India News Haryana (इंडिया न्यूज), Firing In Land Dispute : पलवल के गांव पातली में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर गोलियां चली। गनीमत यह रही कि गोली किसी को नहीं लगी। जिसकी सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल के साथ शहर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और मामले को शांत कराया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है और कैमरे पर कुछ भी बोलने से बचती हुई नजर आई है।
पलवल के गांव पातली के मौजूदा सरपंच विपिन कुमार ने बताया कि गांव की यह जमीन शामलात की जमीन है और सरकार के भी आदेश है कि इस जमीन पर कोई खरीद फ़रोख़्त नहीं हो सकती है। बावजूद इसके कुछ भूमाफिया जबरदस्ती इस जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। गांव वालों ने भी उनसे यहां पर किसी भी तरह का कंस्ट्रक्शन का काम करने के लिए मना किया। तो हथियारों से लैस उक्त लोगों ने कई राउंड फायर किए। जिसकी वीडियो भी उनके पास है और वह वीडियो पुलिस को भी दे दी गई है। हालांकि गनीमत यह रही है कि इस दौरान किसी को गोली नहीं लगी है। लेकिन गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है।
जमीन पर जबरन कब्जा करने का प्रयास वहीं दूसरे पक्ष की तरफ से दिनेश व रोहित तेवतिया का कहना है कि यह जमीन उन्होंने 2 साल पहले खरीदी थी, जिनके कागजात भी उनके पास हैं। आज वह यहां आए हुए थे, इस दौरान गांव का मौजूदा सरपंच अपने साथियों के साथ मौके पर आया और उन पर हमले का प्रयास कर गोलियां चलाई। उस समय उन्होंने अपने बचाव में अपने लाइसेंसी हथियार से हवा में गोलियां चलाई, जिसके बाद वह मौक़े से भाग गए। उन्होंने गांव के मौजूदा सरपंच पर आरोप लगाते हुए कहा है कि गांव का सरपंच दूसरे लोगों की जमीन पर जबरन कब्जा करने का प्रयास करता है, ताकि वह लोगों से पैसे ऐंठ सकें। इस जमीन के उनके पास कागजात हैं।
15 दिन पहले भी गांव के सरपंच ने उनकी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया था। जिसकी शिकायत भी उन्होंने पुलिस को दी हुई है। लेकिन बावजूद इसके आज तक पुलिस ने उसमें कोई कार्रवाई नहीं की है। अगर समय रहते पुलिस उनकी शिकायत पर कार्रवाई कर देती तो आज उनके ऊपर यह हमला नहीं होता।
उनकी गाड़ियों में भी सरपंच के साथियों द्वारा तोड़फोड़ की गई है। उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ स्थानीय विधायक से भी अपील की है कि पलवल में कानून व्यवस्था को सख्त करे। ताकि लोगों को न्याय मिल सके। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है और कैमरे पर कुछ भी बोलने से बचती हुई नजर आई। जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े होते है।