उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला, हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा कला परिषद और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के साथ-साथ राज्य सरकार की तरफ से हरियाणा ही नहीं विभिन्न प्रदेशों की लोक संस्कृति को संरक्षित करने और कलाकारों को एक मंच मुहैया करवाने का काम अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के जरिए किया जा रहा है।
इस महोत्सव में विभिन्न प्रदेशों की लोक कला को पर्यटकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। इन प्रदेशों के उन लोक नृत्यों को कलाकार प्रस्तुत कर रहे हैं, जो लोक कला लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। लोक कलाकार ने बातचीत के दौरान इस बात का खुलासा किया कि हरियाणा प्रदेश में कुछ ही कलाकार ही बचे है जो बीन, तुंबा, ढोलक, खंजरी बजा कर जोगी नाथ बीन सपेरा परम्परा को आगे बढ़ाने का काम कर रहे है।
उन्होंने कहा कि उनके ग्रुप में उनके अन्य साथी कलाकार भी उनके साथ इस कला को जीवित रखने का काम कर रहे है। सभी कलाकार पारम्पकि वेशभूषा से सुसज्जित होकर बीन, तुम्बा, ढोलक, खंजरी बजाकर लोगों का मनोरंजन कर रहे है। यह महोत्सव लोक कलाकारों का एक बड़ा मंच बन चुका है। राज्य सरकार द्वारा इस प्रकार के कलाकारों को ओर अधिक प्रोत्साहित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जैसे मंच उपलब्ध करवाने का काम लगातार किया जा रहा है।
महोत्सव के शिल्प और सरस मेले के सातवें दिन हरियाणा के विभिन्न गांवों के लोक कलाकारों ने ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर ढेरु गाथा गायन की प्रस्तुति देकर पर्यटकों को झूमने पर मजबुर कर दिया। इन लोक कलाकारों ने ढेरु गाथा गायन के जरिए गुरु गोरख नाथ जी की गाथा, जवाहर गूगा पीर की गाथाओं का गुणगान किया। इन लोक कलाकारों का कहना है कि यह लोक कला विलुप्त करने के कगार पर पहुंच चुकी है। सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से लोक कलाओं को जींवत रखने का प्रयास किया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के शिल्प और सरस मेले में पर्यटकों ने बुधवार को जमकर खरीददारी की। एक तरफ जहां पर्यटक ब्रह्समरोवर के तट पर खिली धूप में विभिन्न प्रदेशों के व्यंजनों का स्वाद चख रहे थे, वहीं अलग-अलग स्टॉलों पर जाकर खरीददारी भी कर रहे थे। इतना ही नहीं, युवा वर्ग मेले में सेल्फी लेकर अपने आपको आनंदित महसूस कर रहे हैं।
वहीं अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में ब्रह्मसरोवर के मुख्य द्वार पर जिला सूचना एवं जन संपर्क विभाग की तरफ से सूचना केन्द्र स्थापित किया गया हैं। इस सूचना केन्द्र के माध्यम से बिछड़ों को मिलाने का काम कर रहा हैं। डीआईपीआरओ डा. नरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस सूचना केन्द्र से पल-पल की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है।
इसके साथ-साथ महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को पल-पल की जानकारी दी जा रही है। इस सूचना केन्द्र पर विजय कुमार, बरखा राम, कृष्ण लाल, मनोज कुमार, राजकुमार शर्मा सहित अन्य कर्मचारी महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को विभिन्न सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे है।