India News Haryana (इंडिया न्यूज), Lok Sabha Elections Worried BJP : लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे काफी आश्चर्यजनक रहे हैं। हरियाणा में कांग्रेस ने बीजेपी के क्लीन स्वीप अभियान को रोकते हुए आधे पर समेट दिया। पिछली बार के मुकाबले कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की सभी दस लोकसभा सीटों पर वोटों में अच्छा खासा इजाफा किया। वहीं, बीजेपी का सभी सीटों पर वोट प्रतिशत घटा है। बीजेपी का वोट पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 12.1 प्रतिशत कम हुआ है। बीजेपी ने सबसे बड़ी जीत करनाल में दर्ज की, लेकिन यह जीत भी बीजेपी के लिए चिंता बढ़ाने वाली साबित हुई। कांग्रेस ने पिछले कई लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार करनाल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिखाया।
वहीं राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक युवा प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा ने लोकसभा चुनाव में दो बार के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर को कड़ी टक्कर दी। बुद्धिराजा का यह पहला चुनाव था, जबकि खट्टर दो बार करनाल विधानसभा से जीतकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। खट्टर ने चुनाव लड़ने के लिए सबसे सेफ सीट को चुना था, क्योंकि पिछली बार करनाल से बीजेपी करीब साढे 6 लाख वोटों के अंतर से जीती थी। इस बार भी बीजेपी ने कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा में देरी के चलते करनाल सीट पर रिकार्ड मतों से जीत का दावा किया था, लेकिन बुद्धिराजा की एंट्री के बाद यह दावा हल्का पड़ता हुआ नजर आया।
उम्मीदवार के तौर पर बुद्धिराजा का नाम घोषित होते ही अचानक से साल 2018 का एक केस सामने आ जाता है और चुनाव प्रचार छोड़कर दिव्यांशु को कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं। लेकिन यह मामला बेरोजगार युवाओं का मुद्दा उठाने का था। इसलिए कोर्ट से राहत मिलने पर बुद्धिराजा दोगुनी ऊर्जा से दोबारा चुनाव में ताल ठोकते हैं। ग्राउंड पर इसका असर भी देखने को मिला और रिकॉर्ड जीत का दावा करने वाली भाजपा ने मनोहर लाल के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए अपने शीर्ष नेतृत्व को मैदान में उतारना पड़ा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री व अन्य संतों को खट्टर के समर्थन में चुनाव प्रचार के मैदान में उतरना पड़ा। इसके बावजूद भी बीजेपी को पिछले 2 लोकसभा चुनाव के मुकाबले सबसे कम मार्जिन से जीत मिली।
कांग्रेस की बात करें तो करनाल में कांग्रेस ने 2019 के चुनाव में केवल 94 बूथों पर लीड मिली थी, जबकि इस बार 2024 में रिकार्ड 602 बूथों पर लीड़ लेने का काम किया है। साल 2019 में कांग्रेस ने नीलोखेड़ी विधानसभा में 12 बूथों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2024 में 95 बूथों पर जीत मिली है। इंद्री विधानसभा में साल 2019 में 09 बूथों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2024 में 73 बूथों पर जीत मिली है। करनाल विधानसभा में साल 2019 में 02 बूथों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2024 में 29 बूथों पर जीत मिली है। घरौंडा विधानसभा में साल 2019 में 08 बूथों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2024 में 59 बूथों पर जीत मिली है। असंध विधानसभा में साल 2019 में 27 बूथों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2024 में 110 बूथों पर जीत मिली है।
पानीपत ग्रामीण विधानसभा में साल 2019 में 03 बूथों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2024 में 61 बूथों पर जीत मिली है। पानीपत शहरी में साल 2019 में 02 बूथों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2024 में भी 02 बूथों पर जीत मिली है। इसराना विधानसभा से साल 2019 में 17 बूथों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2024 में 93 बूथों पर जीत मिली है। समालखा विधानसभा क्षेत्र में साल 2019 में 14 बूथों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2024 में 80 बूथों पर जीत मिली है।
करनाल लोकसभा की नौ विधानसभाओं में भी पिछले चार लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कांग्रेस को ज्यादा वोट प्राप्त हुए है। करनाल विधानसभा से 55394 वोट मिले है। समालखा विधानसभा से 62297 वोट, इसराना विधानसभा से 51896 वोट, पानीपत शहरी विधानसभा से 37915 वोट, पानीपत ग्रामीण विधानसभा से 61252 वोट, असंध विधानसभा से 61290 वोट, घरौंड़ा विधानसभा से 56815 वोट, इंद्री विधानसभा से 59146 वोट, नीलोखेड़ी विधानसभा से 58432 वोट प्राप्त हुए है, जोकि पिछले चार लोकसभा चुनाव के मुकाबले प्रतिशत में सर्वाधिक है।
कांग्रेस को साल 2009 के लोकसभा चुनाव में करनाल से 37.57 प्रतिशत वोट मिली थी, साल 2014 में 19.7 प्रतिशत वोट मिली , 2019 में 19.6 प्रतिशत वोट मिलीं जबकि इस बार 2024 में कांग्रेस को पिछले चार चुनावों से सर्वाधिक 37.61 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी संजय भाटिया को 9,11,594 वोट मिले थे और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप शर्मा को 6,56,142 वोटों से हराया था। वहीं, इस बार बीजेपी के प्रत्याशी मनोहर लाल को सिर्फ 7,39,285 वोट मिलीं और उनकी जीत का अन्तर घटकर 2 लाख 32 हजार 577 रह गया। यही वजह है कि भाजपा करनाल से अपनी जीत पर भी उत्साहित नहीं है और कांग्रेस इस हार में भी अपनी बड़ी जीत देख रही है।
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