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International Gita Mahotsav में राजस्थान से पहुंचे कलाकार कर रहे कालबेलिया नृत्य का प्रदर्शन, कई पीड़ियां करती आ रही कल्चर को संभालने का काम

• LAST UPDATED : December 7, 2024
  • कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर पर पर्यटकों की उमड़ रही भारी भीड़, बदली नजर आ रही पूरी फीजा

इशिका ठाकुर, India News Haryana (इंडिया न्यूज), International Gita Mahotsav : अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 2024 में कई राज्यों के कलाकार अपने राज्य का कल्चर कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर पर बिखेर रहे हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के कलाकार भी अपने राज्य के कल्चर का बखूबी प्रदर्शन रहे हैं। राजस्थान से आए कलाकारों ने आज ब्रह्म सरोवर के तट पर कालबेलिया नृत्य का प्रदर्शन किया है। यह उनका परंपरागत नृत्य है। जैसे ही उन्होंने अपना कालबेलिया नृत्य अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में शुरू किया तो लोगों की वहां पर भीड़ लगनी शुरू हो गई। लोगों ने उनके डांस का खूब लुफ्त उठाया।

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International Gita Mahotsav : कालबेलिया नृत्य राजस्थान का बहुत ही प्रसिद्ध नृत्य

कलाकार मेहबूब और कलाकार कविता कालबेलिया ने बताया कि राजस्थान का बहुत ही प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य है। जो विलुप्त होता जा रहा था। उन्होंने कहा कि पहले वह सांप के साथ खेल दिखाने का काम करते थे, जिसके बाद सरकार ने इस काम पर रोक लगा दी थी। रोक लगाने के बाद उन्होंने कालबेलिया नृत्य शुरू किया। उनकी कई पीढ़ियां इस नृत्य को करती आ रही हैं।

पहले वह सांपों के साथ इस नृत्य को किया करते थे, लेकिन पाबंदी के बाद उन्होंने अपने नृत्य में इसको शामिल नहीं किया और अपने कालबेलिया नृत्य में भी कुछ बदलाव किया। उन्होंने कहा कि पहले उनके माता-पिता इस नृत्य को करते थे। अब उन्होंने इस नृत्य को सीखा और आगे वह अपने बच्चों को इस नृत्य को सीखा रहे हैं और यह नृत्य का प्रदर्शन वह देश के कई राज्यों में कर चुके हैं।

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अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे लोग

उन्होंने कहा कि चाहे किसी भी राज्य की किसी भी समुदाय की परंपरागत संस्कृति हो, सभी को लोग भूलते जा रहे हैं लेकिन उनका प्रयास है कि उनकी कालबेलिया नृत्य की संस्कृति लोगों तक पहुंचे और वह उसका लुफ्त उठाएं। इसी प्रयास में वह भारत में अलग-अलग राज्यों में आयोजित होने वाले अलग-अलग सरस मेलों में जाते हैं और अपने नृत्य का प्रदर्शन करते हैं, ताकि उनकी यह संस्कृति बची रह सके और राजस्थान ही नहीं, दूसरे राज्यों के लोग भी उनकी संस्कृति के बारे में जाने और यह बरकरार रहे।

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