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Bhai Dooj 2024 : श्रद्धा व धूमधाम से मनाया भाई दूज पर्व, लेकिन जो खुशी सामने बैठकर तिलक लगाने में वह…

• LAST UPDATED : November 3, 2024
  • भाइयों को तिलक लगा बहनों ने लंबी उम्र की कामना की, भाइयों ने बहनों को दिए उपहार

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Bhai Dooj 2024 : प्रदेश भर में रविवार को भाई दूज का पर्व श्रद्धा से मनाया गया। बहनों ने भाई को तिलक करके लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने भी बहनों को उपहार भेंट किए। दिवाली के बाद भैया दूज का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है।

Bhai Dooj 2024 : ये है पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्यदेव की पत्नी छाया की दो संताने थी। एक यमराज और दूसरी बेटी यमुना थी। यम अपनी बहन यमुना को बेहद प्रेम करते था और अपनी बहन की हर मनोकामना पूरा करते था लेकिन यमुना जब भी यमराज को अपने घर खाने को बुलाती तो व्यस्त रहने के कारण यम पहुंच नहीं पाता था लेकिन एक बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन  यमराज ने समय की परवाह किये बिना अपनी बहन से मिलने उनके घर पहुंच गया था।

यह प्रथा जो शुरू हुई आज तक चली आ रही

अपने भाई यमराज को देखकर यमुना काफी खुश हुई और अपने भाई को अपने हाथो से बनाकर कई पकवान खिलाए। जिसके बाद यमराज प्रसन्न होकर बहन से कुछ मांगने को कहा तो यमुना ने अपने भाई यमराज से वरदान मांगा कि आप हर साल इसी दिन मेरे घर खाने के लिए आएंगे। माना जाता है कि अगर कोई भाई भैया दूज के दिन अपनी बहन के घर जाता है तो उसे यम का भय नहीं होता है। उसके बाद यह प्रथा जो शुरू हुई आज तक चली आ रही है।

जो खुशी सामने बैठ कर तिलक लगाने में वह व्हाट्सअप व फेसबुक में नहीं

इसीलिए इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। तब यमराज ने प्रसन्न होकर उसे यह वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी दीर्घायु तथा रक्षा के लिए हाथ जोड़ कर यमराज से प्रार्थना करती है। इस दिन यमराज को तृप्त और प्रसन्न करने से पूजन करने वालों को मनोवांछित फल मिलता है।

जो खुशी सामने बैठ कर तिलक लगाने में वह व्हाट्सअप व फेसबुक में नहीं

धन-धान्य, यश एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती है। हालांकि तकनीकि युग में भाई-बहन वहाट्सअप व फेसबुक पर इस त्यौहार की बधाई देकर अपना काम चला देते हैं, मगर जो खुशी सामने बैठ कर तिलक लगाने में वह व्हाट्सअप व फेसबुक में नहीं। यह त्यौहार समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करता है। देश को भी अपना परिवार समझ कर हमें मिलजुल कर भाईचारे से रहना चाहिए, तभी देश प्रगति की राह की ओर अग्रसर होगा।

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