इंडिया न्यूज, चंडीगढ़
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने आए एक और बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत सरकार ने लगभग 184 पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों की सुरक्षा वापस लेने के आदेश जारी कर दिए हैं। मालूम हो कि इन वीआइपी की सुरक्षा में 300 से अधिक कर्मचारी लगे हुए थे। यह आदेश एडीजीपी ने सभी पुलिस प्रमुखों को भेजे दिए हैं। जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनने के बाद लगातार कई अहम फैसले किए जा रहे हैं। इस बार जिन लोगों की सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें दर्जनभर से ज्यादा पूर्व मंत्री व पूर्व संसद सदस्य सदस्य शामिल हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की परिवार की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों, पूर्व आईपीएस अधिकारियों की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को भी वापस बुला लिया गया है।
यह भी पढ़ें : जानिए कब से शुरू हो रही चारधाम यात्रा
आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश कन्वीनर सुच्चा सिंह छोटपुर, पूर्व सांसद संतोष चौधरी, पूर्व सांसद राजीव शुक्ला, पूर्व सांसद वरिंदर सिंह बाजवा, पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा, जनमेजा सिंह सेखो, बीबी जगीर कौर, सोहन सिंह ठंडल, मदन मोहन मित्तल, गुलजार सिंह राणिके और तोता सिंह की सुरक्षा वापस ले ली गई है। इसके अतिरिक्त कई पूर्व चेयरमैनों की सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी को भी वापस ले लिया गया है। जानकारी हो कि सबसे ज्यादा सिक्योरिटी पंजाब की पूर्व सरकार में मंत्री रहे अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से वापस ली गई थी।
मनप्रीत बादल को 19, अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग को 21, परगट सिंह को 17, अरुणा चौधरी, राजकुमार वेरका 11, भारत भूषण आशू 16, ब्रहम मोहिंद्रा 14, राणा गुरजीत सिंह को 14-14 कर्मचारी, रणदीप सिंह नाभा 15, राणा केपी सिंह 13, राजिया सुल्ताना 4,अजैब सिंह भट्टी 2, संगत सिंह गिलजिया 15, बिंदरमीत सिंह 3, सुखपाल सिंह भुल्लर 4, गुरप्रीत सिंह कांगड 6, तृप्त राजिंदर बाजवा 14, सुखविंदर सिंह सकारिया 14, कुशलदीप सिंह किकी ढिल्लों 4, कुलजीत सिंह नागरा 2 और हरप्रताप सिंह अजनाला को चार सुरक्षा कर्मचारी मिले हुए थे जिन्हें नए आदेशों के बाद वापस ले लिया गया है।
यह भी पढ़ें : भारत में आज कल से इतने अधिक कोरोना केस