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BKU : भारतीय किसान यूनियन चढूनी गुट भी कूदा किसानों के आंदोलन में

• LAST UPDATED : February 16, 2024
  •  प्रदेश के आज सभी टोल प्लाजा बंद रहेंगे और 17 को निकालेंगे तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च, 18 को ब्रह्मसरोवर के तट पर होगी आगामी निर्णय की बैठक 

India News (इंडिया न्यूज़), BKU, चंडीगढ़ : भारतीय किसान यूनियन चढूनी गुट द्वारा आखिर 13 फरवरी से चले किसान आंदोलन में कूदने का निर्णय ले लिया है। अब हरियाणा में 16 फरवरी को भारतीय किसान यूनियन चढूनी तथा अन्य संगठन दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक 3 घंटों के लिए प्रदेश के सभी टोल प्लाजा बंद रखेंगे। यूनियन के दूसरे निर्णय के अुनसार 17 फरवरी को किसानों द्वारा पूरे प्रदेश में तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च निकाले जाएंगे।

इसके बाद 18 फरवरी को कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के पुरूषोत्तमपुरा बाग में प्रदेश के सभी किसान, मजूदर, व्यापारी, सामाजिक तथा अन्य संगठनों की एक विशाल बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में आगामी रणनीति की रुपरेखा तैयार की जाएगी। ये सभी निर्णय भाकियू चढूनी की चढूनी गांव में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए।

किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लें

बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने प्रदेश के सभी किसान संगठनों, पंचायत एसोसिएशनों, मजदूर संगठनों, व्यापारी संगठनों तथा अन्य सामाजिक संगठनों से अपील की है कि वे सभी इस किसान आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग लें और किसानों का पूरा साथ दें। उन्होंने पंजाब को हरियाणा का बड़ा भाई बताते हुए कहा कि किसानों की सभी मांगे पूरी तरह से जायज हैं। इसलिए सभी संगठनों को अपने सभी मतभेद भुलाकर इस आंदोलन में शामिल होना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि चाहे कोई किसान या अन्य संगठन उनसे या उनके संगठन से किसी प्रकार का कोई विरोध भी रखता हो तब भी उसे विरोध भुलकार शामिल होना चाहिए।

आपस में तो हम बाद में निपट लेंगे। लेकिन साथ ही उन्होंने सभी यह भी अपील की कि वे अपनी भागीदारी शांतिपूर्ण तरीके से करें। साथ ही उन्होंने कहा कि अब यह आंदोलन हरियाणा के भी घर-घर और गांव-गांव तक पहुंचना चाहिए और साथ ही जहां-जहां उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी उनकी यूनियन की इकाईयां हैं वहां भी आज उन द्वारा घोषित कार्यक्रमों के अनुसार आंदोलन होना चाहिए। उन्होंने एक मार्मिक अपील करते हुए कहा कि आंदोलन में तकलीफें तो आती हैं लेकिन घर से निकलना पड़ता है तभी कुछ प्राप्त होता है। किसानों का आंदोलन देश की जनता के लिए किया जा रहा है। इसलिए इस जंग के मैदान में आंदोलनरत किसानों के साथ खड़ा होना अतिआवश्यक है।

इसी अपील में उन्होंने कहा कि उनके पास बहुत दिनों से आंदोलन के लिए कुछ करने के फोन आ रहे थे। अब मैं सभी से अपील करता हूं कि आंदोलन का पूरा समर्थन करें, लेकिन किसी भी प्रकार का दंगा इत्यादि न करें, तोड़फोड़ न करें, पुलिस के साथ न भीड़ें और यदि ऐसी नौबत आ भी जाए तो भी अपने आप कुछ न करें। उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान के नाम पर ऐसा करेगा तो वह या तो सरकारी एजेंट होगा या फिर कोई गलत आदमी होगा। उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाएगा। उन्होंने बैठक में आंदोलन के समर्थन के लिए उपस्थित सभी किसान प्रतिनिधियों से हाथ भी खड़े करवाए।

जान-माल का नुकसान न हो, ऐसे चलाएं आंदोलन

पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने सभी से यह भी अपील की कि वे आंदोलन को इस प्रकार चलाएं ताकि कोई जान-माल का नुकसान न हो और आंदोलन से ज्यादतियां करने वाले की आत्मा जाग जाए और बच्चे-बच्चे तक किसान की आवाज पहुंचे। आज की बैठक में काफी संख्या में किसान उपस्थित थे। किसानों में काफी जोश भी नजर आया। गुरनाम सिंह चढूनी भी काफी उत्साहित नजर आए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पंजाब बार्डर पर आंदोलन के लिए नहीं जाएंगे बल्कि हरियाणा में ही आंदोलन करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने एक मांग और जोड़ते हुए कहा कि सरकार को आने वाले चुनाव को ईवीएम मशीन की बजाय बैलेट पेपर से करवाना चाहिए। बैठक में मुख्य रूप से यूनियन के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष कर्मसिंह मथाना, मीडिया प्रभारी राकेश बैंस, प्रदेश प्रवक्ता पिं्रस वडैच, युवा प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट विक्रम मसाना तथा कृष्ण कलाल माजरा भी मौजूद रहे।

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