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AQI level in Haryana : जहरीली आबोहवा बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के लिए बनी जान पर आफत

  • प्रदेश के करीब दर्जनभर जिलों में एक्यूआई लेवल बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचा

  • खराब वायु गुणवत्ता से लंग कैंसर, सांस व हार्ट रोग होने का खतरा 

  • फरीदाबाद, फतेहाबाद और सोनीपत देश के सबसे प्रदूषित जिलों में शामिल

India News (इंडिया न्यूज), AQI level in Haryana, चंडीगढ़ : पिछले कुछ दिनों से देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा बेहद जहरीली हो चुकी है। वहीं दिवाली अब नजदीक है और इससे पहले ही हवा की खराब गुणवत्ता सबके लिए परेशानी का सबब बन गई है। साथ ही दिल्ली से सटे प्रदेश के कई जिलों में भी हवा की क्वालिटी बेहद खराब हो चुकी है और हवा में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले कई जिलों में वायु प्रदूषण हवा की खराब क्वालिटी बेहद चिंताजनक है।

हालांकि प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है, लेकिन बावजूद इसके कई शहरों में हवा सांस लेने लायक नहीं है। वातावरण में बढ़ी धूल-मिट्‌टी, बारिश न होने और अन्य गतिविधियों के चलते प्रदूषण बढ़ रहा है। प्रदेश के कई जिले वायु प्रदूषण के मामले में देश के टॉप टेन शहरों में रहे, जिसके चलते सबकी चिंता बढ़नी वाजिब है। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने कक्षाओं के फिजिकली बंद करने को लेकर भी गाइडलाइन जारी कर दी है। जिन लोगों को पहले से ही फेफड़ों से संबंधित कोई समस्या है, उन्हें प्रदूषण से विशेष रूप से बचाव के उपाय करते रहना चाहिए।

फेफड़ों के कैंसर, सांस, अस्थमा, हार्ट अटैक का खतरा

हवा की खराब गुणवत्ता सीधे तौर पर कई तरह की खतरनाक बीमारियों को खुला निमंत्रण है। एयर पॉल्यूशन के चलते कई तरह स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। खराब एक्यूआई लेवल का असर सीधे श्वसन स्वास्थ्य पर डल रहा है। हवा की खराब क्वालिटी के कारण सांस लेने में दिक्कत आती है।

साथ ही पहले ही बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है। वायु प्रदूषण से सांस लेने में तकलीफ, खांसी, गले में खराश, अस्थमा के अटैक और सीने में दर्द का भी खतरा रहता है। वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में आने से फेफड़ों के कैंसर, दिल के दौरे, स्ट्रोक जैसी जानलेवा समस्याएं भी हो सकती हैं। इन हालात के मद्देनजर एक्सपर्ट्स की राय है कि वो घरों से जरुरत पड़ने पर ही बाहर निकलें, क्योंकि इससे खराब हवा का एक्सपोजर भारी पड़ सकता है।

स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य को भी खतरा

एक्यूआई के गंभीर स्तर के कारण कक्षाओं के भौतिक तरीके को बंद करने के संबंध में सरकार द्वारा आदेश जारी कर दिए हैं। खराब हवा के चलते बच्चों का स्वास्थ्य व्यापक स्तर पर प्रभावित होता है। सरकार ने निर्णय लिया है कि उपायुक्त दिल्ली और एनसीआर में गंभीर एक्यूआई स्तर और जरूरी नियमों के कार्यान्वयन के मद्देनजर अपने संबंधित जिलों में मौजूदा स्थिति का आकलन करेंगे और निर्णय ले सकते हैं। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के हित में आवश्यकतानुसार निजी एवं सरकारी विद्यालयों (प्राथमिक, प्रारंभिक एवं माध्यमिक) में ऑनलाइन मोड में कक्षाएं बंद/आयोजित करने पर। ग्रामीण और संबंधित जिलों के शहरी क्षेत्रों को अलग से किया जा सकता है और तदनुसार आवश्यक उपाय किए जा सकते हैं।

हवा की गुणवत्ता की 6 कैटेगरी, कई जिलों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब

