इंडिया न्यूज, Haryana (Baba Banda Singh Bahadur) : इतिहास में सुनहरे पन्नों में दर्ज बाबा बंदा सिंह बहादुर के शौर्य और बलिदान की गाथा को पुनर्जीवित करने के लिए हरियाणा सरकार भरसक प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने अधिकारियों को यमुनानगर के लोहगढ़ (Lohgarh) में लगभग 10 एकड़ क्षेत्र में बनाए जा रहे संग्रहालय व थीम पार्क के डिजाइन को अत्याधुनिक तरीके से तैयार करने के निर्देश दिए। पहले चरण में किला, मुख्य गेट तथा चारदीवारी का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री आज लोहगढ़ में स्थापित किए जाने वाले संग्रहालय व थीम पार्क को लेकर बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में पर्यटन और कला एवं सांस्कृतिक मामले मंत्री कंवर पाल तथा सांसद संजय भाटिया भी मौजूद रहे।
मनोहर लाल ने कहा कि महान बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहगढ़ को ऐतिहासिक व पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संग्रहालय में बाबा बंदा सिंह बहादुर के जन्म से लेकर अंतिम दौर तक संपूर्ण जीवन का सार दिखाया जाना चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी इस गौरवशाली इतिहास को जानकर उनके जीवन से प्रेरित हो सके। उन्होंने कहा कि संग्रहालय के अलावा एक शहीदी स्मारक भी बनाया जाना चाहिए, जो बाबा बंदा सिंह बहादुर के साथ शहीद हुए अनेक सैनिकों को समर्पित होगा।
लोहगढ़ में बनने वाले इस संग्रहालय में बाबा बंदा सिंह बहादुर के जीवन के इतिहास के साथ -साथ नवीनतम तकनीकों के समावेश से आगंतुकों को एक नई दुनिया का आभास होगा। इस संग्रहालय में थ्री-डी प्रोजेक्शनन, अस्त्र-शस्त्रों, पोशाकों के प्रदर्शन के अलावा विशालकाय इन्सटॉलेशन भी लगाए जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, बाबा बंदा सिंह बहादुर के जीवन की कहानियों को आॅगमेंटेड रियलिटी के माध्यम से दिखाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा बाबा बंदा सिंह बहादुर की कर्मभूमि रही है। श्री गुरु नानक देव जी ने बाबा बंदा सिंह बहादुर को प्रेरणा दी कि संत की बजाय सिपाही की तरह कार्य करो। बाबा बंदा सिंह बहादुर समाज के लिए तो संत थे, लेकिन समाज के दुश्मनों के लिए एक सिपाही थे।
उन्होंने हथियार उठाए, देश की रक्षा की और सबसे पहले सिख राज्य की स्थापना करके लोहगढ़ में राजधानी बनाई। समाज की भलाई के लिए उन्होंने अनेक काम किए। इसलिए हरियाणा सरकार लोहगढ़ को तीर्थाटन के रूप में विकसित करने पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर भारत के मुगल शासकों के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले पहले सिख सैन्य प्रमुख थे, जिन्होंने सिक्खों के राज्य का विस्तार भी किया। उनका जीवन प्रेरणादायी रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहगढ़ में मार्शल आर्ट्स स्कूल भी स्थापित किया जाए। इसके लिए खेल एवं युवा मामले विभाग इस स्कूल का डिजाइन और मार्शल आर्ट्स कलाओं का समावेश करने के लिए अध्ययन करे। इस स्कूल में भारत के विभिन्न कोनों के परंपरागत मार्शल आर्ट्स जैसे गतखा, थांग-ता, कलारीपयट्टू इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाए। इसके अलावा, योग व मलखंभ को भी शामिल किया जाना चाहिए। एक व्यक्ति संपूर्ण रूप से योद्ध तब ही बनता है जब वह शारीरिक मजबूती के अलावा योग साधना में भी निपुण हो। उन्होंने कहा कि लोहगढ़ से आदीबद्री तक सड़क का चौड़ाकरण और सुधारीकरण किया जाए, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को आवागमन सुगम हो सके।
मनोहर लाल ने कहा कि लोहगढ़ के साथ-साथ राज्य सरकार आदिबद्री को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर रही है। आदिबद्री में डैम, बैराज बनाया जा रहा है। आदिबद्री का सरस्वती नदी के साथ संबंध होने के नाते यहां भी ऐतिहासिक महत्व है। इसलिए भविष्य में लोहगढ़ से लेकर आदिबद्री का क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्था न बनेगा। राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती, यमुनानगर के जिला उपायुक्त राहुल हुड्डा, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) वर्षा खंगवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें : Gold ATM : देश व दुनिया के पहले ATM से अब खरीद सकेंगे सोना