भिवानी में आज आयोजित जिला कष्ट निवारण और परिवेदना समिति की बैठक में एक पटवारी की शिकायत मिलने पर राज्यमंत्री अनूप धानक ने उसे निलंबित कर दिया. दरअसल गांव दरियापुर निवासी पटवारी छबीलदास की गांव के ही मंदरूप सिंह ने शिकायत की थी कि उक्त पटवारी की लापरवाही की वजह से उसकी फसल मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हो पाई थी. जिस कारण 3 साल से उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इस मुद्दे पर पंचायत भवन में चल रही बैठक में अच्छा खासा हंगामा हुआ और कष्ट निवारण समिति के दूसरे सदस्यों ने भी पटवारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की तो शिकायतकर्ता भी बार-बार झोली फैलाकर न्याय की गुहार करता रहा जिस पर डीसी ने 1 सप्ताह में कार्रवाई की बात कही लेकिन शिकायतकर्ता और अन्य उखड़ गए थे. उन्होंने मामले में तुरंत एक्शन लेने की मांग की तो राज्यमत्री ने विभिन्न दस्तावेजों के आधार पर पटवारी को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए.
भिवानी के पंचायत भवन तथा झोली फैला कर न्याय की गुहार लगा रहा. यह शख्स गांव दरियापुर निवासी मंदरूप है जो कि गांव में कार्यरत पटवारी की कार्यशैली से खफा था. इस पटवारी ने इस किसान की फसल का विवरण पोर्टल पर रजिस्टर नहीं किया था. बार-बार शिकायत दी गई लेकिन कोई कार्रवाई तो नहीं हुई मगर सीएम विंडो में शिकायत देने के बाद कष्ट निवारण समिति की बैठक में परिवाद रखा गया लेकिन परिवाद सुने जाने से 1 दिन पहले ही पटवारी का तबादला दरियापुर से मिरान कर दिया गया तो किसान बार-बार उसके खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाता इस बैठक में सुना गया.
दरअसल भिवानी के पंचायत भवन में आज आयोजित बैठक में अरसे के बाद समिति के चेयरमैन और प्रदेश में राज्य मंत्री अनूप धानक शिरकत करने के लिए पहुंचे थे. हालांकि किसानों के विरोध के अल्टीमेटम के बाद यहां अलर्ट किया गया था. पंचायत भवन के चारों ओर से आने वाले मुख्य मार्गों को पुलिस ने सील किया गया था. लोगों की आवाजाही को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया था. बैठक शुरू हुई और 20 परिवाद रखे गए लेकिन 12 परिवाद पेंडिंग रखे गए 8 परिवादों पर सुनवाई हुई जिसमें 1 में पटवारी को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए. इसके अलावा बिजली पानी और दूसरी कई शिकायतें भी बैठक में रखी गई जिनके समाधान की बात मंत्री ने कही.
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य मंत्री अनूप धानक ने कहा कि शिकायतों पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है. जब उनसे पूछा गया कि किसानों ने मंत्रियों के विरोध और घेराव का अल्टीमेटम कितना जायज है. कड़ी सुरक्षा किया जाना कितना वाजिब है तो मंत्री उठकर जाने लगे व कहा कि यह तो पुलिस का काम है कि किस तरह सुरक्षा प्रदान की जानी है. मंत्रिमंडल विस्तार के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र का मामला है तथा वे ही तय करेंगे किस को मंत्री और किस को चेयरमैन बनाया जाना है. वही गर्मी के बावजूद पानी की किल्लत बारे पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए.
लंबे समय बाद कोरोना की वजह से आज आयोजित बैठक में 20 मामलों में से 8 का निपटान हुआ व एक बार फिर से 12 मामले लंबित रखे गए. उधर शिकायतकर्ता गांव दरियापुर निवासी मंदरूप का कहना था कि हर मंच पर वह शिकायत कर चुका था तथा मामले में तहसीलदार और जिला राजस्व अधिकारी को शिकायत देने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई तो सीएम विंडो में शिकायत दर्ज करवाई गई है.जिस पर आज सुनवाई के लिए उन्हें बुलाया गया और शिकायत पर कार्रवाई की गई तो वे संतुष्ट भी हैं. उधर मंत्री के दौरे के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई व पंचायत भवन को आने वाले रास्तों को सील किया गया.