इंडिया न्यूज, Haryana (Anil Vij’s Big Announcement on Ayurveda) : हरियाणा के स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री अनिल विज अब आयुष को बढ़ावा देने में लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हिंदुस्तान के जो प्रतिष्ठित एलोपैथी हैं वह आयुर्वेद को घास-फूस बता विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब टइइर के 5 साल के कोर्स में 1 वर्ष आयुर्वेद अनिवार्य किया जाएगा।
नए निर्णय के तहत अब प्रदेश के अब भावी डॉक्टर 4 साल एलोपैथी की पढ़ाई के साथ ही एक साल आयुर्वेद भी पढ़ेंगे। कोर्स को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।
विज ने कहा कि इंश्योरेंस कंपनियां आयुर्वेदिक दवाइयों की रिम्बर्समेंट नहीं देती थी। अब आयुर्वेद की दवाइयों को भी आजमाना चाहिए। विज ने कहा कि पहले सिर्फ ऐलोपैथिक दवाइयों की रिम्बर्समेंट होती थी, लेकिन उन्होंने कल ही फाइल पर साइन कर दिए हैं ताकि अब आयुर्वेदिक दवाइयों की रिम्बर्समेंट हो सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आपस की लड़ाई क्यों, मरीज के स्वास्थ्य को फायदा मिलना चाहिए। आयुर्वेद, एलोपैथी और होम्योपैथी में इंटीग्रेशन होनी चाहिए। जो एलोपैथी और आयुर्वेद में खींचतान है, वह खत्म होनी चाहिए। जहां एलोपैथी से काम चल सकता है, वहां एलोपैथी से चलाएं और जहां आयुर्वेदिक से चल सकता है वहां आयुर्वेदिक से चलाएं।
विज ने कहा कि एक बार उन्हें हिंदुस्तान के प्रतिष्ठित डॉक्टरों के सम्मेलन में जाने का मौका मिला था। उस मौके पर उन्होंने कहा कि एक भी डॉक्टर बता दें जो आयुर्वेदिक मेडिसिन न खाता हो। तथी वहां उपस्थित सभी डॉक्टर आश्चर्यचकित रह गए और क्वेश्चन मार्क किया कि वे क्या कह रहे हैं। तबभी विज ने कहा कि क्या सब्जियों में हम मसाले नहीं खाते? यह मसाले भी तो आयुर्वेदिक दवाएं हैं। विज ने कहा कि अगर मीठा सोडा खाने से पेट ठीक हो सकता है तो इंजेक्शन लगवाना जरूरी है क्या।
सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में आयुष को अलग विभाग बनाने की मान्यता दी है। पहले आयुष विभाग दूसरे स्वास्थ्य विभाग का अंग था और इनके कारण आयुष दूसरे विभागों के सामने दब जाता था। लेकिन अब सरकार ने आयुष को अलग विभाग को दर्जा दे दिया है।
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