नेचुरोपैथ कौशल :
Asthma Symptoms And Treatment : आज बहुत से लोग सांस की बीमारी से ग्रसित हैं और उनके पास कोई हल नहीं हैं, इसलिए ये पोस्ट उनके लिए रामबाण हैं, तो आप इसको ज़रूर शेयर कीजिये।(Asthma Symptoms And Treatment)
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दमा वस्तुतः एलर्जी के कारण होता है।
जब श्वसनी (bronchus) में हवा भर जाता है तब फेफड़ों में सूजन होने लगता है जिसके फलस्वरूप साँस लेने में मुश्किल होने लगती हैं।
फेंफड़ो के अंदर जाने वाला वायु मार्ग छोटा या संकीर्ण हो जाने के कारण दमा का एटैक होता है।
तब लोग सामान्य साँस भी जोर जोर से लेने लगते हैं और नाक से जब साँस लेना दूभर हो जाता है तब मुँह से साँस लेने लगते हैं।
दमा के रोगी को साँस लेने से ज़्यादा साँस छोड़ने में मुश्किल होती है।
एलर्जी के कारण श्वसनी में बलगम पैदा हो जाता है जो कष्ट को और भी बढ़ा देता है।
एलर्जी के कारण दमा होने के बहुत से कारणों में से कुछ इस प्रकार है-
• घर के धूल भरे वातावरण के कारण।
• घर के पालतू जानवरों के कारण।
• रास्ते के धुँए और धूल के कारण।
• सुगंधित सौन्दर्य (perfumed cosmetics) प्रसाधनों के कारण।
• सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और साइनसाइटिस (sinusitis) के संक्रमण के कारण।
• ध्रूमपान करने के कारण।
• अधिक मात्रा में शराब पीने के कारण।
• व्यक्ति विशेष के कुछ विशेष खाद्द पदार्थों से एलर्जी के कारण।
• महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण।
• कुछ विशेष प्रकार के दवाओं के कारण।
• सर्दी के मौसम में ज़्यादा ठंड पड़ जाने के कारण एलर्जी के बिना भी दमा का रोग शुरू हो सकता हैं।
• तनाव या भय के कारण।
• अतिरिक्त मात्रा में प्रोसेस्ड या जंक फूड खाने के कारण।
• ज़्यादा नमक खाने के कारण।
• आनुवांशिकता (heredity) के कारण आदि।
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• दमा के लक्षण की बारे में बात करते ही पहली बात जो मन में आती है, वह है साँस लेने में कठिनाई।
दमा का रोग या तो अचानक शुरू होता है या खाँसी, छींक या सर्दी जैसे एलर्जी वाले लक्षणों से शुरू होता है।
• साँस लेने में कठिनाई होती है।
• सीने में जकड़न जैसा महसूस होता है।
• दमा का रोगी जब साँस लेता है तब एक घरघराहट जैसा आवाज होती है।
• साँस तेज लेते हुए पसीना आने लगता है।
• बेचैनी-जैसी महसूस होती है।
• सिर भारी-भारी जैसा लगता है।
• जोर-जोर से साँस लेने के कारण थकावट महसूस होती है।
• स्थिति बिगड़ जाने पर उल्टी भी हो सकती है आदि।
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(1). एक लीटर पानी में दो बड़ा चम्मच मेथी के दाने डालकर आधा घंटे तक उबालें, उसके बाद इसको छान लें। दो बड़े चम्मच अदरक का पेस्ट एक छलनी में डालकर उस रस निकाल कर मेथी के पानी में डालें। उसके बाद एक चम्मच शुद्ध शहद इस मिश्रण में डालकर अच्छी तरह से मिला लें। दमा के रोगी को यह मिश्रण प्रतिदिन सुबह पीना चाहिए।
(2). दो छोटे चम्मच आंवला का पावडर एक कटोरी में ले और उसमें एक छोटा चम्मच शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। हर रोज सुबह इस मिश्रण का सेवन करें।
(3). एक कटोरी में शहद लें और उसको सूंघने से दमा के रोगी को साँस लेने में आसानी होती है।
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(4). ज़रूरत के अनुसार सरसों के तेल में कपूर डालकर अच्छी तरह से गर्म करें। उसको एक कटोरी में डालें। फिर वह मिश्रण थोड़ा-सा ठंडा हो जाने के बाद सीने और पीठ में मालिश करें। दिन में कई बार से इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षणों से कुछ हद तक आराम मिलता है।
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(5). लहसुन फेफड़ो के कंजेस्चन को कम करने में बहुत मदद करता है। दस-पंद्रह लहसुन का फाँक दूध में डालकर कुछ देर तक उबालें। उसके बाद एक गिलास में डालकर गुनगुना गर्म ही पीने की कोशिश करें। इस दूध का सेवन दिन में एक बार करना चाहिए।
(6). गरमागरम कॉफी पीने से भी दमा के रोगी को आराम मिलता है। क्योंकि यह श्वसनी के मार्ग को साफ करके साँस लेने की प्रक्रिया को आसान करता है।
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(7). एक कटोरी में एक छोटा चम्मच अदरक का रस, अनार का रस और शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। उसके बाद एक बड़ा चम्मच इस मिश्रण का सेवन दिन में चार से पाँच बार करने से दमा के लक्षणों से राहत मिलती है।
(8). अर्जुन की छाल का चूर्ण एक छोटा चम्मच गाय के दूध में या पानी में इतना उबाले के पानी आधा रह जाए, और इस को हर रोज़ रात को सोते समय पिए। इसमें एक चुटकी भर दाल चीनी भी डाल दे।
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(9). जब भी दूध पिए देसी गाय का ही पिए और इसमें अम्बा हल्दी एक चुटकी डाल कर पिए।
(10). इस के साथ में आज कल बाजार में कुछ आयुर्वेद कंपनिया कुछेक प्रोडक्ट ले कर आई हैं, जिन्हे मैंने खुद कई मरीजों पर इस्तेमाल किया हैं और उस के बहुत ही पॉजिटिव रिजल्ट मिले हैं, आप ये भी ज़रूर इस्तेमाल करे। ये हैं एलो वेरा, नोनी जूस, तुलसी।
सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में 30 मिली एलो वेरा, 30 मिली नोनी जूस, डाल कर इसको पिए। ये 3 महीने तक करना हैं, और ये प्रयोग अनेक लोगो पर सफलता पूर्वक आज़माया हैं।
साधरणतः जाड़े के मौसम में ठंड के कारण दमा का रोग भयंकर रूप धारण करता है।
इसलिए इस समय इन घरेलु उपचारों के सहायता से दमा रोग काबु में किया जा सकता है, साथ ही कुछ बातों पर ध्यान से दमा रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है
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• घर को हमेशा साफ रखें ताकि धूल से एलर्जी की संभावना न हो।
• योग-व्यायाम और ध्यान (meditation) के द्वारा खुद को शांत रखें।
• मुँह से साँस न लें क्योंकि मुँह से साँस लेने पर ठंड भीतर चला जाता है जो रोग को बढ़ाने में मदद करता है।
एक सामाजिक जिम्मेदारी के तहत इसे सभी लोगों तक पहुचाएं।