India News Haryana (इंडिया न्यूज), Abhay Singh Chautala : जिला स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुआ लोकसभा का चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा गया था। 400 पार का नारा देकर भाजपा का मकसद देश का संविधान बदलना था जिससे प्रचार हो गया कि अगर भाजपा 400 पार कर जाएगी तो आरक्षण खत्म कर देगी। ये ऐसे मुद्दे थे जिससे देश मे हालात ऐसे बन गए कि लोगों ने एनडीए के उम्मीदवार को हराने के लिए इंडिया के उम्मीदवार को जिताकर लोकसभा में भेजने का मन बना लिया था।
लोग हमें कहते थे कि लोकसभा में बीजेपी को हराने के लिए इंडिया गठबंधन को वोट देंगे। लेकिन विधानसभा में हम इनेलो को वोट करेंगे। वहीं भूपेंद्र हुड्डा लगातार भाजपा की मदद करने में लगा हुआ था। अगर भूपेंद्र हुड्डा इंडिया गठबंधन में इनेलो को लेकर हठधर्मी न करता तो भाजपा हरियाणा में एक भी सीट नहीं जीत पाती। हुड्डा मनोहर लाल खट्टर को जिताना चाहता था इसलिए उनके खिलाफ कमजोर उम्मीदवार को उतार दिया।
उन्होंने कहा कि चौ. ओम प्रकाश चौटाला की एक सोच रही है कि अगर लोकसभा में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय दल के उम्मीदवार जीत कर नहीं जाएंगे तो ये राष्ट्रीय पार्टियां अपनी मर्जी से फैसले लेकर आम लोगों के खिलाफ कानून बनाएंगे। राष्ट्रीय दल पूंजीपतियों के हितों के लिए कानून बनाते है उनको आम आदमी से कोई सरोकार नहीं है। 2005 में केंद्र में सत्ता में रहते कांग्रेस ने ही तीन काले कृषि कानूनों का ड्राफ्ट तैयार किया था और उसे लागू करने के लिए लोकसभा में लेकर आई थी।
उस समय दीपेंद्र हुड्डा ने लोकसभा में उस बिल के पक्ष में भाषण दिया था और कहा था कि मैकडॉनल्ड्स कंपनी सबसे ज्यादा आलू खरीदती है तो हम उनके लिए 2-2 फीट के आलू पैदा करके देंगे। उस पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा था कि आप अपने आप को किसान परिवार से कहते हैं लेकिन यह भी नहीं पता कि लोकी तो 2 फीट की हो सकती है लेकिन आलू नहीं हो सकते। इस पर कांग्रेस को शर्मिंदा होना पड़ा था। उस समय विपक्ष ने इस बिल का विरोध किया था और बिल पास नहीं हो सका था। उसके बाद केंद्र में बीजेपी पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई तो उन्होंने तीन काले कृषि कानूनों को ऑर्डिनेंस लाकर लागू कर दिया था।
उन्होंने कहा कि अब भाजपा से तो लोग दुखी हैं लेकिन कांग्रेस से भी उनकी अंदरूनी फूट के कारण परेशान हैं। आज भूपेंद्र हुड्डा के गलत निर्णयों की वजह से कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है जिससे कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है। जल्दी ही यह खबर भी आ सकती है कि जो हुड्डा के सबसे करीबी हैं वो भी कांग्रेस छोडक़र चले जाऐंगे। विधानसभा की टिकट बंटने के समय कांग्रेस में और भी भगदड़ मचेगी क्योंकि एक-एक सीट पर हुड्डा ने 10 से 15 उम्मीदवारों को धापकी दे रखी है।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि बदलाव आते देर नहीं लगती चुनाव के समय मतदाता कब किसके पक्ष में वोट डाले ये फैसला भी थोड़े समय में बदल देता है। उदाहरण सबके सामने है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में दुष्यंत उचाना से 57 हजार वोटों से जीता था और तीन महीने बाद ही उसी को विधानसभा में उचाना के लोगों ने 6200 वोटों से हरा दिया था। उसी प्रकार नारनौंद से जहां लोकसभा में 45 हजार वोट से जीते थे लेकिन विधानसभा में वहां भी 5 हजार वोट से उम्मीदवार हार गया था। इनलो नेता अजीत बाबी, रतन सिंह सौरोत, रानी रावत, आसिफ भिमसिका ने अभय सिंह चौटाला का पलवल पहुंचने पर फूलमालाओं से जोरदार स्वागत किया।
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