India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Result : हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बाद अब अपनी ही पार्टी को लोग घेर रहे हैं। जी हां, आंतरिक कलह कांग्रेस में नित रोज नजर आती जा रही है। प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब प्रत्याशियों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। खासकर उन सीटों पर जहां पार्टी के ही बागी उम्मीदवारों के कारण कांग्रेस प्रत्याशी हारे।
जी हां, हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशी अब खुलकर अपनी पार्टी नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। मुख्य तौर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा को आड़े हाथों लिया जा रहा है। वहीं कुमारी सैलजा के हारे हुए प्रत्याशी मीडिया भी दूसरे धड़े पर लगातार आरोप मढ़ रहे हैं।
घरौंडा से चुनाव हारने वाले कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र राठौर अपनी ही पार्टी के नेता से काफी हताश हैं। राठौर ने बीजेपी के पक्ष में मतदान करने के लिए कांग्रेस नेता पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान, भुप्पी लाठर और रघुवीर संधू द्वारा मतदाताओं को पैसे बांटने के गंभीर आरोप लगाए। अब अगर इन पैसे बांटने वालों को पार्टी से नहीं निकाला गया तो वह पार्टी को ही अलविदा बोल देंगे।
वहीं कांग्रेस नेता परविंदर परी ने भी हुड्डा पर कई आरोप जड़े। मालूम रहे कि अंबाला कैंट से परविंदर सिंह परी को टिकट दिया था, जो कुमारी सैलजा गुट से है। यहां पर हुड्डा गुट की नेता चित्रा सरवारा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिससे कांग्रेस हारी। परी ने पुन: कहा कि चुनाव हारना और हराना दोनों में ही फर्क होता है। मुझे जानबूझकर ही चुनाव हराया गया है। पार्टी ने यहां षडयंत्र रचा है। कहीं न कही राहुल गांधी को धोखा मिला है, उनको भ्रमित किया गया है।
त्रिलोचन सिंह ने कांग्रेस के अंदर भितरघात के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नगर निगम के छह में से 5 पार्षद भाजपा से मिले थे और इसलिए यहां से कांग्रेस प्रत्याशी सुमिता सिंह हारी। उन्होंने सुमिता सिंह पर भी निशाना साधा और कहा कि ड्राइंग रूम की राजनीति अब नहीं चलेगी, बल्कि उनको सड़कों पर आना पड़ेगा।
वहीं असंध से हारेपूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने अपनी ही पार्टी के दिग्गजों को घेरा और साफ कहा कि कांग्रेस हारी नहीं, बल्कि हुड्डा कांग्रेस हारी है। पिता-पुत्र को ही अब हार की जिम्मेदारी लेनी होगी।