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‘Chalo Theatre’ Festival 2024 : परिवार के लिए अपनी खुशियों को तिलांजलि देते रहे ‘बाबूजी’..पिता के सपनों की कहानी बयां करता नाटक

  • एनएसडी रेपर्टरी का मंचन, आखिरी सांस तक साथ रही हारमोनियम की गूंज, पिता के सपनों की कहानी बयां करता नाटक

India News Haryana (इंडिया न्यूज), ‘Chalo Theatre’ Festival 2024 : चलो थियेटर महोत्‍सव के दूसरे दिन पानीपत इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंजीनियिरंग एंड टेक्‍नॉलोजी (पाइट) में साहित्‍य कला परिषद से सर्वश्रेष्‍ठ निर्देशक का अवार्ड हासिल करने वाले राजेश सिंह के निर्देशन में बाबूजी थियेटर का मंचन हुआ। एक पिता अपने परिवार के लिए अपनी खुशियों की तिलांजलि देते हैं। लेकिन जब उन्‍हीं पिता की खुशी और इच्‍छा की बात आती है तो वही परिवार उनका समर्थन नहीं करता। इसी के ताने-बाने में गूंथी है बाबूजी नाटक की कहानी।

एक कलाकार को जीवन में बहुत संघर्षों का करना पड़ता है सामना

बाबूजी हमारे समाज में वह व्‍यक्ति हैं, अपना जीवन भी स्वतंत्रता के साथ जीना चाहता है। अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपने भीतर के कलाकार को भी जिंदा रखना चाहते हैं। उनकी रुचि नौटंकी लोक नृत्य में है लेकिन उनकी पत्नी, बेटा, उनके अपने साथी और समाज के लोग उन्हें समर्थन नहीं देते। उन्हें अपने ही घर से बाहर कर दिया जाता है। इसके बावजूद, कला के प्रति उनका समर्पण और प्रेम कम नहीं होता। तबले और हारमोनियम की गूंज उनके आखिरी सांस तक उनके साथ रहती है। हमारे समाज में आज भी एक कलाकार को अपने जीवन में बहुत संघर्षों का सामना करना पड़ता है।

‘Chalo Theatre’ Festival 2024 : भारत के ग्रामीण हिस्‍सों के बारे में खूबसूरती से लिखा

रास कला मंच सफीदों के निदेशक रवि मोहन ने बताया कि इस नाटक के लेखक हिंदी साहित्‍य के प्रसिद्ध नाम मिथिलेश्‍वर हैं। उन्‍होंने भारत के ग्रामीण हिस्‍सों के बारे में खूबसूरती से लिखा है। नेशनल स्‍कूल ऑफ ड्रामा की टीम यह नाटक प्रस्‍तुत कर रही है। निर्देशक राजेश सिंह एनएसडी से स्‍नातक हैं। पाइट के वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने कहा कि चलो थियेटर उत्‍सव से हमें जिंदगी जीने का नया नजरिया मिलता है। रंगकर्मी जीवंत नाटक प्रस्‍तुत करते हैं। इस बार एनएसडी की टीम लगातार लाइव थियेटर कर रही है। इस अवसर पर चेयरमैन हरिओम तायल, बोर्ड शुभम तायल, डीन डॉ.बीबी शर्मा भी मौजूद रहे।

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Anurekha Lambra

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