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First Cabinet Meeting : अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण को विभाजित करने की रिपोर्ट की सिफारिशों को मंजूरी, जानिए क्या हैं सिफारिशें

• LAST UPDATED : October 18, 2024
  • समान अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए उप-वर्गीकरण की आवश्यकता
  • अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों की अंतर-वरिष्ठता के लिए कॉमन मैरिट लिस्ट

India News Haryana (इंडिया न्यूज), First Cabinet Meeting : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में चण्डीगढ़ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय उपरांत आई हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण को विभाजित करने की रिपोर्ट की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान की गई और इसे राज्य सरकार के कार्य नियमों में जोड़ने की भी स्वीकृति प्रदान दी गई।

First Cabinet Meeting : रिपोर्ट की सिफारिशें

सरकारी सेवाओं में वंचित अनुसूचित जातियों के प्रतिनिधित्व का आकलन करने के लिए आयोग द्वारा किए गए समसामयिक अध्ययन के परिणामस्वरूप, आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि वंचित अनुसूचित जातियों का राज्य की सरकारी सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, जबकि अन्य अनुसूचित जातियों का राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग में उनकी जनसंख्या के अनुपात की तुलना में राज्य की सरकारी सेवाओं में पर्याप्त से अधिक प्रतिनिधित्व है।

राज्य सरकार द्वारा उप-वर्गीकरण किए जाने की आवश्यकता

इसके अलावा, आयोग ने सरकारी सेवाओं में आरक्षण को लेकर स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जातियों के लिए बनाए गए आरक्षण में ग्रुप-ए, बी और सी में अन्य अनुसूचित जातियों को ज्यादा लाभ मिला है और ग्रुप-डी की सेवाओं में वंचित अनुसूचित जातियों को अधिक लाभ मिला है, इस असमानता को तोड़ने की आवश्यकता है। इसलिए, समान अवसरों को सुनिश्चित करने और सार्वजनिक रोजगार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उप-वर्गीकरण किए जाने की आवश्यकता है।

सर्वोच्च न्यायालय के सात न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के पहली अगस्त, 2024 के निर्णय के आधार पर सभी सरकारों को अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण की अनुमति दी गई है। हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण और अनुसूचित जातियों की श्रेणी के भीतर आरक्षण के सिद्धांत के लिए कार्यवाही की सिफारिश करता है।

सेवाओं में उप-वर्गीकृत आरक्षण के प्रयोजन के लिए हरियाणा में अनुसूचित जातियां दो श्रेणियों में होंगी

वंचित अनुसूचित जातियां (डीएससी) और अन्य अनुसूचित जातियां (ओएससी)। अन्य अनुसूचित जातियों में चमार, जटिया चमार, रेहगर, रैगर, रामदासी, रविदासी, बलाही, बटोई, भटोई, भांबी, चमार-रोहिदास, जाटव, जाटवा, मोची, रामदासिया शामिल होंगे। वंचित अनुसूचित जातियां (डीएससी) में बाल्मिकी, चूड़ा, भंगी, धानक, ओड, बाजीगर, मजहबी, मजहबी सिख, आद धर्मी- अहेरिया, अहेरी, हरी, हेरी, थोरी, तुरी, कोरी, कोलि, फरेरा – राय सिख, पासी, बटवाल, बरवाला, बौरिया, बावरिया, मेघ, मेघवाल, खटिक, कबीरपंथी, जुलाहा, सैंसी, भेडकूट, मनेश, डूमना, माशा, डूम, सिकलीगर, बारिया, सपेला, सपेरा, सिरकिबंद, डेहा, ढाया, डिया, नट, बडी, बंजारा, बंगाली, बारर, बुरार, बेरार, सनही, परना, गंडिला, गांडिल, गंडोला, ढोगरी, ढांगरी, सिग्गी, मरिजा, मारेचा, छनाल, दागी, डरेन, सनहल, गगरा, संसोई और सरेरा शामिल हैं।

10 प्रतिशत कोटा वंचित अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहेगा

सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 20 प्रतिशत कोटे में से आधा यानि 10 प्रतिशत कोटा वंचित अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहेगा। यदि वंचित अनुसूचित जातियों के उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं तो ही अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवार को शेष रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विचार किया जा सकता है। इसी प्रकार, आधा यानि 10 प्रतिशत कोटा अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहेगा। यदि अन्य अनुसूचित जातियों के उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, तो ही वंचित अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों को शेष रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विचार किया जा सकता है।

अंतर-वरिष्ठता भर्ती एजेंसी द्वारा तैयार की गई कॉमन मैरिट लिस्ट के अनुसार होगी

वंचित अनुसूचित जातियों और अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों की अंतर-वरिष्ठता भर्ती एजेंसी द्वारा तैयार की गई कॉमन मैरिट लिस्ट के अनुसार होगी। वर्तमान रोस्टर प्रणाली के भीतर प्रत्येक ब्लॉक के लिए अलग-अलग रोस्टर अंक निर्धारित करने की आवश्यक नहीं होगी। इस संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर समय-समय पर अनुसूचित जाति की सूची को अपडेट किया जाएगा।

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