होम / U-23 World Wrestling Championship : हरियाणा के चिराग छिकारा बने नए वर्ल्ड चैंपियन, अल्बानिया में जीता गोल्ड मेडल

U-23 World Wrestling Championship : हरियाणा के चिराग छिकारा बने नए वर्ल्ड चैंपियन, अल्बानिया में जीता गोल्ड मेडल

• LAST UPDATED : October 30, 2024
  • दादा की पेंशन..पिता और चाचा के सपोर्ट से हरियाणा के इस लाल ने किया देश का नाम रोशन
  • राग ने अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में पुरुषों के 57 किलोग्राम फ्री स्टाइल वर्ग में गोल्ड मेडल जीता, जो इस प्रतियोगिता में भारत का एकमात्र स्वर्ण पदक

India News Haryana (इंडिया न्यूज), U-23 World Wrestling Championship : भारत के युवा रेसलर हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव जुंआ निवासी चिराग छिकारा नए वर्ल्ड चैंपियन बन गए हैं।  चिराग ने अल्बानिया के तिराना में आयोजित अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में पुरुषों के 57 किलोग्राम फ्री स्टाइल वर्ग में गोल्ड मेडल जीता है, जो इस प्रतियोगिता में भारत का एकमात्र स्वर्ण पदक है। उन्होंने फाइनल में किर्गिस्तान के रेसलर एब्डीमिक काराचोव को कठिन मैच में 4-3 से हराकर इतिहास रच दिया।

U-23 World Wrestling Championship : वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले भारत के दूसरे रेसलर

छिकारा वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले भारत के दूसरे रेसलर हैं। इससे पहले भारत के अमन सहरावत वर्ल्ड चैंपियन बने थे। चिराग के वर्ल्ड चैंपियन बनने तक का सफर आसान नहीं रहा। चिराग की यात्रा सपनों की ताकत, परिवार के समर्थन और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। इस रेसलर के दादा ने अपनी पूरी पेंशन पोते के डाइट और ट्रेनिंग में लगा दिया।

ब्दिमलिक काराचोव को 4- 3 से हराकर हिंदुस्तान की झोली में सोना डाल दिया

अल्बानिया में आयोजित कुश्ती चैंपियनशिप में चिराग ने पहले राउंड में जापानी खिलाड़ी को 6-1 से हराने के बाद उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में रूसी खिलाड़ी पर 12- 2 की बड़ी जीत के साथ सेमीफाइनल में प्रवेश किया। सेमीफाइनल मुकाबले में चिराग छिकारा ने अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए कजाकिस्तान के एलन ओरलबेक को हराकर फाइनल मुकाबले में प्रवेश किया।

फाइनल में चिराग ने किर्गिस्तान के अब्दिमलिक काराचोव को 4- 3 से हराकर हिंदुस्तान की झोली में सोना डाल दिया। इस तरह यह युवा पेरिस ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता अमन सहरावत के बाद मात्र दूसरा पहलवान है, जिसने अंडर- 23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है।

इंटरनेशनल लेवल पर छाप छोड़ने का था सपना

बता दें कि चिराग छिकारा का जन्म हरियाणा के सोनीपत के छोटे से गांव जुआं में हुआ था। 11 वर्ष की उम्र में उनके परिवार ने उनका वजन बढ़ता हुआ देखा और उन्हें फिट रखने के लिए स्थानीय अखाड़े (कुश्ती अकादमी) में डालने का निर्णय लिया। चिराग के पिता दिनेश छिकारा इलेक्ट्रिशियन हैं।

उनके चाचा वीरेंद्र ने यह कदम पारिवारिक परंपरा के रूप में नहीं, बल्कि चिराग के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उठाया, क्योंकि फैमिली में किसी और ने कभी कुश्ती नहीं खेली थी। चिराग को जब उनके पिता और चाचा अखाड़े ले गए तो इस रेसलर को वहां जाना पसंद नहीं था। हालांकि बाद में चिराग के वहां कई दोस्त बन गए और वही अखाड़ा उनके घर जैसा लगने लगा. कुछ सप्ताह बीत जाने के बाद चिराग को रेसलिंग में दिलचस्पी होने लगी. इसके बाद वह रेसलिंग में इंटरनेशनल लेवल पर छाप छोड़ने का सपना देखने लगे।

इन पहलवानों ने बढ़ाया देश का गौरव

  • पुरूषों के फ्री स्टाइल में सुजीत कलकल ने 70 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीता
  • विक्की चाहर ने 97 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीता
  • अभिषेक ने 61 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीता
  • ग्रीको- रोमन वर्ग में विश्वजीत रामचंद्र मोरे भारत के एकमात्र पदक विजेता रहे, जिन्होंने 55 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीता
  • महिला फ्री- स्टाइल में अंजली ने 59 किलोग्राम भारवर्ग में रजत पदक जीतकर हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया

MP Kumari Selja ने चौ. दलबीर सिंह की 37वीं पुण्यतिथि पर की श्रद्धांजलि अर्पित, जानें कौन थे चौ. दलबीर सिंह

Anil Vij: ‘इनका सारा सिस्टम फेल हो गया’ चुनाव आयोग के बाद अब अनिल विज ने कांग्रेस को लिया लपेटे में