इंडिया न्यूज, करनाल/यमुनानगर।
Caught stock of English medicines हरियाणा खाद्य एवं औषधि विभाग और एंटी नारकोटिक्स सेल की संयुक्त टीम ने गत देर रात्रि गुप्त सूचना के आधार पर करनाल के घरौंडा में अंग्रेजी दवाइयां व फिजिशियन सैंपल नॉट फॉर सेल रैक का जखीरा पकड़ा है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निर्देशानुसार राज्य में नशे को समाप्त करने के लिए इस प्रकार की कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई के तहत गत यह संयुक्त टीम सचिन कुमार पुत्र मनोहर लाल के मकान नं.-277/3, धर्मवीर कलोनी घरौंडा पहुंची, जहां टीम को भारी मात्रा में अंग्रेजी दवाइयां व फिजिशियन सैंपल नॉट फॉर सेल रैक में अवैध रूप से रखे मिले, जिस बारे सचिन कुमार दवाइयों को रखने बारे कोई लाईसेंस प्रस्तुत नहीं कर पाया और न ही दवाइयों का कोई सेल-परचेज रिकार्ड प्रस्तुत कर पाया। उन्होंने बताया कि जैसा कि दवाईया केवल डॉक्टर की पर्ची पर लाइसेंस्ड केमिस्ट के द्वारा ही रखी व बेची जा सकती है।
इस प्रकार से सचिन कुमार द्वारा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की उल्लघना की गई है, जिसके तहत अंग्रेजी दवाइयों को बिना लाईसेन्स के घर पर सेल के लिए भंडारण किया गया तथा वह भंडारण की गई अंग्रेजी दवाओं का काई सेल परचेज रिकार्ड नहीं दिखा पाया। इसके साथ ही फिजिशियन सैंपल नॉट फॉर सेल को बेचने के लिए रखना भी उल्लघंना है जिस पर कार्यवाही करते हुए एफडीए विभाग द्वारा 84 किस्म की दवाइयों को फॉर्म-16 के तहत 22 पेटियों में डालकर जब्त कर दिया गया तथा 8 प्रकार की दवाइयों के नमूने फार्म-17 के तहत जांच हेतु लिए गए जिसे गवर्नमेंट एनालिस्ट चंडीगढ़ को जांच हेतू भेज दिया गया तथा फॉर्म-16 के तहत जब्त की गई 84 किस्म की दवाइयों की कस्टडी ली गई। फॉर्म- 17 के तहत लिए गए सैंपलों की टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त होने उपरांत सचिन कुमार के विरुद्ध कोर्ट में केस दायर किया जाएगा। उन्होंने यह बताया कि इस संयुक्त टीम में गुरुचरण सिंह, वरिष्ठ औषधि नियंत्रण अधिकारी, करनाल जोन करनाल व रीतु मैहला औषधि नियंत्रण अधिकारी करनाल तथा अन्य शामिल थे।
इसी प्रकार आज एक अन्य छापामारी के दौरान यमुनानगर के आरव मेडिकल स्टोर, नियर निर्मल हॉस्पिटल, रादौर रोड, यमुनानगर से 114 टोरवीरेक्स खांसी की दवाई, ट्रमओडोल, लोमोटिने, कोडीन फॉस्फेट सिरप, प्रॉक्सिवों तथा अन्य दवाइयों को इस मेडिकल स्टोर से जब्त किया गया है तथा यह आरव मेडिकल स्टोर वाला इस सब दवाइयों को बिल नहीं दिखा पाया, जिस एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया जा रहा है।
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