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Panchkula Gau Seva Samman Ceremony : सीएम सैनी ने गौशालाओं के लिए 216.25 करोड़ की चारा अनुदान राशि की जारी

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  • बोले- प्रदेशभर में जो पंचायतें गौ-चरान की भूमि को ठेके पर देती है, अब उस पैसे का उपयोग गौशालाओं के लिए किया जाएगा

  •  अधिकारियों को रोडमैप तैयार करने के दिए निर्देश

  •  गौ-चरान की भूमि को गौशालाओं की इच्छा अनुसार चारा उगाने के लिए दी जा सकेगी भूमि 

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Panchkula Gau Seva Samman Ceremony : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में गोवंश के संरक्षण की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया है कि प्रदेशभर में गौ-चरान की जितनी भूमि है, उसे चिह्नित किया जाएगा और इस भूमि को जो पंचायतें ठेके पर देती हैं, अब उस पैसे का उपयोग गौशालाओं की गतिविधियों के लिए प्रयोग किया जाएगा।

इसके अलावा, अधिकारियों को भी एक रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत गौ-चरान की भूमि को गौशालाओं की इच्छा अनुसार चारा उगाने के लिए भूमि आवंटित की जा सकेगी। मुख्यमंत्री पंचकूला में आयोजित गौ सेवा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह के दौरान, मुख्यमंत्री ने गौशालाओं के लिए 216.25 करोड़ रुपये की चारा अनुदान राशि जारी की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर बनने वाली गौशाला संचालकों को भी सम्मानित किया।

Panchkula Gau Seva Samman Ceremony : गौशालाओं को बनाएंगे आत्मनिर्भर

नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी दिशा में गौशालाओं को बायोगैस प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और बायोगैस बनाने के लिए तकनीकी सहायता सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

गौ-सेवा सम्मान समारोह में प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए सीएम सैनी।

इसके अलावा, गाय के गोबर से तैयार होने वाले प्रोमो खाद की विधि भी गौशालाओं के साथ साझा की जाएगी, ताकि प्रोमो खाद डीएपी के विकल्प के रूप में उपयोग हो सके। इतना ही नहीं, गाय के गोबर से पेंट, गौमूत्र से फिनायल, साबुन, शैंपू आदि उत्पाद बनाने के लिए भी गौशालाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। इन उत्पादों की बिक्री के लिए सरकार की ओर से मार्केटिंग में सहयोग किया जाएगा।

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प्रदेश की इतनी गौशालाओं में सोलर ऊर्जा प्लांट

उन्होंने कहा कि 330 गौशालाओं में सोलर ऊर्जा प्लांट लगाये गये हैं। शेष बची गौशालाओं में भी सोलर पावर प्लांट लगाने का कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा, ताकि गौशालाएं आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि सरकार गौशालाओं में 2 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा गौ संवर्धन एवं गौ संरक्षण योजना के अंतर्गत देसी नस्ल की गायों को बढ़ावा दिया जाएगा।

इससे ए-टु दूध के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और इसके लाभकारी मूल्य मिलें, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी गौवंश, चाहे नन्दी हो, गौमाता हो, बछड़ा या बछड़ी, सभी की टैगिंग की जाएगी और यह डेटा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा, जिसकी रिपोर्ट वे स्वयं देखेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा समाज फिर से एक बार पुरानी संस्कृति की तरफ बढ़ रहा है। आज घर में जब बच्चे या माता पिता का जन्मदिन होता है तो परिवारजन गौशालाओं में जाकर गौ सेवा करते हैं। यही हमारी संस्कृति है।

प्रदेश सरकार ने गौशालाओं के विकास, गौवंश संरक्षण और प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए उठाए महत्वपूर्ण कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने गौशालाओं के विकास, गोवंश संरक्षण और प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। वर्ष 2014-15में हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए केवल 2 करोड़ रुपये का बजट था। हमने जनसेवा का दायित्व संभालते ही बजट को बढ़ाना शुरू किया। इस साल कुल बजट 510 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक हरियाणा में 215 पंजीकृत गौशालाओं में केवल 1 लाख 74 हजार गोवंश थे। लेकिन इस समय राज्य में 683पंजीकृत गौशालाएं हैं, जिनमें लगभग 4 लाख 50 हजार बेसहारा गौवंश का पालन-पोषण हो रहा है।

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गोवंश संरक्षण के लिए गौशालाओं को दी सहायता

नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पंजीकृत गौशालाओं को पिछले 10 वर्षों में चारे के लिए लगभग 270 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। इसके अलावा, लगभग 350 शेड निर्माण व चारा गोदाम के लिए 30 करोड रुपये की अनुदान राशि दी गई है। इस वित्त वर्ष में 608 गौशालाओं को लगभग 66 करोड़ रुपये चारा खरीद हेतु जारी किए जा चुके हैं।

इतना ही नहीं, पहले गौशालाओं से जमीन की रजिस्ट्री पर 1 प्रतिशत शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब नई गौशालाओं को जमीन की रजिस्ट्री पर कोई भी स्टाम्प ड्यूटी नहीं देनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौशालाओं में गौवंश के स्वास्थ्य की जांच के लिए पशु चिकित्सकों की सुव्यवस्था न होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। उनकी इस समस्या का भी निदान किया है। गौशालाओं में सप्ताह में एक दिन पशुचिकित्सक डयुटी करेगा। साथ ही मोबाइल पशु चिकित्सालय की सेवाएं भी गौशालाओं के लिए उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

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