India News Haryana (इंडिया न्यूज), BJP Legislative Party Meeting : 25 अक्टूबर को होने वाले एक दिवसीय विधानसभा सत्र के मद्देनजर एक दिन पहले यानि 24 अक्तूबर को चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। चूंकि सत्र से पहले स्पीकर और डिप्टी स्पीकर की नियुक्ति होनी है, पार्टी इसके लिए संभावित उम्मीदवारों के नामों पर मंथन करेगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर इन पदों के लिए उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा कर चुके हैं। स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के नामों की घोषणा 25 अक्टूबर को विधानसभा सत्र के दौरान की जा सकती है। चयन प्रक्रिया के दौरान पार्टी का कोई एक विधायक संबंधित विधायक के नाम का प्रस्ताव रखेगा और बाकी विधायक उस पर मुहर लगाएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री चुने गए स्पीकर को स्पीकर की कुर्सी पर बैठाएंगे। इस दौरान डिप्टी स्पीकर के नाम की भी घोषणा की जाएगी।
माना जा रहा है कि करनाल और जींद से क्रमश: हरविंदर कल्याण और कृष्ण मिड्ढा इस पद के लिए सबसे आगे हैं। राजनीतिक संतुलन बनाने के लिए उन्हें स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के पद के लिए फाइनल किया जा सकता है। दोनों जिलों में जुलाना विधानसभा को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन मंत्रिमंडल में किसी को जगह नहीं मिल पाई। ऐसे में करनाल की घरौंडा सीट से तीसरी बार जीत दर्ज करने के बाद हरविंदर कल्याण स्पीकर पद के लिए मजबूत दावेदार हैं, जबकि डिप्टी स्पीकर पद के लिए पंजाबी चेहरा कृष्ण मिड्ढा हैं।
इनके अलावा दो ब्राह्मण चेहरे मूलचंद शर्मा और रामकुमार गौतम भी मैदान में हैं। चूंकि सदन में डॉ. रघबीर कादयान सबसे वरिष्ठ विधायक हैं, इसलिए वे शपथ दिलाएंगे। डॉ. रघबीर कादयान को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है और वे विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं। खास बात यह है कि सदन की कार्यवाही में राज्यपाल का अभिभाषण और उस पर चर्चा भी शामिल होगी।
2019 में बनी भाजपा सरकार का पहला विधानसभा सत्र 3 दिन चला था, लेकिन इस बार इसे एक दिन तक सीमित कर दिया गया है। यह पहली बार नहीं है कि 7 बार विधायक रह चुके रघुवीर कादियान प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी संभालें और विधायकों को शपथ दिलाएं, इससे पहले 2014 और 2015 में भी उन्हें विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दोनों बार उन्होंने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई थी।