India News Haryana (इंडिया न्यूज), AQI : हर वर्ष के अंत में हरियाणा में पराली का मुद्दा काफी गर्माया रहता है। इसको लेकर सरकार भी कड़े कदम उठाती है लेकिन फिर भी पराली जलाने के मामले नहीं थम रहे। हां इतना जरूर है कि इस बार गत वर्ष की अपेक्षा मामले कम जरूर आए हैं। वहीं अभी लगातार पराली जलाने के कारण पर्यावरण की शुद्धता काफी खराब हालत में है।
जी हां, प्रदेश में प्रदूषण का स्तर ज्यादा बढ़ता जा रहा है। मालूम रहे कि जला पानीपत में 2 दिन तक प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया था। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 तक जा पहुंचा था जोकि अब 450 पर आया है। वहीं करनाल भी प्रदूषित हवा की श्रेणी में आया हुआ है क्योंकि यहां का एक्यूआई एक्यूआई लगातार 400 से ऊपर बना हुआ है। कुरुक्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है, यहां भी प्रदूषण बढ़ रहा है।
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आज प्रदेश के जिन 5 जिलों में एक्यूआई बढ़ा पाया गया है, उसमें पानीपत, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र और रोहतक शामिल हैं। कैथल की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा प्रदूषण का स्तर 428 दर्ज किया गया है। इसके अलावा कुरुक्षेत्र में 417, करनाल में 413, जींद में 402 और रोहतक में 407 एक्यूआई सामने आया है जोकि काफी चिंता का विषय है।
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बता दें कि आगजनी के सबसे ज्यादा मामले रात में आ रहे हैं। रात 9 बजे से देर रात 1 बजे तक पराली में आग लगाए जाने के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं प्रदेश में पराली जलाने को लेकर सख्ती का असर दिखने लगा है। गुरुवार को भी पराली जलाने के 6 नए मामले सामने आए हैं।