है औद्योगिक विकास भी हो सके ताकि आसपास के लोगों को भी नौकरियां मिल सकें। उन्होंने सरकार से मांग की कि अम्बाला में एक एमआरओ ग्रांट किया जाए ताकि अंबाला और इसके आसपास के लोगों को इसका फायदा मिल सके।
सांसद कार्तिकेय शर्मा सदन में अम्बाला के लिए आईएमटी का इश्यूू उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अम्बाला के विकास के लिए यहां बड़े प्रोजेक्ट लगाने होंगे ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके।
सांसद कार्तिकेय शर्मा ने सदन में हिंदी के गौरव को बढ़ाने के लिए पुरजोर आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के लिए सरकारी प्रयासों को बढ़ाना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, जिसे 60 करोड़ से ज्यादा लोग बोलते हैं। इतने सारे लोगों द्वारा बोली जाने के बावजूद, हिंदी अंतरराष्ट्रीय मंच पर कम दिखती है। अगर हिंदी को यूएन की आधिकारिक भाषा बना दिया जाए, तो इससे न केवल उसकी वैश्विक पहचान बनेगी बल्कि भारत की कूटनीति भी मज़बूत होगी। यह “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” की सफल घोषणा से साफ दिखता है, हिदी को यूएन में शामिल करने से भारत अपनी रणनीतिक और सांस्कृतिक हितों को आगे बढ़ा सकता है।
सांसद ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को शामिल करने से हिंदी बोलने वाले देशों की वैश्विक चर्चाओं में भागीदारी बढ़ेगी। इससे दुनिया की एक बड़ी आबादी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी बात अपनी भाषा में रखने का मौका मिलेगा।
यह कदम यूएन में भाषाई विविधता और समानता को भी बढ़ावा देगा, जो उसकी समावेशी सोच के अनुरूप है। इसके अलावा, संयुक राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने से भारत की सॉफ पावर को मजबूती मिलेगी, जिससे उसकी सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान वैश्विक स्तर पर बढ़ेगी। यह भाषाई विविधता के महत्व को भी उजागर करेगा और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा।
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