आंगनवाड़ी केंद्रों को सौगात : 4000 केंद्र प्ले स्कूल में परिवर्तित होंगे

भिवानी/रवि जांगड़ा

हरियाणा प्रदेश के 4000 आंगनबाड़ी केंद्र अब प्राईवेट प्ले-वे स्कूलों Private Play Way School की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे. इसको लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महिला एवं बाल विकास विभाग को इस प्रोजेक्ट के लिए हरी झंडी Green Signal दे दी गई है, अब खेल-खेल में शिक्षा Education के माध्यम से नई शिक्षा नीति विकसित होगी. इस नीति के तहत 5 वर्ष तक के बच्चे सरकारी आंगनबाड़ी जो कि प्ले स्कूल के रूप में विकसित होगे, शिक्षा ग्रहण करेंगे.  उनमें शिक्षित होने के बाद सीधे पहली कक्षा में दाखिला ले सकेंगे, नर्सरी और प्री-नर्सरी nursery or pre nursery का कार्य अब आंगनबाड़ी केंद्रों anganbadi centre से प्ले स्कूल बने केंद्रों में पूरा कर लिया जाएगा. इसको लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रदेश के सभी 22 जिलों में सीडीपीओ,  सुपरवाईजर और आंगनबाड़ी वर्कर को प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया हैं।

4000 केंद्र प्ले स्कूल में परिवर्तित

आंगनवाड़ी केंद्रों को सौगात के रूप में क्या मिला ?

4000 केंद्र प्ले स्कूल में परिवर्तित

भिवानी में 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी परिणिता गोस्वामी ने बताया, कि प्रथम चरण में 1135 केंद्रों को प्ले स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा. इस प्रकार लगभग 4000 आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में बदलने का कार्य मुख्यमंत्री ने नई शिक्षा नीति, के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंप दिया हैं. इन प्ले स्कूलों में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाएगी,  ताकि बच्चों का सामाजिक, संवेदनात्मक, शारीरिक, बौद्धिक और कलात्मक विकास हो सके, आंगनवाड़ी केंद्रों से प्रशिक्षण लेने के बाद सीधे पहली कक्षा में नई शिक्षा नीति के तहत बच्चे दाखिला लेने में सक्षम होंगे।

आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए प्रथम चरण में सीडीपीओ, सुपरवाईजर को खेल-खेल में शिक्षा देंगे, बच्चों को तनाव रहित शिक्षा के अलावा कहानी, मिट्टी के खिलौने बनाने, संगीत और भाषा संबंधी ज्ञान देने का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं. इसके बाद ये अधिकारी आंगनबाड़ी वर्कर anganbadi workers को प्रशिक्षित कर आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल के रूप में चलाएंगे. महिला बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों में फिर से बड़ी संख्या में बच्चों का एनरोलमेंट enrollment कर 3 से 6 वर्ष के बच्चों को किताबी ज्ञान खेल-खेल में सिखाएंगे. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सुपरवाईजर सीडीपीओ ने बताया कि यह उनका प्रशिक्षण का अनोखा अनुभव है. जिससे उन्हें बच्चों को रचनात्मक ढ़ंग से पढ़ाने की कला सीखी है, जिसका प्रयोग वे अब बन रहे प्ले स्कूलों में करेंगे।

Rajan.Agrawal@itvnetwork.com

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