इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज़), Asian Games 2023, चंडीगढ़ : हरियाणा के खिलाड़ियों ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी खेलों में अपनी धाक जमा रखी है। प्रदेश के खिलाड़ी किसी भी खेल स्पर्धा में किसी से पीछे नहीं हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि हरियाणा प्रदेश अपने खान-पान को लेकर विशेष रूप से जाना जाता है।
इसीलिए यह कहावत मशहूर है कि “देशां मैं देश हरियाणा, जीत दूध-दही का खाना” और यह कहावत हरियाणा के युवाओं ने चाहे सीमा पर जवान हो या फिर खिलाड़ी हो, वक्त आने पर सभी ने सिद्ध भी किया है। खेलों के प्रति खिलाड़ियों के बढ़ रहे रुझान को देखकर प्रदेश सरकार ने भी खिलाड़ियों के लिए खाने-पीने के साथ-साथ खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए स्टेडियम की भी अलग-अलग व्यवस्थाएं की हैं, ताकि खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा दिखाने के लिए किसी भी प्रकार की कमी न हो।
हरियाणा के खिलाड़ी अबकी बार चीन में आयोजित एशियाई खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और देश के लिए मेडल जीत रहे हैं। सोमवार को 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल टीम ने देश को कांस्य पदक दिलाने का काम किया है, इस टीम में करनाल के अनीश बनवाला भी शामिल थे। सोमवार को चीन में आयोजित निशानेबाजी प्रतियोगिता में चीन ने प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए 1800 में से 1765 अंक और कोरिया ने 1734 का स्कोर किया। यानि देश 47 से स्वर्ण व 16 अंक से रजत पदक चूक गया और देश के इन निशानेबाजों को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। लेकिन देश के लिए यह भी एक बड़ी उपलब्धि है।
अनीश के पिता जगपाल सिंह ने बताया कि बेटे ने प्रदेश ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन किया है। मुझे अपने बेटे पर गर्व है। वहीं अनीष के घर पर बधाइयां देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। वहीं परिवार में काफी खुशी का माहौल है। जन्म दिन पर ही उसने यह मेडल हासिल किया है। इसलिए परिवार में खुशी और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
उनके पिता ने बताया कि अनीश बनवाला ने कभी मार्डन पेंटाथलॉन गेम से शुरूआत की थी। लेकिन पढ़ाई और पांच खेलों का प्रशिक्षण एक साथ लेना मुश्किल हो रहा था। मार्डन पेंटाथलॉन जिसमें कि पांच खेल पिस्टल शूटिंग, फेंसिंग, स्वीमिंग, हॉर्स राइडिंग और रनिंग शामिल है। हालांकि इन खेलों में भी वह बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे और उनके द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीत चुके थे। लेकिन फिर उन्होंने शूटिंग गेम को अपनाया और उसमें ही खेल कर अच्छा मुकाम भी पाया। इतना ही नहीं अनीश की बड़ी बहन भी शूटिंग खेल करती थी जो जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड ला चुकी है।
अनीश की माता पूनम ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के लिए शूटिंग रेंज में अच्छी प्रैक्टिस के लिए 2015 में फरीदाबाद का रूख किया और अनीश को दिल्ली की करणी सिंह शूटिंग रेंज से प्रशिक्षण दिलाना शुरू किया। वहीं पर अनीश शूटिंग की बारीकियां सीखने के साथ-साथ मनाव रचना यूनिवर्सिटी से बीबीए फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। अनीश की माता ने कहा कि अनीश शुरू में शरारती नहीं था लेकिन उसके बड़ी बहन शरारती थी और वह भी खेल में काफी अच्छी थी, लेकिन उन्होंने खेल से अपने रुचि हटाकर पढ़ाई की और अब वह एमबीबीएस कर रही है।
वहीं अनीश की दादी सुंदर देवी ने कहा कि उन्हें अपने पौते पर गर्व है। माता पिता के सहयोग और आशीर्वाद की बदौलत अनीश इस मुकाम तक पहुंचा है। दादी ने सरकार का भी तहे दिल से आभार प्रकट करते हुए कहा कि सरकार भी समय-समय पर खिलाड़ियों का सहयोग कर रही है। उनके पौते ने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है जिस कारण उनके परिवार में खुशी का माहौल है। उनका कहना है कि अनीश भविष्य में ओलंपिक में गोल्ड लेकर आएगा।
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