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क्लर्क भर्ती फर्जीवाड़ा: इतने लाख देकर दिलाई परीक्षा, छह दबोचे

• LAST UPDATED : May 25, 2022

इंडिया न्यूज, Chandigarh: क्लर्क भर्ती मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मालूम रहे कि हाईकोर्ट क्लर्क भर्ती के दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए थे, जिसमें 2019 की क्लर्क भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। पता चला है कि 6 क्लर्कों के बायोमीट्रिक निशान का मिलान ही नहीं हो पाया। इस मामले में उकलाना के प्रदीप कुमार, राहुल, विशाल निवासी गन्नौर, खुशी राम (रोहतक) और बुटाना के मोनू सांगवान ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सामने कबूल किया कि उन्होंने 2 से 3 लाख रुपए देकर अन्य से परीक्षा दिलाई थी।

6 जून तक चलेगी ये जांच प्रक्रिया

आपको बता दें कि यह प्रक्रिया 21 मई से शुरू होकर 6 जून तक चलेगी। अभी तक 6,000 में से मात्र 2983 ने ही दस्तावेजों की जांच कराई है। गड़बड़ी के पकड़े जाने के भय से 50 प्रतिशत अभ्यर्थी दस्तावेज चेक कराने ही नहीं आए। इस भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली बताई जा रही है।

कई लोगों की नौकरी पर संकट के बादल

भर्ती में अतिरिक्त अंकों के आधार पर भर्ती होने वालों की संख्या अधिक है। आयोग ने आर्थिक सामाजिक आधार के अंकों को लेकर भी अलग से जांच शुरू कर दी है। फर्जीवाड़ा करने वालों की पूरी सूची 6 जून के बाद पुलिस को सौंपी जाएगी और केस दर्ज कराया जाएगा। अभी 4748 क्लर्क पिछले दो साल से अलग-अलग विभागों में तैनात हैं। जिस प्रकार भर्ती में गड़बड़ी सामने आ रही है उससे तय है कि काफी की नौकरी जा सकती है।

भारतभूषण भारती की समय में निकाली गई थी भर्तियां

2019 में एचएसएससी के तत्कालीन चेयरमैन भारतभूषण भारती के समय भर्ती निकाली गई थी। अभ्यर्थियों ने परीक्षा में पूछे गए सवालों को लेकर याचिका दायर की थी। 25 अप्रैल को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने क्लर्क भर्ती परीक्षा के तीन सवालों को ठीक माना है। इससे एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ गए हैं और 48 हजार के घट गए हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर इस भर्ती का संशोधित परिणाम जारी करने के लिए ही आयोग दोबारा से दस्तावेजों की जांच कर रहा है।

ये बोले एचएसएससी चेयरमैन

वहीं इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए एचएसएससी चेयरमैन भोपाल सिंह का कहना है कि बायोमीट्रिक निशान न मिलने पर अब तक 6 अभ्यर्थियों को पकड़ लिया गया है और आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने आयोग के सामने स्वीकार किया है कि उन्होंने दूसरों से परीक्षा दिलाई है। ऐ में आशंका है कि काफी संख्या में और भी अभ्यर्थी होंगे जिन्होंने भर्ती में घपला किया है, इसलिए दस्तावेज जांच के समय ही बायोमीट्रिक निशान लिए जा रहे हैं।

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