India News Haryana (इंडिया न्यूज), Rekha Sharma Rajya Sabha Candidate : तमाम कयासों और चर्चाओं के विपरीत भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हरियाणा में 20 दिसंबर को होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। पिछले कुछ साल में भाजपा राजस्थान व हरियाणा सहित कई राज्यों में नए-नए प्रयोग करती आई है जोकि सफल भी रहे हैं।
एक बार फिर भाजपा ने सबको चौंकते हुए ऐसे कैंडिडेट को टिकट दी है, जिनके नाम की चर्चा कहीं आसपास भी नहीं थी। हालांकि टिकट की कतार में कई महिलाएं भी थीं, लेकिन भाजपा ने रेखा शर्मा को टिकट दी। कुलदीप बिश्नोई, सुनीता दुग्गल, मोहनलाल बड़ौली, कैप्टन अभिमन्यु, रामबिलास शर्मा, ओपी धनखड़ और डॉ. बनवारी लाल समेत कई भाजपा के दिग्गज नेता राज्यसभा सीट के लिए कतार में थे, लेकिन उनकी उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा।
आपको बता दें कि रेखा शर्मा राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रह चुकी हैं। हरियाणा के पंचकूला की रहने वाली रेखा शर्मा को 2017 में महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। रेखा शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी माना जाता है।
गौरतलब है कि मोदी के हरियाणा के संगठन मंत्री रहने के दौरान रेखा शर्मा ने पंचकूला में भाजपा कार्यालय की जिम्मेदारी संभाली थी। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद रेखा शर्मा 2015 में राष्ट्रीय महिला आयोग में शामिल हुईं और 29 सितंबर 2017 को आयोग की अध्यक्ष नियुक्त की गईं। उन्होंने उत्तराखंड से राजनीति विज्ञान में डिग्री हासिल की। वह पंचकूला में भाजपा सचिव के पद पर भी रहीं।
हरियाणा में सत्ता में आने के बाद भाजपा का फोकस लगातार गैर जाट राजनीति पर रहा है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी इसकी झलक देखने को मिली। खाली राज्यसभा सीट के लिए कई जाट भाजपा चेहरे की कतार में थे, जिनमें मुख्य रूप से कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ का नाम चर्चा में था। लेकिन दोनों की उम्मीदों को कड़ा झटका लगा। गौरतलब है कि कैप्टन अभिमन्यु लोकसभा चुनाव मैं टिकट के दावेदारों में थे लेकिन उनको हिसार से टिकट नहीं मिली थी। कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ दोनों को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा
एक बार फिर बता दें कि हरियाणा में राज्यसभा टिकट के लिए एससी समुदाय से कई बड़े चेहरे कतार में थे। एससी समुदाय की दावेदारी सबसे ज्यादा इस टिकट पर इसलिए जताई जा रही थी, क्योंकि कैबिनेट मिनिस्टर कृष्ण लाल पंवार जिनके इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई थी, वह खुद भी इसी समुदाय से आते हैं, इसलिए तमाम जातीय समीकरणों के मद्देनजर यह माना जा रहा था कि समुदाय से आने वाले ही किसी भाजपा नेता को उम्मीदवार बनाया जा सकता है लेकिन हुआ इसके विपरित।
पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, पूर्व मंत्री डॉ बनवारी लाल और सुदेश कटारिया समुदाय से टिकट के दावेदार थे लेकिन निराशा हाथ लगी। उपरोक्त नेताओं के अलावा बिश्नोई वर्ग से आने वाले भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई भी लगातार राज्यसभा टिकट के लिए भाग दौड़ कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उनको भी तवज्जो नहीं दी। लोकसभा चुनाव में जब उनका टिकट नहीं मिली तो वह पार्टी से लगातार नाराज बताई जा रहे थे और अबकी बार उनके बेटे भव्य बिश्नोई को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
Haryana Village: हरियाणा का अनोखा गांव जहां शादी पर नहीं बजता DJ, न ही होता मत्यु भोज
इस एक सीट से भाजपा उम्मीदवार रेखा शर्मा का राज्यसभा सांसद चुना जाना तय है, क्योंकि 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के 48 विधायक हैं। इसके अलावा 3 निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा को समर्थन दिया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 37 विधायक हैं, जबकि 2 विधायक इनेलो के हैं। उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह चुके हैं कि चूंकि कांग्रेस के पास विधायकों की अपेक्षित संख्या नहीं है, इसलिए पार्टी राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारेगी।
ऐसे में 10 दिसंबर तक भाजपा प्रत्याशी के अलावा कोई अन्य नामांकन दाखिल करेगा तो ही 20 नवंबर को मतदान होगा। उल्लेखनीय है कि वह 10 दिसंबर को मुख्यमंत्री नायब सैनी और हरियाणा भाजपा अध्यक्ष मोहनलाल बडोली की मौजूदगी में नामांकन दाखिल करेंगी। इसके मद्देनजर भाजपा के सभी मंत्रियों और विधायकों को इस मौके पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पानीपत दौरे से पहले भाजपा ने हरियाणा के अलावा आंध्र प्रदेश और ओडिशा के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी।