इंडिया न्यूज, अंबाला।
Arun Murder Case अंबाला शहर नगर निगम के चुनाव के ठीक बाद हत्या के आरोपों में फंसी एचडीएफ की पार्षद रुबी सौदा (councilor Ruby Sauda) को सत्तापक्ष के नेताओं का संरक्षण मिलने के बाद पुलिस भी गिरफ्तार करने से बच रही है। हालात यह है कि प्रभावित परिवार ने एसपी से लेकर डीजीपी तक इस मामले में इंसाफ की गुहार लगाई है, लेकिन करीब एक साल बीत जाने के बाद भी अंबाला पुलिस ने आरोपी पार्षद रूबी सौदा की गिरफ्तारी नहीं की। पुलिस की बेबसी का सच उस समय जग जाहिर हो गया, जब अपनी पार्षद की सदस्यता को बचाने के लिए एचडीएफ की पार्षद रूबी सौदा मंडल कमीश्नर के पास पेशी के लिए भाजपा के मनोनीत पार्षद संदीप सचदेवा के साथ पहुंची। मृतक के भाई दीपक ने आरोप लगाया कि राजनीति के खेल में उन्हें इंसाफ से वंचित रखा जा रहा है। यही कारण है कि वह अब अनिल विज से मिलने पहुंचा है और उसे विश्वास है कि अनिल विज ही उन्हें इंसाफ दिला सकते हैं। बुधवार सुबह अनिल विज निवास पहुंचे मृतक अरुण के भाई दीपक ने आरोप लगाया कि वह भाजपा का कर्मठ कार्यकर्ता है। उन्होंने कहा कि जब 21 मार्च को मंडल आयुक्त के पास पेशी थी तो वहां पर मेरे भाई के हत्या के मामले में आरोपी रुबी सौदा भाजपा नेता संदीप सचदेवा के साथ वहां पर पहुंची। जिसे देखकर वह बेहद हताश हुए। दीपक ने कहा कि उसे समझ आ गया था कि आखिर बार बार पुलिस अधिकारियों से मिलने के बाद भी आखिर रुबी सौदा की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो पा रही। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि अनिल विज से मिलने के बाद उसको इंसाफ मिल पाएगा। यही सोचकर वह अनिल विज के निवास पर उनसे मिलने आया था, लेकिन अनिल विज किसी काम से दिल्ली गए हुए हैं, जिसके कारण उसकी मुलाकात नहीं हो पाई।
दीपक ने कहा कि रूबी सौदा एचडीएफ की पार्षद है और फिर भी भाजपा नेता उसे स्पोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार दावा करती है कि कानून व्यवस्था को दुरूस्त किया गया है, लेकिन मुझे तो इंसाफ के लिए धक्के खाते हुए करीब एक साल बीत गया है। मृतक के भाई दीपक ने आरोप लगाया कि उसके भाई के मर्डर मामले में 10 आरोपी थे, जिसमें से 9 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन केवल सत्तापक्ष के लोगों के दबाव में आकर पार्षद रूबी सौदा को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा।
16 फरवरी 2021 में सिटी के गोवर्धन नगर में सुअरों को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था। विवाद में अरुण की हत्या हो गई थी। पुलिस ने मृतक के भाई दीपक की शिकायत पर 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें पार्षद रूबी सौदा का नाम भी शामिल था। पुलिस अभी तक 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन पार्षद की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई। वहीं प्रभावित परिवार व मृतक अरुण के भाई दीपक ने कहा कि उन्हें अब जिला व पुलिस प्रशासन पर कोई विश्वास नहीं रहा। वह एक साल से रूबी सौदा को गिरफ्तार कराने के लिए धक्के खा रहे हैं। उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। इसके बावजूद पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रही।