India News Haryana (इंडिया न्यूज), Indian Renaissance The Modi Decade : डॉ. ऐश्वर्या पंडित द्वारा लिखित ‘द मोदी डिकेड’ पुस्तक का विमोचन नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में किया गया, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। जबकि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा कि आज यहां पर हमने एक पुस्तक का विमोचन किया है नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री काल के ये 10 साल साच अर्थ में एक युग के अंत करने वाले हैं और एक नए युग की शुरुवात करने वाले हैं। और जब भी भारत का इतिहास लिखा जाएगा ये मोदी के 10 साल के शासन को मोदी जी के कटु से कटु आलोचक ने भी स्वर्णिम अक्षरों से ही लिखना पड़ेगा। ऐसा मेरी धवर्ण मान्यता है।
गृह मंत्री ने आगे कहा कि जब 2014 में अस्थिरता के युग से भारत की जनता ने देश को एक नए युग के अंदर प्रवेश करा तीन दशक के बाद एक स्थिर सरकार दी और पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण चारो ओर से भारतीय जनता पार्टी को बिजयी बनाया। लद्दाख की सीट भी भारतीय जनता पार्टी जीती , कन्या कुमारी , द्वारका, आसाम हर तरफ से हम जीते। एक तरह से संपूर्ण जीत हुए। परंतु गार्जियन अखबार में किसी एक सज्जन ने बहुत सटीक अवलोकन दिया था उन्होंने कहा था आजादी से भारत को 15 अगस्त 1947 में मिल गई थी। परन्तु अंग्रेजियत से भारत को आजादी 2014 में मिली है। वो मोदी जी के आने के बाद मिली है। उन्होंने कहा कि आज से भारत के स्वतंत्रता का युग शुरू हुआ है।
अमित शाह ने आगे कहा कि मोदी जी के जीतने के बाद जो 10 साल गए हैं उसने गार्जियन अखबार के वो लेखक को सच्चा साबित कर दिया है। 10 साल के बाद अनेक प्रकार के अनेक सेक्टरों में सुधार भी हुए हैं।और सेक्टर को गती भी मिली है। हर सेक्टर का साइज और स्केल कई गुना बढ़ाने का काम मोदी जी ने किया है। कभी कोई विचार नहीं कर सकता था कि दुनिया की सबसे बड़ी महामारी कोरोना आए और कोई तैयारी के बेगैर कोरोना का प्रबंधन भारत करे इसका कोई सोच नहीं सकता।
अमित शाह ने आगे कहा कि उस वक्त मै मोदी जी के साथ काम करता था। उस वक्त दुनिया भर के पंडित जब कोरोना आया तो अपने देश की चिंता करे बगैर वो हमारी चिंता करते थे कि भारत क्या करेगा। और वो सही भी थे हमारे लिए चिंतित थे। परंतु टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके 130 करोड़ की जनता को टीका देने से लेकर टीका का सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया इस तरह से हुई कि किसी को मालूम ही नहीं हुआ सबसे कम नुकसान में हम बाहर आ गए।
वैक्सीन भी हमारे यहां सबसे पहले बना क्योंकि वैक्सीन बनने का प्रयास सबसे पहले हमारे यहां हुआ और 100 देशों में वैक्सीन हमने भेजा भी और हमारा जो उपनिषदों का वाक्य है कि संकुचित विचार नहीं होना चाहिए।’वसुधैव कुटुंबकम’ पूरी दुनिया को अपना परिवार मानना चाहिए। इसे चरितार्थ करने का काम मोदी शासन ने किया है।
डॉ. ऐश्वर्या पंडित द्वारा संपादित यह पुस्तक पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के शासन का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और भाजपा के परिवर्तन पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवर्तन परिलक्षित होते हैं। इसके अलावा, ग्रामीण और शहरी भारत में विकास परियोजनाएं, भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंध और डिजिटल क्रांति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किया गया है।
यह पुस्तक पिछले दस वर्षों में भारत में हुए सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवर्तनों को कवर करने वाले निबंधों का संग्रह है। “इंडियन रेनेसां” वरिष्ठ पत्रकारों, राजनीतिक नेताओं, नीति-निर्माताओं और सार्वजनिक बुद्धिजीवियों सहित विविध प्रकार की आवाज़ों को एक साथ लाता है। ये निबंध मोदी के अनूठे प्रभाव और उनके नेतृत्व में भाजपा के परिवर्तन का विश्लेषण करते हैं।
इसमें उन विकासात्मक पहलों पर भी चर्चा की गई है, जिन्होंने भारत के सबसे दूरदराज के गांवों में भी लोगों के जीवन को बदल दिया है। पुस्तक में भारत के अन्य देशों, खासकर अमेरिका और अरब देशों के साथ संबंधों पर चर्चा की गई है। इसमें डिजिटल क्रांति, एक अरब लोगों को शिक्षित करने की चुनौती और भारत सरकार द्वारा आकार दिए जा रहे नए (अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय) राष्ट्रवादी दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला गया है।
डॉ. ऐश्वर्या पंडित जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में एसोसिएट प्रोफेसर हैं और उन्होंने आईआईएम इंदौर में विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर भी पढ़ाया है। उनकी पुस्तक “क्लेमिंग सिटिजनशिप एंड नेशन: मुस्लिम पॉलिटिक्स एंड स्टेट बिल्डिंग इन नॉर्थ इंडिया, 1947-1986” 2022 में रूटलेज द्वारा प्रकाशित की गई थी।