इंडिया न्यूज, Haryana : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश पर बढ़ते कर्ज को लेकर भाजपा-जजपा सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। उनका कहना है कि मौजूदा सरकार ने हरियाणा को 4 लाख करोड़ से ज्यादा के कर्ज में डुबो दिया है। इसमें 3,25,000 करोड़ कर्जा और 1,22,000 करोड़ की देनदारियां हैं। स्थिति यह हो गई है कि सरकार कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए भी कर्ज ले रही है। इस वजह से कई बार कर्मचारियों को सैलरी मिलने में भी देरी होती है।
हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में न कोई नई रेलवे लाइन, न मेट्रो लाइन बिछी और न ही कोई बड़ी यूनिवर्सिटी और न कोई बड़ी परियोजना स्थापित हुई। बावजूद इसके प्रदेश पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। सरकार ने हरियाणा को कर्ज के जाल में फंसा दिया है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के हरियाणा में दूसरे चरण की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत 5 जनवरी से होगी। यूपी से सनौली (पानीपत) होते हुए राहुल गांधी हरियाणा में दाखिल होंगे। 6 जनवरी को पानीपत में बड़ी जनसभा होगी, जिसमें हजारों की तादाद में लोग शामिल होंगे। 7 जनवरी को यात्रा करनाल और 8 को कुरुक्षेत्र में पहुंचेगी। 10 तारीख को ब्रेक डे रहेगा। इसके बाद 11 तारीख को यात्रा अंबाला से पंजाब में दाखिल हो जाएगी।
हुड्डा ने कहा कि यात्रा का मकसद राजनीतिक उद्देश्य और वोट साधना नहीं है बल्कि इसका मकसद बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाना है। यात्रा जात-पात व धर्म के नाम पर बंटवारे और लोगों को लड़वाने वाली राजनीति के विरोध में जनजागरण अभियान है। यही वजह है कि यात्रा को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।
3 दिन के विधानसभा सत्र पर हुड्डा ने कहा कि सरकार पूरे सत्र में अपनी जवाबदेही से भागती नजर आई। विपक्ष की तरफ से चर्चा के लिए कई प्रस्ताव दिए गए जिन पर सरकार ने चर्चा तक नहीं होने दी। यहां तक कि किसानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज केस जैसे जरूरी मुद्दे को टेबल होने के बावजूद नहीं सुना गया।
वहीं उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने गन्ने के भाव में बढ़ोतरी की मांग की। लेकिन सरकार ने इसे भी खारिज कर दिया। प्रदेश के किसान 450 रुपए प्रति क्विंटल रेट की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार पंजाब के समान भाव देने के लिए भी तैयार नहीं है। हुड्डा ने कहा कि इस बार सरकार ने गन्ने के भाव में एक पैसे की भी बढ़ोत्तरी नहीं की। रेट नहीं बढ़ने की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। सरकार द्वारा रेट निर्धारण में देरी की वजह से किसानों की पेमेंट भी रूकी हुई है।
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