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विधानसभा चुनाव से पहले बीरेंद्र सिंह और दुष्यंत चौटाला के परिवारों में भी मचा सियासी घमासान
डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), BJP On JJP, चंडीगढ़ : हरियाणा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ही प्रदेश की सियासी जमीन में काफी हलचल महसूस की जा रही है। सत्ताधारी भाजपा-जजपा बेशक मिलकर सरकार चला रहे हैं, लेकिन भाजपा निरंतर संकेत दे रही है कि आने वाले चुनाव में किसी पर निर्भर नहीं है। साथ ही पार्टी की तरफ से बार-बार इशारा किया जा रहा है कि वो सहयोगी जजपा को अपनी जरूरत के हिसाब से तवज्जो देगी। जजपा को उससे कोई ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। इसका संकेत पिछले कुछ दिनों पार्टी की तरफ से दिया जा रहा है।
जजपा दिग्गज और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पिछली दफा उचाना से चुनाव जीता था और भाजपा के राज्य प्रभारी बिपलब देव ने सार्वजनिक मंच पर कहा कि भाजपा की तरफ से उचाना से चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता चुनाव जीतेंगी। मतलब साफ है कि भाजपा उचाना से प्रेमलता को टिकट देगी। इसको लेकर दुष्यंत भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो उचाना से मैदान में उतरेंगे। वहीं भाजपा आने वाले चुनाव को देखते हुए शब्दों का संतुलन बनाए रखने के लिए हरसंभव विकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।
पहले भाजपा, फिर जजपा और अब फिर भाजपा तीखे मूड में
कई माह पहले भाजपा नेताओं की तरफ से अनेक बार संकेत दिया गया है कि पार्टी आने वाले चुनाव में अकेले ही उतरेगी। पार्टी के दिग्गज नेताओं ने साफ किया है गठबंधन फिलहाल सरकार चलाने भर के लिए महज है। गठबंधन के भविष्य को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़, बिपलब देव और सीएम मनोहर लाल सहित कई दिग्गजों ने साफ तौर पर संकेत दिया है कि भाजपा ही मुख्य सत्ताधारी दल है। इसके बाद कुछ दिन पहले जजपा दिग्गज दिग्विजय चौटाला ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में वो ठाठ नहीं है जो पूर्व की उनकी सरकार में थे। इस बयान ने सत्ता के गलियारों में काफी सुर्खियां बटोरी। इसके बाद से भाजपा नेता हमलावर हैं। चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे व भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि जजपा नेताओं द्वारा अब यह कहा जाना कि गठबंधन की सरकार में ठाठ नहीं है। यह पूरी तरह से गलत है।
बिप्लब देब हमलावर, बोले समर्थन के बदले मंत्री भी बनाया
भाजपा इंचार्ज बिप्लब देव हरियाणा में जजपा के साथ गठबंधन को लेकर निरंतर मुखर हो रहे हैं। 6 जून को भी फरीदाबाद में पार्टी के एक कार्यक्रम में दुष्यंत के बयान का कड़ा जवाब दिया। दुष्यंत ने कहा था कि कुछ लोगों को पेट में दर्द है। इस पर देव ने कहा कि न तो उनको पेट दर्द है और न ही वो कोई डॉक्टर हैं। उनका काम प्रदेश में भाजपा को मजबूत करना है। इसी दिशा में वो काम कर रहे हैं। माना जा रहा है कि बिपलब देव ने जो रुख अख्तियार किया हुआ है, इसमें पार्टी हाईकमान और प्रदेश नेतृत्व दोनों की सहमति है। आगे बिप्लब ने कहा कि अगर जजपा ने उनको समर्थन दिया है तो उनकी पार्टी ने उनके विधायकों को मंत्री भी बनाया है।
दोनों परिवारों के बीच राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई
चौधरी बीरेंद्र सिंह और दुष्यंत चौटाला के परिवारों के बीच लंबे समय से सियासी जंग जारी है। दोनों ही परिवारों का हिसार व आसपास के क्षेत्रों में खासा प्रभाव है। पिछले लोकसभा चुनाव में बृजेंद्र सिंह ने दुष्यंत चौटाला को भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए पटखनी थी। इससे पहले दुष्यंत हिसार से सांसद थे। उस वक्त चौटाला परिवार एकजुट था और इनेलो से टूटकर जजपा अस्तित्व में नहीं आई थी। वहीं पिछली बार के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला उचाना से विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता को हराया था। इससे पहले और भाजपा सरकार की पहली पारी में प्रेमलता ने उचाना से ही चुनाव जीता था। इससे पहले भी दोनों परिवार हिसार व अन्य सीटों से आमने-सामने रहे हैं।
भाजपा खुलकर चौधरी बीरेंद्र सिंह के साथ आई, आने वाले चुनाव से पहले बदलते समीकरण
बेशक चुनाव में करीब एक साल का समय पड़ा है, लेकिन राजनीतिक समीकरण बेहद तेजी से बदल रहे हैं। भाजपा एक तरह से खुलकर चौधरी बीरेंद्र सिंह के समर्थन में आती दिख रही है। भाजपा इंचार्ज विप्लब देव के बयान से साफ है कि पार्टी बीरेंद्र सिंह के साथ है और आने वाले चुनाव में वो उनको तवज्जो देगी। आने वाले चुनाव में मुकाबला एकतरफा नहीं रहने वाला है। भाजपा और जजपा में भावी गठबंधन को लेकर कुछ भी साफ तौर कहना जल्दबाजी होगा। ऐसे में भाजपा सभी विकल्पों को साथ लेकर चल रही है। अगर आने वाले चुनावों में भाजपा और जजपा में एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर सलाह नहीं बना पाती तो पार्टी को हिसार व जजपा की प्रभाव वाले इलाकों में बीरेंद्र सिंह की जरूरत पड़नी लाजिमी है। इस बात का इल्म खुद भाजपा को भी है।
दुष्यंत बोले- उचाना से ही चुनाव लड़ेंगे, बीरेंद्र सिंह का भी चैलेंज
वहीं भाजपा इंचार्ज के बयान से कहीं न कहीं दुष्यंत चौटाला की दिक्कत बेशक बढ़ी है, लेकिन दुष्यंत ने साफ कर दिया है कि वो उचाना से ही चुनाव लड़ेंगे। हालांकि वो एक तरह से जजपा पार्टी के कर्ता-धर्ता हैं तो दो सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला करें तो इस पर भी किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए। दुष्यंत ने जारी सियासी जुबानी जंग के बीच कहा कि कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है।
उनका इशारा भाजपा और बीरेंद्र सिंह की तरफ था। वहीं दूसरी तरफ बीरेंद्र सिंह लगातार सियासी बाण छोड़ रहे हैं। कुछ दिन पहले जजपा नेताओं की तरफ से बीरेंद्र सिंह को भाजपा का प्राइमरी मेंबर महज बताया गया था। इसको लेकर बीरेंद्र सिंह ने निशाना साधा और उन्होंने एक कार्यक्रम में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ की मौजूदगी में उनसे रुबरु होते सवाल पूछा कि जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष यदि मुझे किसी टिप्पणी में प्राइमरी मेंबर कहें तो उस पर उनको संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि एक लाख लोगों के साथ 2 अक्टूबर को सम्मेलन करूंगा, यदि एक लाख लोग न हुए तो राजनीति छोड़ दूंगा।