इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज), BJP Leader Manoj Wadhwa Joined Congress : भारतीय जनता पार्टी से कुछ समय पहले ही अलविदा कहने वाले मनोज वाधवा आज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। आज उनके घर पर दीपेंद्र हुड्डा और अशोक अरोड़ा पहुंचे, जिनकी मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस में जॉइन की है।
इस मौके पर करनाल विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी त्रिलोचन सिंह मौजूद रहे। पत्रकारों से बात करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के लिए बहुत ही खुशी की बात है कि आज मनोज वाधवा उनकी पार्टी में शामिल हुए हैं। पिछले कुछ दिनों से मनोज की कांग्रेस में जॉइनिंग होने की बात चल रही थी। हमारे भाई ने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला लिया है, जिसका बहुत ही ज्यादा स्वागत करते हैं। हम उनको विश्वास दिलाते हैं कि कांग्रेस पार्टी में उनको पूरा मान सम्मान मिलेगा।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आप देख रहे हैं लगातार कांग्रेस का परिवार हरियाणा में बढ़ रहा है। पिछले 1 साल में 40 से ज्यादा पूर्व विधायक मंत्री हमारी पार्टी में शामिल हुए हैं। तीन आजाद विधायकों ने भाजपा से अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन दिया। कल प्रोफेसर कैलाशो सैनी पूर्व सांसद ने भी कांग्रेस में अपनी आस्था जताई और कांग्रेस ज्वाइन की है।
मनोज वाधवा के ऊपर जिस प्रकार से भाजपा ने उनकी एजेंसी के द्वारा प्रताड़ना का काम किया वह सही नहीं था। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में उन्होंने जो फैसला लिया है बहुत ही बड़ा फैसला है। दीपेंद्र हुड्डा से सवाल किया गया कि जब भी कोई बीजेपी छोड़ता है ईडी उसके पीछे लग जाती है, इसका क्या कारण है, इस पर उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि देखिए जो बीजेपी को देगा चंदा बीजेपी उसको देगी धंधा, जो नहीं देगा बीजेपी को चंदा बीजेपी उसको मारेगी ईडी का डंडा।
वहीं मौजूदा समय में हरियाणा सरकार की स्थिति के बारे में बोलते हुए कहा कि आज हरियाणा में अल्पमत की सरकार आ चुकी है। उन्होंने जो 48 विधायकों की लिस्ट दी थी, उसमें से दो चुनाव लड़ रहे हैं। तीन उनके खिलाफ हो चुके हैं। तो यह अल्पमत की सरकार है। ऐसे में नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए और हरियाणा में राष्ट्रपति शासन में चुनाव होना चाहिए।
अगर वह ऐसा नहीं करते तो इस पर राज्यपाल को संज्ञान लेना चाहिए। राज्यपाल हमारे उप नेता और पार्टी के लीडर से नहीं मिले। वहीं डिप्टी स्पीकर का बयान आ रहा है कि 6 महीने तक विश्वास मत प्रस्ताव नहीं आ सकता। यह एक तकनीकी कारण बता रहे हैं जो सही नहीं है। मैं यह समझता हूं कि यह तकनीकी कारण बताकर सच छुपाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस अवसर पर मनोज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा ने अपनी जिन नीतियों के बारे में बताया था, मैंने उन नीतियों को सोचकर ही ज्वाइन किया था। न ही वह अपनी नीतियों के ऊपर चले और ना ही मेरी उनकी विचारधारा मिली। उन्होंने कहा कि बीजेपी में होते हुए मुझे उन्होंने प्रताड़ित करने का काम किया है। यह विचारधारा की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि करनाल के सभी निवासी जानते हैं जब मैं करनाल डिप्टी मेयर के पद पर था तब मैंने करनाल में विकास कार्य किया। एक भी व्यक्ति मेरे ऊपर कोई एलिगेशन नहीं लग सकता। मेरी इच्छा बिना किसी स्वार्थ के करनाल के लोगों के लिए काम करने की थी, इसलिए मैंने बीजेपी ज्वाइन की थी।
पिछले साढ़े 4 सालों में मैं बीजेपी में रहा, लेकिन उन्होंने मुझे मान सम्मान देने का काम नहीं किया। मेरी किसी भी काम में उनकी कोई भी इंवॉल्वमेंट नहीं थी। मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया और मैं राजनीति में मान सम्मान के लिए आया हूं लोगों की सेवा करने के लिए आया हूं। इसमें मेरा किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है। जहां पर सम्मान ना मिले वहां पर कोई भी इंसान रह नहीं सकता।
जब उनसे सवाल किया गया कि क्या आगे प्रताड़ित नहीं किया जा सकता, इस पर उन्होंने बोलते कहा कि पहले भी उन्होंने बहुत प्रताड़ित किया है आगे भी करते हैं तो मैं उसके लिए तैयार हूं। उल्लेखनीय है कि मनोज वाधवा करनाल के एक पंजाबी समाज के जाने-माने चेहरे हैं जो करनाल नगर निगम के डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं और वह इंडियन नेशनल लोकदल से विधायक का चुनाव भी करनाल विधानसभा सीट से लड़ चुके हैं।
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