India News Haryana (इंडिया न्यूज़), Haryana Farmers: कंगना वैसे तो अपने दिए हुए बयानों के कारण विवादों में घिरी रहती हैं। लेकिन अब एक बार फिर से कंगना ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे वो चर्चाओं में आ गईं हैं। दरअसल, हरियाणा विधानसभा के बीच किसानों के विरोध पर विवादास्पद टिप्पणी के लिए बीजेपी द्वारा मंडी से सांसद कंगना रनौत की खिंचाई करने के एक महीने बाद, अभिनेता से राजनेता बनीं कंगना ने एक बार फिर यह कहते हुए नया विवाद खड़ा कर दिया कि तीन विवादास्पद कृषि कानून, जिन्हें किसान समूहों के लंबे विरोध के बाद निरस्त किया गया था, उसको सरकार द्वारा वापस लाया जाना चाहिए।
दरअसल चुनावी राज्य हरियाणा में, जहां बीजेपी को लोकसभा चुनावों में किसानों की ओर से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था, वहीं बीजेपी नेताओं ने कथित तौर पर मंडी सांसद की टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया और कहा कि “कंगना जो कहती हैं वो पार्टी का रुख नहीं बनता।” वो अपने खुद के विचार रखती हैं ।उनके विचारों से पार्टी का कुछ लेना देना नहीं हैं। अब इसी बीच एक बार फिर कंगना रनौत ने सोमवार को मंडी में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की, “मुझे लगता है कि जिन कृषि कानूनों को निरस्त किया गया है, उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। मैं समझती हूं कि यह विवादित हो सकता है, लेकिन ये कानून वापस आने चाहिए और किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए।
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अब कंगना के इस फबयान से हरियाणा की राजनीति में भूचाल सा आ गया है । कंगना ने यह भी कहा कि सिर्फ कुछ राज्यों ने कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई है। उन्होंने आगे कहा, “मैं उनसे अपील करती हूं कि वो सभी किसानों के हित में इन कानूनों को बहाल करने की मांग करें।” अब कंगना के इस बयान पर कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया सामने आ गई है। कांग्रेस ने पलटवार करते हुए दावा किया कि बीजेपी उन कृषि कानूनों की बहाली की वकालत करने के लिए कंगना का इस्तेमाल कर रही है। पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्र कंगना को विवादास्पद कृषि कानूनों की बहाली की वकालत करने के लिए मुखपत्र के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
इतना ही नहीं बाजवा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, “अगर बीजेपी अपने बयान के पीछे नहीं खड़ी होती है तो उसे कंगना के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। कंगना रनौत ने लगातार कृषक समुदाय को निशाना बनाया है, जबकि बीजेपी मूकदर्शक बनी हुई है। यह कोई संयोग नहीं है, यह एक सोची-समझी साजिश है। बीजेपी अपने बयानों के जरिए किसानों पर परोक्ष हमला कर रही है।
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