India News (इंडिया न्यूज), Anil Vij, चंडीगढ़ : हरियाणा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और चुनाव में जीतने को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। सत्ताधारी भाजपा हैट्रिक बनाने के लिए भी हरसंभव कोशिश कर रही हैं।
इसी बीच इन दिनों सत्ता के गलियारों में एक मुद्दा जमकर चर्चा में है, वो है प्रदेश के होम व हेल्थ मिनिस्टर की नाराजगी। वे अपने दो विभागों का कामकाज नहीं देख रहे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग का कामकाज व फाइल देखना बंद किया हुआ है और इसके बाद उन्होंने उनके अंडर आने वाले आयुष विभाग के काम से भी दूरी बनाई हुई है। उनकी ये नाराजगी फिलहाल जारी है।
पिछले महीने शुरु हुआ विवाद फिलहाल जारी है। इसी माह 9 नवंबर को पंचकूला में 8वें आयुर्वेद दिवस महापर्व पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें उत्तर भारत के 8 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों को शिरकत करनी थी, लेकिन अनिल विज ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई और वो आयोजन में नहीं गए। ये मामला निरंतर चर्चा में है। कार्यक्रम में उत्तर भारत के 8 राज्यों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड और लद्दाख के स्वास्थ्य मंत्रियों व अधिकारियों को शिरकत करनी थी लेकिन इस मौके पर चार राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।
वहीं मामले का दूसरा पहलू ये भी है कि विभागीय कामकाज भी व्यापक पैमाने पर प्रभावित हो रहा है। लंबे समय से स्वास्थ्य मंत्रालय की फाइलें अटकी हुई हैं। जारी विवाद के चलते पूरे हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। प्रदेश में डेंगू की मार जारी है।
जनता को भी खासी परेशानी हो रही है। बढ़े हुए वायु प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार अस्पतालों में पेशेंट बढ़े हैं। हरियाणा का एक्यूआई बुरी स्थिति में है और देशभर में सबसे प्रदूषित प्रदेशों में हरियाणा है। वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के मरीजों की ओपीडी भी लगातार बढ़ी है। गंभीर हालत को देखते हुए जल्द ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
वहीं आपको बता दें कि ऐसा कोई पहली दफा नहीं हो रहा। इससे पहले भी अनिल विज और अफसरों में नोंक झोंक किसी न किसी रुप में सामने आती रही है। पिछले दिनों होम सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद व सीआईडी चीफ आलोक मित्तल दोनों अनिल विज के निशान पर थे। विज नूंह दंगों के बाद उनकी कार्यशैली पर भी निरंतर सवाल उठाते रहे हैं। इनसे पहले पूर्व डीजीपी मनोज यादव से भी विज की नहीं पटी। इसके अलावा कई और आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी हैं जो लगातार अनिल विज के निशाने पर रहे हैं। वर्तमान डीजीपी शत्रुजीत कपूर से पूर्व में विज का छत्तीस का आंकड़ा रहा है।
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