डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Anil Vij VS Khullar Updates, चंडीगढ़ : आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी व विपक्षी दलों में उठापटक जारी है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस जहां निरंतर आपसी कलह से जूझ रही है तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी भाजपा व जजपा में भी पार्टी नेताओं व दिग्गजों के बीच विरोधाभास की गूंज धरातल पर सुनाई दे रही है। इन दिनों भाजपा धुरंधर और प्रदेश के होम मिनिस्टर अनिल विज काफी समय से चर्चा में बने हुए हैं। उनके पास होम व स्वास्थ्य समेत कुल 4 विभाग हैं, लेकिन पिछले 2 माह से भी ज्यादा समय से वो स्वास्थ्य विभाग के कामकाज से दूरी बनाए हुए हैं। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग में फाइलों के ढेर लग गए हैं।
मामले का उम्मीद के अनुरूप अब तक समाधान नहीं हो सका। मामला इसलिए भी अहम हो गया है, क्योंकि 15 दिसंबर से शीतकालीन विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है और विपक्ष निरंतर इस मामले काे उठा रहा है। गौरतलब है कि 5 अक्टूबर को अनिल विज के अंडर आने वाले स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक सीपीएस टू सीएम आरके खुल्लर ने ली थी और इस बारे में अनिल विज को कोई जानकारी नहीं थी जसि पर विज ने कड़ा ऐतराज जताते हुए विभागीय कामकाज से दूरी बना ली।
मामले को लेकर विवाद इतना गर्मा गया है कि इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। फिलहाल तक विज भी कड़ा रुख अख्तियार किए हुए है। अंदरुनी जानकारी में ये भी सामने आया है कि अगर मामले का कोई पुख्ता समाधान नहीं हुआ तो विज विभाग भी छोड़ सकते हैं। हालांकि वो खुद भी इसको लेकर संकेत दे चुके हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो वो ऐसा करने से संकोच भी नहीं करेंगे।
वहीं अनिल विभाग तो स्वास्थ्य विभाग से लगातार दूरी बनाई हुए ही हैं, साथ में यह भी चर्चा है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में भी व्यापक स्तर पर आपसी मतभेद की जानकारी रिपोर्ट हो रही है। बता दें कि सीपीएस टू सीएम आरके खुल्लर की पत्नी सोनिया त्रिखा खुल्लर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक हैं। वहीं फिलहाल हेल्थ विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी का प्रभार सीनियर आईएएस जी. अनुपमा के पास है।
विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि दोनों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद है जिनकी गूंज सचिवालय तक पहुंच रही है। इसी कड़ी में यह भी बता दें कि नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर और आईएएस राज नारायण कौशिक के खिलाफ भी अनिल विज ने करीब दो महीने पहले चीफ मिनिस्टर को एक्शन लेने के लिए लिखा था। वह कौशिक की शैली से खासे नाराज हैं। इन सभी पहलुओं को भी अनिल विज के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।
इस पूरे मामले में एक अहम पहलू ये भी है कि शीतकालीन विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। विपक्ष मामले को लेकर निरंतर सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस, इनेलो और आम आदमी पार्टी निरंतर सत्ता पक्ष को ये कहते हुए घेर रही है कि जब विज की सुनवाई नहीं हो रही तो उनको इस्तीफा दे देना चाहिए। साथ ही मामले में विपक्षी दलों द्वारा सदन में मामले पर सवाल पूछे जाने लाजिमी हैं और इसको लेकर सत्र के लिए सवाल भी उठाए जा रहे हैं। विज कह चुके हैं कि अगर विधानसभा में उनसे मामले पर सवाल पूछा गया तो वो सवाल नहीं देंगे।
मामले में अंतिम फैसला सीएम मनोहर लाल को करना है। करीब 3 सप्ताह पहले सीएम मनोहर लाल और अनिल विज के बीच मामले को लेकर बैठक भी हुई थी। मामले को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम ने कहा था कि कई बार प्रशासनिक मामलों में पेचीदगी होती और इनको सुलटा लिया जाएगा। इसके बाद विज ने गेंद सीएम के पाले में डालते हुए कहा था कि अंतिम फैसला सीएम को करना है। नवीनतम बयान में भी विज ने कहा कि उनको पूरा भरोसा है और जल्दी ही मामले में वो फैसला लेंगे।
बता दें कि भाजपा सरकार की दूसरे कार्यकाल में शुरू में अनिल विज के पास 7 विभाग थे लेकिन जनवरी 2023 में हरियाणा में 12 विभागों के मर्जर के बाद मंत्रियों के विभागों में बड़ा फेरबदल हुआ। गृह मंत्री अनिल विज से दो विभाग अन्य विभाग में मर्ज कर दिए गए। जो विभाग उनके पास से गए उनमें साइंस एंड टेक्नोलॉजी और तकनीकी शिक्षा शामिल रहे। हायर एजुकेशन कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा को दे दिया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग कंवर पाल गुर्जर के पास ही रहा। इसके साथ ही कंवरपाल गुर्जर को पर्यावरण वन्य प्राणी विभाग की जिम्मेदारी दी गई। वहीं विज के पास बेहद महत्वपूर्ण अर्बन लोकल बॉडी विभाग था जिसको मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को बनाया गया। विज के पास फिलहाल होम, हेल्थ, मेडिकल एजुकेशन और आयुष विभाग हैं। इसी प्रकार विज के पास से तीन विभाग जा चुके हैं। इन दिनों विज हेल्थ के अलावा आयुष विभाग का काम भी नहीं देख रहे हैं।
मैंने पूरे मामले के बारे में सीएम मनोहर लाल को अवगत करवा दिया है। मुझे उन पर पूरा भरोसा है और मामले में अंतिम फैसला उनको ही लेना है। जब तक मामले का निपटान नहीं हो जाएगा तब तक मैं विभागीय कामकाज नहीं देखूंगा। खींचतान का खमियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा : हुड्डा
वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा, नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बीच में चल रही खींचतान का खमियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। पहले से ही प्रदेश का स्वास्थ्य तंत्र व कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। सरकार के भीतर खींचतान की वजह से यह और बिगड़ रही है। कांग्रेस इस मुद्दे को विधानसभा में जरूर उठेगी।
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