India News Haryana (इंडिया न्यूज), Chirag Paswan Statement: हरियाणा में बीजेपी द्वारा लिया जा रहा हर फैसला उनके लिए एक चुनौती बन रहा है। लगातार हरियाणा सरकार पर विपक्ष हमलावर है। अब हरियाणा में बीजेपी ने आरक्षण के अंदर आरक्षण को लागू कर दिया है लेकिन केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि वो पूरी तरह से इस फैसले के खिलाफ हैं। दरअसल हरियाणा में विधानसभा चुनाव की जीत के बाद बीजेपी ने पहली बैठक का आयोजन किया, जिस बैठक में, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोटा को विभाजित करने का फैसला लिया। केवल इतना ही नहीं नायब सरकार ने इसका एक हिस्सा उन उप-समूहों को देने का फैसला किया है, जिनका रोजगार और शिक्षा में कम प्रतिनिधित्व है।
अब CM सैनी के इस फैसले पर भी विपक्ष हमलावर है जसे लेकर हाल ही में चिराग पासवान का बड़ा बयान सामने आया है, इस मुद्दे को लेकर चिराग ने कहा कि, “लोक जनशक्ति पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वो इसका समर्थन नहीं करती है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जाति की नहीं जमात की बात होनी चाहिए। खासतौर पर तब जब आप अनुसूचित जाति का जिक्र करते हैं जिसका आधार छुआछूत रहा है, जब तक यह मानसिकता या इस सोच के लोग जो आज भी छुआछूत की भावना रखते हैंम, ऐसी परिस्थितियों में अगर इस तरह का सब-क्लासिफिकेशन हुआ तो इससे समस्याएं पैदा होंगी और इस तरह का विभाजन कायम रहेगा।
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वर्ष 2004 में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने समुदायों के भीतर उप-जातियों को वरीयता देने पर रोक लगा दी थी और कहा था कि अनुसूचित जातियां और जनजातियां समरूप समूह हैं। लेकिन 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ ने सकारात्मक कार्रवाई के लिए आरक्षित श्रेणी समूहों के भीतर उप-वर्गीकरण की अनुमति दे दी। हरियाणा सरकार ने कहा कि अब वह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उन उप-समूहों को 22.5 प्रतिशत आरक्षण के भीतर विशिष्ट कोटा आवंटित करने में सक्षम होगी, जिनका रोजगार और शिक्षा में कम प्रतिनिधित्व है।