कैथल/मनोज मलिक
कैथल के जवाहर पार्क में एससीबीसी संयुक्त मोर्चा कैथल से बहुजन महापंचायत और सामाजिक लोक कार्रवाई सम्मेलन आयोजित किया गया है, जिसमें मुख्यातिथि के रुप में गुरनाम सिंह चढूनी ने शिरकत की और लोगों को सम्बोधित किया। किसान नेता चढूनी ने कहा कि यह आंदोलन केवल किसानों का आंदोलन नहीं है, यह आंदोलन किसान ने शुरु किया है अब यह आंदोलन देश के हर जनमानस का आंदोलन है, क्योंकि इन तीन कृषि कानूनों का केवल किसानों को ही नुकसान नहीं है, बल्कि देश के हर वर्ग को इन कृषि कानूनों से नुकसान है जो अनाज खरीद कर खाते हैं, क्योंकि जब पूरे देश का भोजन चंद लोगों के खजाने में जाकर कैद हो जाएगा।
उन्होंने कहा यह आंदोलन जनता v/s कॉरपोरेट घराने का है इसलिए हम सभी को इकट्ठा होना पड़ेगा,आज की जो यह पंचायत है हमने इसे दलित सम्मेलन के नाम से बुलाया है, अब हम सभी एक साथ मिलकर इस आंदोलन को लड़ेंगे क्योंकि यह देश चंद लोगों के हाथों में बिक रहा है, उन्होंने कहा कि हमने मंच के माध्यम से कहा है कि जो स्वर्ण जाति के भाई हैं वह अपने घरों में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की फोटो लगाएं और जो कमेरा वर्ग के लोग हैं चाहे दलित समाज के लोग हैं या अन्य किसी वर्ग के लोग हैं सर छोटू राम की फोटो अपने घरों में लगाएं।
पत्रकारों ने कहा कि सांसद नायब सैनी कह रहे हैं कि किसानों से बात हो चुकी है और वह तीन कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे हैं यह कृषि कानून सही है और इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है, इस बात का जवाब देते हुए गुरनाम सिंह ने कहा कि यह जो भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं यह लोग कॉरपोरेट के दलाल हैं, और आपके जिस संसद की बात कर रहे हैं इसके पास 10 सालों पहले क्या था और आज वह अरबपति है, यह लोग समाज की सेवा नहीं कर रहे हैं, केवल ड्रामा कर रहे हैं उन्होंने इस तरह से देश को बेचने पर लगा दिया।
पत्रकारों ने पूछा कि अगर कोरोना की आड़ में इस आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की गई तब आप की क्या रणनीति रहेगी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि जब आंदोलन शुरू हुआ था तब भी कोरोना था, तो क्या किसान रुक गया था यह लोग झूठ बोल रहे हैं कोरोना कोई बीमारी नहीं है, कोरोना एक बहुत बड़ा घोटाला है, उन्होंने हंसते हुए कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि जो कोरोना वेक्सीन का टीका लगवाएगा वो इनका यस मैम ना हो जाए, उसके हार्मोन बदल सकते हैं और मुझे यह खतरा भी है कि यह टीके किसान यूनियन को ना लगा दें।
उन्होंने कहा कि यह लड़ाई तब तक लड़ी जाएगी जब तक तीन कृषि कानून वापिस नहीं होंगे और जब तक निजी करण को रोका नहीं जाएगा पत्रकारों ने पूछा कि 40 लोगों का सयुक्त मोर्चा था पर केवल दो लोग नजर आ रहे हैं कि क्या आप और टिकैत। आपको नहीं लगता यह आंदोलन पंचायतों में उलझ कर रह गया है इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बात सही है कि आंदोलन पंचायतों में उलझ गया है परंतु किसान भी क्या करता है 2 महीने से बॉर्डर पर बैठे थे और सरकार सुन नहीं रही थी तो हमने सोचा पंचायत ही कर ले और आगे कहा कि जहां-जहां जिस प्रदेश में चुनाव आएगा वहां हम बीजेपी को हराने के लिए पंचायतें करेंगे और वोट की चोट से पश्चिम बंगाल का चुनाव भी हरवाएगे।
पत्रकारों ने पूछा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वह किसानों से एक फोन की दूरी पर है जो चाहे बात कर ले इस पर गुलाम चढूनी ने कहा कि शायद वह फोन खो गया है, नंबर कौन सा है आप ही हमें बता दें।पत्रकारों ने कहा कि चौधरी वीरेंद्र सिंह कह रहे हैं की वह मध्यस्थता करने को तैयार हैं और उन्होंने पत्र भी लिखा है इस पर गुरनाम सिंह चढूनी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या वह रिश्ता करवाने की बात कर रहे हैं क्या हमारे पास बात करने वाले लोगो की कमी नहीं है चौधरी बिरेंदर सिंह ड्रामा करते हैं अगर वह इतने ही अच्छे हैं तो अपने लड़के से इस्तीफा क्यों नहीं दिलवा देते जो भाजपा सांसद है हम भी मान जाएंगे की यह सर छोटू राम का नाती है. वह सर छोटू राम को कलंकित कर रहे हैं एक तरफ दुष्यंत चौटाला ने अपने दादा चौधरी देवीलाल को कलंकित किया वीरेंद्र सिंह ने अपने नाना सर छोटू राम को कलंकित किया अगर आज भी यह दोनों नेता राजनीति छोड़ कर किसानों के साथ आ जाएं तो बीजेपी को झुकना पड़ेगा।