इंडिया न्यूज, Haryana News : हरियाणा में विदेशी निवेश को आकर्षित करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में विदेशों के साथ परस्पर सहयोग की संभावनाओं को तलाशने के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल (Chief Secretary Sanjeev Kaushal) ने यहां 7 देशों में भारत के राजदूतों के साथ अहम बैठक की।
कौशल ने राजदूतों को हरियाणा के सकल घरेलू उत्पाद, राजस्व संग्रहण, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, निवेश अनुकूल नीतियों, कौशल विकास तथा लॉजिस्टिक्स सुविधाओं इत्यादि के बारे में जानकारी दी। हरियाणा के समग्र दृष्टिकोण से प्रभावित होकर राजदूतों ने हरियाणा के साथ कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग हेतु दिलचस्पी दिखाई।
कौशल ने बताया कि लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के मामले में हरियाणा देश में दूसरे तथा उत्तर भारत में पहले नंबर पर है। दुनिया की 400 फॉर्च्यून कंपनियों के कार्यालय गुरुग्राम में स्थापित हैं। देश के क्षेत्रफल का 1.34% और 2.09 प्रतिशत जनसंख्या के बावजूद हरियाणा का देश के सकल घरेलू उत्पाद में 4 प्रतिशत योगदान है।
वर्ष 2019 से प्रदेश में 5.22 बिलियन यूएस डॉलर का निवेश आया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने ई-गवर्नेंस के माध्यम से कई पहल की हैं, जिससे योजनाओं के वितरण में पारदर्शिता आई है।
समय की जरूरत के अनुसार जल संरक्षण के महत्व को समझते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दूरदर्शी सोच के परिणामस्वरूप राज्य सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की है। जल संरक्षण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
इसके अलावा, प्रदेश में फसल विविधीकरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है और किसानों को भी फसल विविधीकरण को अपनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों को केंद्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है। केंद्र के साथ साथ अन्य राज्य भी हरियाणा की योजनाओं का अध्ययन कर रहे हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा की जीडीपी विकास दर लगातार बेहतर बनी हुई है। राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि एवं संवर्द्धन गतिविधियों का 17 प्रतिशत, सर्विस सेक्टर का 47 प्रतिशत और उद्योग का 36 प्रतिशत योगदान है। वर्ष 2021-22 में हरियाणा से 28.9 बिलियन यूएस डॉलर का निर्यात हुआ है। इनमें मुख्यत: चावल, आईटी, हथकरघा और हस्तशिल्प, आॅटोमोबाइल और मेटलवेयर, मशीनरी और पार्ट्स, ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स उत्पाद शामिल हैं।
कौशल ने बताया कि ईज आफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में हरियाणा टॉप अचीवर्स रहा है। लॉजिस्टिक्स ईज एक्रॉस डिफरेंट स्टेट लीड्स सर्वे-2022 में अचीवर रहा। इसके अलावा लैंडलॉक राज्यों में निर्यात सूचकांक तैयार करने वाला हरियाणा पहला राज्य है।
एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने व विकास के मामले में हरियाणा देश में तीसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए पद्मा योजना “एक ब्लॉक-एक उत्पाद” चलाई गई है। इसमें 40 नए क्लस्टर पर फोकस किया जा रहा है। उन्होंने राजदूतों को हरियाणा की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से भी अवगत करवाया। इनमें गुरुग्राम में ग्लोबल सिटी, नारनौल में इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, सोहना में आईएमटी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर विकसित किया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने कहा कि आज हरियाणा मोटर वाहन, आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम, कपड़ा व परिधान, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, लॉजिस्टिक्स व भंडारण क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। राज्य सरकार ने हरियाणा को इलेक्ट्रिक वाहन हब के रूप में विकसित करने के लिए नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति बनाई है।
बैठक में लाइबेरिया में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार यादव, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में भारत के राजदूत राम करण वर्मा, चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत, इटली में भारत की राजदूत डॉ. नीना मल्होत्रा, पराग्वे में भारत के राजदूत योगेश्वर सांगवान, डेनमार्क में भारत की राजदूत पूजा कपूर, जाम्बिया में भारत के उच्चायुक्त अशोक कुमार शामिल हुए।
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