इशिका ठाकुर, International Gita Mahotsav 2022 : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आने वाले शिल्पकारों की हस्त शिल्प कला की देश-प्रदेश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी गूंज सुनाई दे रही है। विश्व पटल पर पहचान बनाने वाले इस महोत्सव में सरस और क्राफ्ट मेले (Saras and Craft Fair) में हाथों की अद्भुत शिल्पकला के विदेशों में भी चाहवान मौजूद हैं। हाथों की बारीक से बारीक और जादुई अनोखी शिल्पकला को देखकर देश-विदेश के पर्यटक आश्चर्यचकित हो जाते हैं।
ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर 6 दिसंबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के सरस और क्राफ्ट मेले में शिल्पकारों की शिल्पकला ने रंग भरने का काम किया है। अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में आए हसन अली ने बताया कि वे असम से आए हैं तथा वे अपने साथ बांस और बैंत से बने चाय कप, फ्लावर पोर्ट, टेबल, ट्रे, हैंगिंग लैंप और लैंप आदि सामान साथ लेकर आए हैं।
यह सारा सामान बांस व बैंत से बनाया जाता है तथा इस सामान को बनाने में 2 से 4 दिन का समय लगता है तथा इस सामान को बनाने में 15 शिल्पकार कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि इस सामान को बनाने के लिए अच्छे बांस का प्रयोग किया जाता है तथा इन बांसों को हाथों की कारीगरी से सुंदर से सुंदर आकृतियों में ढाला जाता है। इसके बाद इसकी फिनिशिंग का कार्य किया जाता है। पर्यटक इस सामान की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। इस सामान की कीमत 30 रुपए से लेकर 30 हजार रुपए तक रखी हुई है।
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