तकनीकी तौर हवा की गुणवत्ता को लेकर कैटेगरी बनाई गई हैं। अगर एक्यूआई स्कोर 0 से 50 के बीच है तो इसको गुड की श्रेणी में रखा गया है। एक्यूआई स्कोर 51 से 100 के बीच है तो उसको संतोषजनक माना जाता है। इसमें सांस लेने में थोड़ी तकलीफ होती है। वहीं 101 से 200 स्कोर हो तो उसको मोडरेट कैटेगरी में रखा जाता है और इसमें सांस व हार्ट डिजीज के रोगियों को तकलीफ होती है।

वहीं 201 से 300 एक्यूआई है तो उसको पुअर कैटेगरी में रखा जाता है और स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान होता है। 301 से 400 के बीच एक्यूआई है तो फिर उसको वैरी पुअर माना जाता है। अगर एक्यूआई 401 से 500 के बीच है तो इसको सीवियर कैटेगरी में माना जाता है और इसमें स्वस्थ व्यक्ति को बेहद खतरा होता है और बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए ये बेहद खतरनाक होता है।

फरीदाबाद, फतेहाबाद और सोनीपत में एक्यूआई 400 पार

सोमवार को प्रदेश के दर्जन भर जिले ऐसे रहे हैं जहां वायु प्रदूषण बेहद गंभीर स्तर पर पहुंच गया। एनसीआर में आने वाले ज्यादातर जिलों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही तो कमोबेश ऐसी ही स्थिति धान का कटोरा कहने वाले जीटी रोड बेल्ट वाले ज्यादातर जिलों में रही। एनसीआर में आने वाले सोनीपत में सबसे में एक्यूआई स्कोर 424 और फरीदाबाद में 416 रहा।

फतेहाबाद में एक्यूआई 414 और गुरुग्राम में ये 367 रहा। धारूहेड़ा में 330, भिवानी में एक्यूआई लेवल 333 और बल्लभगढ़ में 332 रहा। इसके अलावा हिसार में 365, जींद में 383 और कैथल में एक्यूआई लेवल 357 रहा। मानेसर में 321, नारनौल में 338, रोहतक में 340 और सिरसा में 305 एक्यूआई रहा। इस लिहाज से प्रदेश के तीन जिलों में हवा की गुणवत्ता सीवियर कैटेगरी में तो दर्जन भर जिलों व शहरों में एयर क्वालिटी वैरी पुअर रही। वहीं अंबाला, पंचकूला और पलवल उन जिलों में शामिल रहे जहां एक्यूआई स्कोर 50 से 100 के बीच दर्ज किया गया। यहां हवा की गुणवत्ता अन्य जिलों की तुलना में बेहतर रही।

जानिए कैसे और क्यों बढ़ रहा है वायु प्रदूषण

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन दिनों वायु प्रदूषण बढ़ने के कई कारण हैं। सर्दी की आहट और बदलते मौसम के साथ ही हवा जहरीली होने लगी है। इस मौसम में हवा सामान्य की तुलना में कहीं ज्यादा जहरीली हो जाती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अभी आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण बढ़ेगा।

यर क्वालिटी इंडेक्स खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है और हवा की क्वालिटी प्रभावित हो रही है। हालात इसी तरह रहे तो यह इनडेक्स आने वाले दिनों में बेहद खराब श्रेणी में पहुंच जाएगा। हालांकि अभी जो प्रदूषण है वो शहरों का खुद का एमिशन है और इसमें पराली का कोई ज्यादा योगदान नहीं है। इसके अलावा कई अन्य कारणों से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।

शहर                                 एक्यूआई स्कोर

  • अंबाला                             148
  • बहादुरगढ़                          333
  • बल्लभगढ़                         332
  • चरखी दादरी                       276
  • गुरुग्राम                            367
  • फरीदाबाद                         416
  • जींद                               383
  • सोनीपत                           424
  • कैथल                             357
  • नारनौल                           338
  • यमुनानगर                       108
  • करनाल                           239
  • कुरुक्षेत्र                           269
  • मानेसर                           321
  • पंचकूला                          112
  • रोहतक                           340
  • सिरसा                           305
  • पलवल                           143
  • हिसार                            365
  • भिवानी                          333

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Amit Sood

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