डॉ. रविंद्र मलिक, India News, इंडिया न्यूज़, IAS Sudhir Rajpal, चंडीगढ़ : हरियाणा में अगले साल चुनाव होने जा रहे हैं। सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं। सरकार की कोशिश है कि वो नीतियों और विकास कार्यों की जानकारी जनता के बीच पहुंचाए। इसमें सरकार को उच्च अधिकारियों से बड़ी उम्मीद है कि वो सरकार की नीतियों और इसके फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी जनता तक पॉजिटिव रूप में पहुंचाएं, ताकि सरकार को चुनावों में इसका फायदा मिल सके। इसी कड़ी में पिछले कुछ दिनों में व्यापक पैमाने पर आईएएस अधिकारियों के तबादले भी हुए। इसी कड़ी में सीएमओ में भी फेरबदल हुआ।
साथ ही रविवार को सीनियर आईएएस अधिकारियों के तबादले भी हुए, लेकिन इस दिन दो लिस्ट जारी की गई और दोपहर के बाद देर रात आई लिस्ट ने सबको चौंका दिया। वरिष्ठ आईएएस और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुधीर राजपाल को पहली लिस्ट में बेहद महत्वपूर्ण होम सेक्रेटरी पद की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन कुछ ही घंटों बाद उनसे ये जिम्मेदारी वापस ले ली। अफसरशाही में उनसे पदभार वापस लिए जाने की चर्चा लगातार जारी है।
सुधीर राजपाल से होम मिनिस्टर की कुर्सी वापस लिए जाने के पीछे मुख्य रूप से एक ही कारण सामने आया है। उच्च पदस्थ सूत्रों से पता चला है कि उनको कुर्सी देकर देर रात को वापिस लेने के पीछे कास्ट फैक्टर सामने आया। सुधीर राजपाल पंजाबी समुदाय से हैं। उनको पद के लिए चुने जाने के बाद इस बात पर मंथन हुआ कि सरकार और अफसरशाही में उच्च पदों पर पंजाबी समुदाय के लोग हैं। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल, होम मिनिस्टर अनिल विज से लेकर डीजीपी शत्रुजीत कपूर सभी पंजाबी समुदाय से हैं। ऐसे में चुनाव से पहले वोटर्स में ठीक संदेश नहीं जायेगा। इसी के चलते बाद में उनको होम सेक्रेट्री नहीं बनाए जाने का फैसला लिया गया।
सीनियर आईएएस राजेश कुमार खुल्लर 31 अगस्त को रिटायर हो गए। उनको अगले ही दिन बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई। रिटायर्ड आईएएस डीएस ढेसी को मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पदभार से मुक्त कर दिया और नई जिम्मेदारी दे दी गई। उनकी जगह खुल्लर को नई जिम्मेदारी दी गई। खुल्लर भी पंजाबी समुदाय से हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री और होम मिनिस्टर जैसे अहम पद के बाद सीपीएस भी समुदाय से हैं और इस पहलू पर भी खासा मंथन हुआ। चूंकि चुनाव में अब करीब एक साल ही बचा है कि खुल्लर के सामने कई चुनौतियां हैं। उनको सरकार की दिक्कतों को कम करने में अपना पूरा अनुभव झोंकना होगा।
पिछले महीने डीजीपी शत्रुजीत को कपूर कुर्सी पर बैठाया गया। हालांकि तीन अधिकारियों के पैनल में सिनियोरिटी के मामले में उनका नाम तीसरे स्थान पर था। लेकिन वो सीएम के विश्वसनीय अधिकारी रहे है और उनकी गुड बुक्स में रहे हैं जिसका इनको फायदा मिला। चूंकि वो पंजाबी समुदाय से हैं तो कहीं न कहीं इसका भी फायदा मिला। वहीं खुल्लर भी सीएम के करीबी अधिकारियों में रहे हैं।
इससे पहले वो 5 साल तक सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी रहे हैं। एक्सपर्ट की मानें तो कहीं न कहीं पंजाबी समुदाय से होने का फायदा उनको भी मिला। ऐसे में जिस तरह से खुल्लर और कपूर को कहीं न कहीं पंजाबी होने का फायदा मिला है तो वहीं पंजाबी होना सुधीर राजपाल और होम मिनिस्टर की कुर्सी के आड़े आ गया। वो पंजाबी समुदाय से होने के बावजूद भी उतने लकी नहीं रहे।
हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल पंजाबी ब्राह्मण समुदाय से हैं। हालांकि ये कोई ये पॉलिटिकल पोस्ट नहीं है। लेकिन आने वाले चुनाव को देखते हुए सरकार जातीय समीकरण साधते हुए आगे बढ़ रही है। ये एंगल भी सुधीर राजपाल से होम सेक्रेटरी की कुर्सी वापस लिए जाने के पीछे भी ये कारण रहा।
सुधीर राजपाल को होम सेक्रेटरी बनाए जाने के मामले पर पर काफी मंथन हुआ। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और होम मिनिस्टर अनिल विज में भी वार्तालाप हुआ। इसमें कास्ट फैक्टर वाले पहलू पर चर्चा हुई कि बड़े ओहदों पर समुदाय विशेष के लोग हैं तो संतुलन भी जरूरी है। मुख्यमंत्री, होम मिनिस्टर, पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सभी पंजाबी समुदाय से हैं। अगले साल चुनाव हैं और तमाम पहलुओं पर मंथन के बाद रात को सुधीर राजपाल से होम सेक्रेटरी का पद वापस लेकर टीएसवीएन प्रसाद को होम सेक्रेटरी बना दिया। वहीं पूरे मामले पर अनिल विज की तरफ से किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई गई।
सीनियर आईएएस टीवीएसएन प्रसाद के बाद होम सेक्रेटरी के अलावा एफसीआर की जिम्मेदारी है। दोनों ही पद बेहद अहम हैं। इसके अलावा वो हरियाणा भवन, नई दिल्ली के मुख्य रेजिडेंट कमिश्नर सहित सहकारिता विभाग के एसीएस भी है। वहीं एसीएस सुधीर राजपाल के पास स्कूल एजुकेशन, कोपरेशन विभाग और युवा सशक्तिकरण व आंत्रप्रेन्योरशिप विभाग का प्रभार है।
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा को चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग तथा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव लगाया गया है। हाउसिंग फॉर ऑल विभाग और विदेशी सहयोग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजशेखर वुंडरू को हाउसिंग फाॅर आल और नागरिक उड्डयन विभाग के एसीएस के रूप में तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और हरियाणा नागरिक संसाधन सूचना विभाग के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर को सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग तथा विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
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